ICC World Cup 2019: Sourav Ganguly points out two major reasons behind India's loss...

ICC World Cup 2019: Sourav Ganguly points out two major reasons behind India's loss...

Former India captain Sourav Ganguly said India lost the match to England in two stages – the first 10 overs of their chase when Virat Kohli and Rohit Sharma struggled to score quickly and the last 5 overs when Dhoni and Jadhav scored at a run-a-ball despite the asking rate being well over 13 runs per over.

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2 years on, a look at the hits and hurdles of Goods and Services Tax

2 years on, a look at the hits and hurdles of Goods and Services Tax

Implementing a radical and universal reform in an economy as large as India is bound to witness teething troubles and GST did. Two years after it was implemented, the question is whether GST is moving towards its promise of improving tax collections and removing bottlenecks to trade.

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एक जुलाई से कई नियम बदले, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

एक जुलाई से कई नियम बदले, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्ली बैंकों से जुड़े कई बदलाव आज से लागू होने जा रहे हैं। कुछ बदलाव ग्राहकों को राहत देने वाले हैं तो कुछ से जेबें ढीली हो सकती हैं। एक तरफ और चार्ज खत्म होने से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा तो दूसरी तरफ SBI से होम लोन लेने वाले ग्राहकों को रीपो रेट कम होने का लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, बेसिक अकाउंट होल्डर्स को पहले से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अगर झटके की बात करें तो पेटीएम से ट्रांजैक्शंस महंगा होने जा रहा है और बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर भी कैंची चल सकती है। इसके अलावा, कारों की कीमतें भी आज से बढ़ने जा रही हैं। हां, आपकी रसोई का बिल थोड़ा घट सकता है, क्योंकि एलपीजी गैस की कीमतें आज से कम हो गई हैं। तो आइए, इन सभी बदलावों से आपको सिलसिलेवार ढंग से रूबरू कराते हैं... NEFT और RTGS पर चार्ज खत्म आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिये पैसा ट्रांसफर करने पर लगने वाले चार्ज को 1 जुलाई से खत्म करने की घोषणा की है। देश का सबसे बड़ा भारतीय स्टेट बैंक NEFT के जरिए पैसे ट्रांसफर के लिए एक रुपये से 5 रुपये का शुल्क लेता है, वहीं RTGS के राशि स्थानांतरित करने के लिए वह 5 से 50 रुपये का शुल्क लेता है। SBI का होम लोन रीपो रेट से जुड़ेगा SBI 1 जुलाई से अपने होम लोन की ब्याज दरों को रीपो रेट से जोड़ देगा। स्पष्ट है कि अगर हर द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रीपो रेट में बदलाव हुआ तो SBI के होम लोन की ब्याज दरें भी उसी के मुताबिक घटेंगी या बढ़ेंगी। बेसिक अकाउंट होल्डर्स को भी चेक की सुविधा बैंकों में बेसिक अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को भी चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बैंक इन सुविधाओं के लिए खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिए नहीं कह सकते। घरेलू रसोई गैस सिलिंडर 100.50 रुपये हुआ सस्ता बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलिंडर का दाम 100.50 रुपये प्रति सिलिंडर घट गया है। एक जुलाई से दिल्ली में घरेलू इस्तेमाल का सिलिंडर 637 रुपये में उपलब्ध होगा। सब्सिडीयुक्त घरेलू सिलिंडर के लिए भी रिफिल लेते समय 100.50 रुपये कम देने होंगे। सब्सिडीयुक्त सिलिंडर के घरेलू उपभोक्ताओं को एक जुलाई से रिफिल प्राप्त होने पर 737.50 रुपये के बजाय 637 रुपये का भुगतान करना होगा। बचत योजनाओं के इंट्रेस्ट पर चलेगी कैंची अगर आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या योजना या फिर नेशनल सेविंग स्‍कीम (NSC) के तहत निवेश करते हैं तो आपको 1 जुलाई से बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम पर ब्‍याज दर में कटौती करने की तैयारी में है। सरकार जल्‍द ही इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। यह कटौती जुलाई-सितंबर की अवधि के लिए 0.30 फीसदी तक की हो सकती है। महंगा हो जाएगा पेटीएम से ट्रांजैक्शन पहली जुलाई से पेटीएम यूज करना कुछ महंगा हो जाएगा। एक सूत्र ने बताया कि क्रेडिट कार्ड्स के जरिए पेमेंट्स पर 1 प्रतिशत, डेबिड कार्ड्स के लिए 0.9 प्रतिशत और नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिये ट्रांजैक्शंस पर 12 से 15 रुपये तक का चार्ज होगा। कार खरीदना होगा महंगा ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M) ने अपने पैसेंजर व्‍हीकल्‍स की कीमत में 36,000 रुपये तक का इजाफा करने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले के बाद महिंद्रा स्कॉर्पियो, बोलेरो, एक्सयूवी500 जैसी कार महंगी हो जाएंगी। इसी तरह, मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी लोकप्रिय कॉम्पैक्ट सेडान कार डिजायर की कीमत में 12,690 रुपये तक की वृद्धि की है। रेलवे की नई समय सारणी लागू रेलवे एक जुलाई से वह अपनी नई समय सारणी लागू करने जा रहा है। उत्तर रेलवे ने 267 ट्रेनों के समय में बदलाव किया है।


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10 yours vs 10 ours: On education model, Sisodia's challenge to BJP's Nadda

10 yours vs 10 ours: On education model, Sisodia's challenge to BJP's Nadda

Sisodia’s statement was in reaction to Nadda’s speech in BJP’s state working committee meeting in Delhi on Saturday, wherein he had reportedly said the Aam Aadmi Party (AAP) has become a “laughing stock” in Delhi and the BJP is confident about forming government in the national capital, where assembly elections are likely to be held by early 2020.

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कर्ज का बोझ घटाने की कोशिश, मुंबई हेडक्वॉर्टर को बेचना चाहते हैं अनिल अंबानी

कर्ज का बोझ घटाने की कोशिश, मुंबई हेडक्वॉर्टर को बेचना चाहते हैं अनिल अंबानी

मुंबई कर्ज के भारी बोझ तले दबे बिजनेसमैन अनिल अंबानी मुंबई में अपना हेडक्वॉर्टर बेचने या लॉन्ग-टर्म लीज पर देने के लिए ब्लैकस्टोन सहित कुछ ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्मों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि इस साइट को लेकर एक कानूनी विवाद है। सूत्रों का कहना है कि अंबानी दक्षिण मुंबई में अपने बैलार्ड एस्टेट ऑफिस में वापस जाने की योजना बना रहे हैं। अंबानी ने हाल ही में ईटी को बताया था कि 18 हजार करोड़ रुपये के कर्ज वाली रिलायंस कैपिटल कर्ज चुकाने की पूरी कोशिश कर रही है। ग्रुप की योजना इस वित्त वर्ष में कर्ज को 50 प्रतिशत तक घटाने की है। 7 लाख स्क्वेयर फुट में है मुख्यालय सांताक्रूज में मौजूद रिलायंस सेंटर 7 लाख स्क्वेयर फुट में है और इसे बेचने से 1,500-2,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। एक सूत्र ने बताया, 'अनिल अंबानी इस प्रॉपर्टी को बेचने या लॉन्ग-टर्म लीज पर देने की योजना रखते हैं।' अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप अपनी रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज बेचकर कैश हासिल करना चाहता है जिससे कर्ज का बोझ कम किया जा सके। रेटिंग एजेंसियों ने ग्रुप की कुछ कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है। JLL को मिल सकती है जिम्मेदारी हेडक्वॉर्टर को बेचने के लिए रिलायंस ग्रुप इंटरनैशनल प्रॉपर्टी कंसल्टंसी जेएलएल को जिम्मेदारी दे सकता है। रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की कि ग्रुप के मुंबई के हेडक्वॉर्टर सहित रियल एस्टेट ऐसेट्स को बेचने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। ब्लैकस्टोन ने इस डील पर टिप्पणी नहीं की। रिलायंस ग्रुप के हेडक्वॉर्टर की मालिक है। हेडक्वार्टर पर कानूनी विवाद भी हालांकि, हेडक्वॉर्टर को लेकर एक कानूनी विवाद भी है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (MERC) ने अडानी ट्रांसमिशन की ओर से 2017 में रिलायंस इन्फ्रा के रिटेल इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन को खरीदने की अनुमति देने के बाद कहा था कि सांताक्रूज का हेडक्वॉर्टर रिलायंस और अडानी के बीच डील से बाहर रखा गया था और अडानी ग्रुप बाद में रिलायंस इन्फ्रा के समान ऑफिस स्पेस बनाने के लिए छूट नहीं मांग सकता। प्रॉपर्टी बेचने में हो सकती है मुश्किल इसके बाद उपभोक्ताओं के एक समूह ने अपीलेट ट्राइब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी में अपील दायर कर कहा था कि जमीन को अडानी ट्रांसमिशन को ट्रांसफर करने की जरूरत है या यूजर्स को उनके बिलों में जमीन की कीमत के बराबर छूट मिलनी चाहिए। यह मामला अभी ट्राइब्यूनल में लंबित है। एक सूत्र ने कहा कि अनिल अंबानी को इस वजह से प्रॉपर्टी बेचने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।


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बजट के लिए केंद्र सरकार को नहीं मिलेगा RBI का सरप्लस!

बजट के लिए केंद्र सरकार को नहीं मिलेगा RBI का सरप्लस!

दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली फाइनैंस मिनिस्ट्री भले ही के रिजर्व पर नजर लगाए हुए हो, लेकिन हो सकता है कि उसे यह विंडफॉल गेन नसीब न हो। आरबीआई के सरप्लस के उपयोग के बारे में सिफारिश देने का जिम्मा संभाल रही इस रकम से सरकार के कर्ज में कमी लाने या बैंकों को पूंजी मुहैया कराने जैसे सार्थक उपयोग पर विचार कर रही है। इस समिति के सदस्यों के बीच भी मतभेद हैं। मतभेद दूर करने के लिए इसी महीने एक मीटिंग होगी, जिसके बाद समिति 16 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दे सकती है। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि अभी जिस योजना पर चर्चा चल रही है, उसके मुताबिक आरबीआई के सरप्लस से सरकार को मामूली रकम मिलेगी और वह भी एक बार में नहीं मिलेगी। इसका अर्थ यह है कि सरकार 5 जुलाई को पेश किए जाने वाले फाइनैंशल ईयर 2020 के बजट में आरबीआई रिजर्व की बड़ी रकम से कोई हिसाब नहीं बैठा सकेगी। सरकार इस रकम को बजट में शामिल करने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन रिपोर्ट आने में देरी और समिति की राय ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सूत्र ने बताया कि समिति में सरकारी सदस्य यानी फाइनैंस सेक्रेटरी सुभाष गर्ग ने दूसरे सदस्यों की राय पर ऐतराज जताया है, लेकिन ड्राफ्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले सरकार की राय पुख्ता तरीके से रखने के नए प्रयास किए जा रहे हैं। ये मुद्दे औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय और गर्ग के सामने रखे गए हैं। सरकार ने इस संबंध में आरबीआई एक्ट के सेक्शन 47 का हवाला दिया था। सरकार ने इससे पहले जोर दिया था कि वह इकॉनमिक कैपिटल फ्रेमवर्क का रिव्यू ही चाहती है और उसकी नजर आरबीआई के फंड पर नहीं है। हालांकि यह मुद्दा दोनों के बीच विवाद का अहम बिंदु बन गया है। इसी मुद्दे पर फाइनैंस मिनिस्ट्री ने आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 के तहत आरबीआई से कंसल्टेशन की बात की थी। इस कदम को लेकर विवाद हो गया था और यह धारणा बनी थी कि सरकार आरबीआई की स्वायत्तता कम करना चाहती है। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार आरबीआई के कैपिटल फ्रेमवर्क पर चर्चा करना चाहती है, न कि फिस्कल डेफिसिट घटाने के लिए उसे इस पैसे की जरूरत है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर जालान की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति का गठन 26 दिसंबर, 2018 को आरबीआई के इकॉनमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा करने के लिए किया गया था। इससे पहले इस मुद्दे पर आरबीआई और सरकार के बीच काफी बातचीत हुई थी। इस समिति में जालान और गर्ग के साथ आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन के अलावा आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड के दो मेंबर भरत दोशी और सुधीर मांकड़ शामिल हैं।


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आज से महंगा हो जाएगा पेटीएम से ट्रांजैक्शन

आज से महंगा हो जाएगा पेटीएम से ट्रांजैक्शन

रसूल बैले, नई दिल्ली पेटीएम का इस्तेमाल आज से महंगा हो जाएगा। 1 जुलाई से पेटीएम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू करेगी। बैंक और कार्ड कंपनियां डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए एमडीआर लेते हैं। मामले से वाकिफ दो लोगों ने बताया कि नोएडा की कंपनी पेटीएम प्रॉफिटेबल होने के लिए यह कदम उठाने जा रही है। एक सूत्र ने बताया कि इस तरह क्रेडिट कार्ड्स के जरिए पेमेंट्स पर 1 प्रतिशत, डेबिट कार्ड्स के लिए 0.9 प्रतिशत और नेट बैंकिंग और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए ट्रांजैक्शंस पर 12 से 15 रुपये तक का चार्ज होगा। सॉफ्टबैंक और अलीबाबा ग्रुप से निवेश हासिल करने वाली पेटीएम अब तक इस चार्ज का बोझ खुद उठाती रही है और अपने प्लैटफॉर्म से होने वाले पेमेंट्स के लिए अतिरिक्त रकम नहीं लेती रही है। ये नए चार्ज के हर मोड पर लागू होंगे यानी वॉलिट टॉप अप करने से लेकर यूटिलिटी बिल या स्कूल फीस पेमेंट और सिनेमा टिकट की खरीदारी तक पर। एक सूत्र ने कहा, 'हर ट्रांजैक्शन की एक कॉस्ट तो होती ही है। अब पेटीएम यह कॉस्ट कन्ज्यूमर्स पर डालकर उसे कवर करने की कोशि कर रही है।' उन्होंने बताया कि अडीशनल चार्जेज सोमवार से लागू होंगे। पेटीएम ने कहा कि वह केवल एमडीआर का बोझ कन्ज्यूमर्स पर डाल रही है जो बैंक और कार्ड कंपनियां चार्ज करते हैं। उसने कोई कन्वीनिएंस फीस लेने से इन्कार किया। उसके प्रवक्ता ने कहा, 'अगर कोई फीस ली जा रही हो, तो यह दरअसल मर्चेंट की ओर से कस्टमर पर एमडीआर का बोझ ट्रांसफर करने की बात है। पेटीएम कोई कन्वीनिएंस फीस नहीं लेती है और न ही कंज्यूमर्स से एमडीआर लेती है। भविष्य में इन्हें लेने की कोई योजना नहीं है।' एक्सपर्ट्स ने कहा कि यह निर्णय आर्थिक रूप से उचित ही है। ग्रेहाउंड रिसर्च के चीफ ऐनालिस्ट संचित गोगिया ने कहा, '2016 में डिजिटल पेमेंट की अभी शुरुआत ही हुई थी। तब ओवरऑल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर नहीं लगाया जाना चाहिए था। हालांकि बाजार मजबूत हो गया है, लिहाजा कंपनियों के लिए एमडीआर का बोझ कन्ज्यूमर्स पर डालना उचित ही है क्योंकि यह तो उनके लिए एक ऑपरेशनल कॉस्ट है।' उन्होंने कहा, 'पेटीएम जैसी कंपनियों पर निवेशकों का दबाव भी होता है और उन्हें यह साबित करना होता है कि वे प्रॉफिटेबल बन सकती हैं। लिहाजा हर वक्त एमडीआर का बोझ नहीं उठाया जा सकता है।' पिछले साल डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कहा था कि वह 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शंस पर एमडीआर चार्जेज खुद वहन करेगी। यह नियम उन पेमेंट्स के लिए था, जो डेबिट कार्ड्स, भीम, यूपीआई या आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से किए जाएं।


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Rafale to Sabarimala, SC to hear key cases as it reopens after 6 weeks today

Rafale to Sabarimala, SC to hear key cases as it reopens after 6 weeks today

As the Supreme Court reopens on Monday after a six-week summer vacation, there is a likelihood that verdicts reserved in crucial cases such as the Rafale case, the Sabarimala case and bringing the office of the Chief Justice of India (CJI) under right to information act, would be pronounced soon.

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सेंसेक्स की शीर्ष दस में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 36,839 करोड़ रुपये का इजाफा

सेंसेक्स की शीर्ष दस में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 36,839 करोड़ रुपये का इजाफा

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बीते सप्ताह 36,839 करोड़ रुपये तक बढ़ गया। सबसे अधिक लाभ में भारतीय स्टेट बैंक रहा। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी के बाजार पूंजीकरण में बढ़त देखी गयी। वहीं टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण घट गया।भारतीय स्टेट बैंक के बाजार पूंजीकरण में 10,218.68 करोड़ रुपये की बढ़त देखी गयी और यह 3,22,089.23 करोड़ रुपये हो गया। एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 8,485.38 करोड़ रुपये बढ़कर 6,68,555.19 करोड़ रुपये, एचडीएफसी का 9,398.59 करोड़ रुपये बढ़कर 3,78,194.61 करोड़ रुपये, हिंदुस्तान यूनिलीवर का 4,026.53 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,914.89 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का 4,148.44 करोड़ रुपये बढ़कर 2,82,105.47 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 17,242.19 करोड़ रुपये घटकर 7,93,647.61 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस की बाजार हैसियत में 8,517.92 करोड़ रुपये की कमी आयी और यह 8,35,749.88 करोड़ रुपये रहा।इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 8,191.74 करोड़ रुपये घटकर 3,19,783.94 करोड़ रुपये रहा। कोटक महिंद्रा बैंक के पूंजीकरण में 2,520 करोड़ रुपये की कमी आयी और यह 2,81,900.73 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 367 करोड़ रुपये घटकर 3,35,825.21 करोड़ रुपये पर आ गया। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से टीसीएस शीर्ष पर रही। उसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक का स्थान रहा।बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 200.15 अंक यानी 0.51 प्रतिशत बढ़कर 39,394.64 अंक पर पहुंच गया।


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बजट से पहले कारोबारी गतिविधियां सुस्त रहने से तेल तिलहन कीमतों में मामूली घट बढ़

बजट से पहले कारोबारी गतिविधियां सुस्त रहने से तेल तिलहन कीमतों में मामूली घट बढ़

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) आम बजट से पहले बाजार में कारोबारियों की सक्रियता कम रहने, विदेशों में मिले जुले रुख के बीच बीते सप्ताह स्थानीय तेल तिलहन बाजार में कीमतों में मामूली उतार चढ़ाव देखा गया। बाजार सूत्रों के अनुसार कारोबारियों ने बजट घोषणाओं से पहले कारोबार में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई जिससे कारोबार सुस्त रहा। एक ओर साधारण मांग के चलते सरसों तिलहन की कीमत जहां 15 रुपये की हानि के साथ 4000 - 4020 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई, वहीं लिवाली की कमी से सरसों दादरी के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 40 रुपये की हानि के साथ 7,760 रुपये प्रति क्विन्टल रह गये। दूसरी ओर स्थानीय लिवाली बढ़ने के कारण सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी के भाव 15-15 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 1,275-1,575 रुपये और 1,475-1,675 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। विदेशों में तेजी और पर्याप्त स्थानीय मांग से मूंगफली दाना और मूंगफली मिल डिलिवरी गुजरात की कीमतें क्रमश: 100 रुपये और 500 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,740- 4,900 रुपये और 11,500 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड की कीमत 50रुपये की तेजी के साथ 1,850-1,900 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई।तिल मिल डिलिवरी की कीमत पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 1,000 रुपये की तेजी दर्शाती 11,000-16,000 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। बेहद साधारण कारोबार के बीच जहां सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली की कीमत 20 रुपये घटकर 8,080 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई, वहीं सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर की कीमत पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर पर ही बंद हुई। सोयाबीन डीगम की कीमत 50 रुपये की हानि दर्शाती 6,950 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। बिनौला मिल डिलिवरी हरियाणा का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 150 रुपये की तेजी के साथ 7,200 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल की कीमतें 50 - 50 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 5,450 रुपये और 5,850 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई। नारियल तेल सहित विभिन्न अखाद्य तेलों की कीमतें पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर ही बनी रहीं।


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'Not expected to behave so irresponsibly': Sheila-Chacko rift at Rahul's door

'Not expected to behave so irresponsibly': Sheila-Chacko rift at Rahul's door

Dikshit, a three-time chief minister of Delhi, had Friday dissolved the committees based on a report submitted by a five-member panel formed to assess the party’s performance in the recent Lok Sabha polls. The block committees were elected last year when former union minister Ajay Maken was heading the Delhi Congress.

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अमेरिका और तालिबान ने एक बार फिर शुरू की शांति वार्ता

अमेरिका और तालिबान ने एक बार फिर शुरू की शांति वार्ता

दोहा, 30 जून (एएफपी) अमेरिका और तालिबान ने शनिवार को एक बार फिर से शांति वार्ता शुरू की। तालिबान के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। अमेरिका चाहता है कि अफगानिस्तान में इस साल सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह शांति समझौता हो जाए। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका के प्रतिनिधियों और इस्लामिक अमीरात के वार्ता दल के बीच सातवें दौर की बातचीत दोहा में शुरू।’’ वार्ता शुरू होने के डेढ़ घंटे बाद मुजाहिद ने पुरुषों के एक समूह की वीडियो पोस्ट की, जिसमें हथियारों से लैस कुछ नकाबकोश पहाड़ों के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। यह समझौता होने पर अमेरिका करीब 17 साल बाद अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुला सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को अपने काबुल दौरे की घोषणा करते हुए कहा था कि वह ‘‘एक सितम्बर से पहले’’ शांति समझौता होने की उम्मीद करते हैं। एएफपी निहारिका रंजनरंजन


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शिल्पा शेट्टी को आयकर न्यायाधिकरण ने इनकम टैक्स मामले में दी राहत

शिल्पा शेट्टी को आयकर न्यायाधिकरण ने इनकम टैक्स मामले में दी राहत

लुब्ना काबली, मुंबई (आईटीएटी) ने इनकम टैक्स से जुड़े एक मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री को बड़ी राहत दी है। आईटीएटी ने अपने फैसले में अभिनेत्री के वित्त वर्ष 2010-11 की आय में अतिरिक्त 5.4 करोड़ रुपये जोड़ने के आयकर विभाग के फैसले को खारिज कर दिया है। शिल्पा शेट्टी ने वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान अपनी टैक्सेबल आय 7.6 करोड़ रुपये बताई थी, लेकिन आयकर अधिकारियों ने उनकी कुल 13 करोड़ रुपये के टैक्सेबल आय का आकलन किया। आयकर विभाग ने अपने आकलन के बाद अभिनेत्री की आय में '' एडजस्टमेंट के रूप में 5.4 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम जोड़ दी थी। दरअसल, आईपीएल टीम का ब्रैंड एंबेस्डर रहते हुए अभिनेत्री ने अपने रिटर्न में पर्सनल ऐपियरेंस, फोटोशूट्स और अन्य प्रेस इंटरव्यूज से होने वाली आय को शामिल नहीं किया था। इस वजह से आयकर अधिकारियों ने अभिनेत्री की आय में फेयर प्राइस के रूप में 5.4 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम को शामिल कर दिया था। राजस्थान रॉयल्स का मालिकाना हक जयपुर आईपीएल क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (जेआईसीपीएल) के पाश थी, जो एक भारतीय कंपनी थी और जेआईसीपीएल मॉरिशस के एक कंपनी की सहायक कंपनी थी। एक शेयर परचेज अग्रीमेंट के तहत शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा ने बहामास की कंपनी के जरिये मॉरीशस की कंपनी के शेयर खरीदे थे। आयकर अधिकारियों ने तर्क दिया था कि शेट्टी मॉरिशस की कंपनी के शेयर की न तो खरीदार थी और न ही विक्रेता, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शेयर परचेज अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे। इस तरह, ट्रांसफर प्राइसिंग के प्रावधानों के तहत अभिनेत्री और मॉरीशस की कंपनी का संबंध रिलेटेड पार्टी का बनता है।


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अनिल अंबानी पर आ सकती है 7000 करोड़ की नई आफत

अनिल अंबानी पर आ सकती है 7000 करोड़ की नई आफत

रचिता प्रसाद/कृष्ण कुमार, मुंबई की कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी स्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट पर काम कर रही है। इस बीच महाराष्ट्र स्टेट रोड डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन () का कहना है कि वह कंपनी की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही है। उसने कहा कि तय समयसीमा में कंपनी के कामकाज की प्रगति नहीं हुई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। संकट के दौर से गुजर रही है रिलायंस इन्फ्रा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियां गंभीर कर्ज संकट में फंस गईं, जिस वजह से रेटिंग एजेंसियों ने उनकी रेटिंग भी घटा दी। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में ऐतिहासिक घाटा हुआ था। इसके ऑडिटरों ने ही कंपनी की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। रिलायंस ग्रुप की विपरीत वित्तीय परिस्थितियों का असर महाराष्ट्र सरकार की वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रॉजेक्ट पर भी पड़ने की आशंका है। पिछले वर्ष रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को इस प्रॉजेक्ट का ठेका मिला था। तय वक्त में पूरा करेंगे काम: रिलायंस इन्फ्रा एमसीआरडीसी के प्रमुख राधेश्याम मोपलवार ने ईटी से कहा, 'हम प्रॉजेक्ट्स के कामकाज पर रोजाना नजर रख रहे हैं। अगर कंपनी कॉन्ट्रैक्ट में सुनिश्चित टाइमलाइन के मुताबिक डिलीवर नहीं कर पाएगी तो तुरंत ऐक्शन लिया जाएगा। ठेके की शर्तों के मुताबिक उन्हें हर छह महीने में एक माइलस्टोन पूरा कर लेना है। अगर वे पिछड़ते हैं तो भारी जुर्माना चुकाना होगा। अगर वे परफॉर्म नहीं कर पाएंगे तो उन्हें प्रॉजेक्ट से निकलना होगा।' वहीं, रिलायंस इन्फ्रा का कहना है कि वह 24 जून की तारीख से 60 महीनों के अंदर प्रॉजेक्ट पूरा कर लेगी। इन दो प्रॉजेक्ट्स से धोने पड़े थे हाथ रिलायंस इन्फ्रा महाराष्ट्र सरकार के साथ दो साल चले विवाद के बाद 5,000 करोड़ रुपये के वर्ली-हाजी अली सी लिंक प्रॉजेक्ट से बाहर निकल गई थी। मुंबई की पहली मेट्रो लाइन बनाने वाली इस कंपनी को चारकोप-बांद्रा-मानखुर्द रूट पर मेट्रो लाइन 2 से भी हटना पड़ा था। इसका कारण सरकार की ओर से रखी गई कई शर्तों पर कंपनी का खरा नहीं उतर पाना था। रिलायंस इन्फ्रा को इन दोनों प्रॉजेक्ट्स में डिवेलपर की भूमिका मिली थी।


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अमेरिका-चीन व्यापर वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति

अमेरिका-चीन व्यापर वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति

बीजिंग, 29 जून (एएफपी) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शनिवार को चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर शुरू करने के लिए राजी हो गए हैं। चीन की सरकारी मीडिया की खबरों के अनुसार अमेरिका चीन के निर्यात पर नया शुल्क नहीं लगाने के लिए राजी हो गया है । आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने कहा कि दोनों देश ‘‘ समानता एवं आपसी सम्मान के आधार पर ’’ दोबारा वार्ता शुरू करेंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर शनिवार को दोनों राष्ट्रपति ओसाका में मिले थे । एएफपी निहारिका रंजनरंजन


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प्रभावित मैंग्रोव की संख्या घटाने के लिए ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के डिजाइन में बदलाव

प्रभावित मैंग्रोव की संख्या घटाने के लिए ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के डिजाइन में बदलाव

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) रेलवे की बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन का काम देखने वाली एजेंसी एनएचएसआरसीएल ने शनिवार को कहा कि इस परियोजना से प्रभावित होने वाले मैंग्रोव वृक्षों की संख्या 53 हजार से घटा कर 32,044 करने के लिए महाराष्ट्र के ठाणे में स्टेशन के डिजाइन पर फिर से काम किया है । नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) अचल खरे ने बयान जारी कर कहा कि वन्यजीव, वन एवं सीआरजेड की जरूरी मंजूरी ले ली गई है। उन्होंने कहा कि वन संबंधी मंजूरी कुछ शर्तों के साथ मिली है। पर्यावरण मंत्रालय ने एक शर्त रखी है कि ठाणे स्टेशन डिजाइन की समीक्षा की जाए ताकि क्षेत्र में प्रभावित मैंग्रोव की संख्या घटाई जा सके। खरे ने कहा, “ठाणे स्टेशन की जगह में बिना कोई बदलाव करते हुए, प्रभावित होने वाले मैंग्रोव क्षेत्र को कैसे हर संभव तरीके से घटाया जा सकता है-जापानी इंजीनियरों के साथ हमने इस पर चर्चा की और इसके अनुसार उसमें संशोधन किया।” उन्होंने कहा, “पार्किंग क्षेत्र और यात्री संचालन क्षेत्र जैसे यात्री इलाकों को मैंग्रोव क्षेत्र से हटा दिया गया है। स्टेशन की जगह वही है लेकिन इसके डिजाइन में बदलाव के बाद, अब केवल तीन हेक्टेयर मैंग्रोव क्षेत्र ही प्रभावित होगा। पहले 12 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हो रहा था । इस तरीके से हमने प्रभावित होने वाले करीब 21,000 मैंग्रोव वृक्ष घटा लिए हैं और पूरी परियोजना से अब केवल 32,044 मैंग्रोव प्रभावित होंगे। इससे पहले करीब 53,000 मैंग्रोव प्रभावित हो रहे थे।” खरे ने कहा कि एनएचएसआरसीएल ने बुलेट ट्रेन परियोजना से प्रभावित मैंग्रोव के लिए मैंग्रोव प्रकोष्ठ में 1:5 के अनुपात में पैसा जमा कर मुआवजा देगा।


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अमेरिका तालिबान के बीच शनिवार से शुरू होगी दोहा वार्ता

अमेरिका तालिबान के बीच शनिवार से शुरू होगी दोहा वार्ता

इस्लामाबाद, 29 जून (एपी) अमेरिका और तालिबान के बीच शनिवार को कतर में नए सिरे से शांति वार्ता शुरू होने वाली है। गौरतलब है कि इससे ठीक पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि अमेरिका को आशा है कि एक सितंबर तक अफगान शांति समझौता हो जाएगा। दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बताया कि शनिवार सुबह अमेरिका के शांति दूत जलमै खलीलजाद के साथ बातचीत शुरू होगी। एपी अर्पणा रंजनरंजन


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SBI ने घोषित किए 10 बड़े 'विलफुल डिफॉल्टरों' के नाम

SBI ने घोषित किए 10 बड़े 'विलफुल डिफॉल्टरों' के नाम

मुंबईभारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार को फार्मास्युटिकल्स, जेम्स, जूलरी और पावर सेक्टर की 10 बड़ी कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के नामों का खुलासा करते हुए उन्हें विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाला) के रूप में घोषित किया। इनमें अधिकतर कंपनियां मुंबई की हैं। SBI ने कहा कि इन डिफॉल्टर्स के पास बकाया कर्ज की रकम करीब 1,500 करोड़ रुपये है और उनको कर्ज चुकता करने के लिए बार-बार ताकीद की गई। कुफे परेड स्थित स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच-1 द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना के अनुसार, इन चूककर्ताओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सेक्टरों की कंपनियां भी शामिल हैं। यह भी पढ़ें: सूची में सबसे बड़ा डिफॉल्टर स्पैनको लिमिटेड है, जिसके पास बकाया कर्ज की रकम 3,47,30, 46,322 रुपये है। कंपनी का दफ्तर सियोन स्थित गोदरेज कोलिसियम में है और इसके दो निदेशक कपिल पुरी और उनकी पत्नी कविता पुरी पास ही स्थित चेंबुर में रहते हैं। दूसरा डिफाल्टर अंधेरी स्थित कैलिक्स केमिकल्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड है, जिसके पास 3,27,81,97,772 रुपये बकाया कर्ज की राशि है। इनके निदेशक स्मितेश सी. शाह, भरत एस. मेहता और रजत आई. दोशी हैं और सभी मुंबई के हैं। वहीं, रायगढ़ स्थित लोहा इस्पात लिमिटेड के पास बकाया कर्ज की रकम 2,87,30,52,225 रुपये है। इस कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश जी. पोद्दार हैं, जबकि निदेशकों के नाम अंजू पोद्दार (दोनों मुंबई के हैं), मनीष ओ. गर्ग और संजय बंसल (दोनों नवी मुंबई निवासी) हैं। बैंक ने इसके अलावा अन्य डिफॉल्टर कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के नाम भी घोषित किए हैं।


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छोटी बचत पर सरकार ने 0.10% प्रतिशत कम की ब्याज दर

छोटी बचत पर सरकार ने 0.10% प्रतिशत कम की ब्याज दर

नई दिल्लीनैशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) समेत अन्य छोटी बचत पर सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए ब्याज दर 0.10 प्रतिशत कम कर दी है। बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में आ रही कमी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक इस साल तीन बार में अपनी नीतिगत दरों में कुल मिला कर 0.75 कटौती कर चुका है। बचत खाता जमा पर ब्याज दर को छोड़कर सरकार ने अन्य सभी योजनाओं पर ब्याज दर में 0.10% की कमी की है। बचत जमा खाते पर ब्याज दर 4 प्रतिशत वार्षिक ही बनी रहेगी। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के लिए संशोधित ब्याज दरों की अधिसूचना जारी कर दी है। PPF और NSC पर ब्याज इस कटौती के बाद अब PPF और NSC पर वार्षिक ब्याज दर 7.9 प्रतिशत होगी जो अभी 8 फीसदी है। वहीं 113 महीने की परपक्वता वाले किसान विकास पत्र (KVP) पर 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। अभी यह 112 महीने की परिपक्वता पर 7.7 प्रतिशत है। सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर सुकन्या समृद्धि खाते पर अब 8.4 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो फिलहाल 8.5 प्रतिशत है। एक से तीन वर्ष की अवधि वाले सावधि जमा पर अब 6.9 प्रतिशत और पांच वर्ष की अवधि पर 7.7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। आवर्ति जमा के लिए यह ब्याज 7.3 प्रतिशत के बजाय 7.2 प्रतिशत होगा। पांच साल की अवधि वाली वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर अब 8.7 प्रतिशत की बजाय 8.6 प्रतिशत होगी।


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भारतीय मूल का आईटी ठेकेदार भेदिया कारोबार जुर्माने के भुगतान के साथ मामले के निपटान को सहमत

भारतीय मूल का आईटी ठेकेदार भेदिया कारोबार जुर्माने के भुगतान के साथ मामले के निपटान को सहमत

न्यूयॉर्क, 28 जून (भाषा) भारत के सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े ठेकेदार ने करीब आठ लाख अमेरिकी डॉलर जुर्माने का भुगतान कर प्रतिभूति और विनिमय आयोग (सीईसी) द्वारा लगाए गए भेदिया कारोबार के आरोपों के निपटान के लिये सहमति जताई है। राजशेखरन गन्नामनेनी (36) भारतीय नागरिक है। उसका अंतिम ज्ञात निवास सिंगापुर है। सीईसी ने पिछले साल दिसंबर में सिलसिलेवार भेदिया कारोबार योजनाओं में भूमिका के आधार पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और अमेरिका स्थित संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने वाला अस्थायी निरोधक आदेश दिया था। शिकायत के अनुसार अवैध कारोबार राजशेखरन, पत्नी दीप्ति गांद्रा, पिता लिंगा राव गन्नामनेनी और परिवार के एक अन्य सदस्य के नाम पर किया गया। राजशेखरन अपने खिलाफ सीईसी के मामले को लगभग आठ लाख अमेरिकी डॉलर के भुगतान के साथ निपटाने को सहमत हुआ है।


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कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजारों में सतर्क शुरुआत

कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजारों में सतर्क शुरुआत

मुंबई, 28 जून (भाषा) जापान में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत के साथ कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच शुरुआती कारोबार में शुक्रवार को बीएसई के सेंसेक्स एवं एनएसई के निफ्टी में निवेशकों ने सतर्कता बरती। बीएसई के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पर सुबह 9:40 बजे 39.58 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,546.83 अंक पर कारोबार हो रहा था। वहीं एनएसई का निफ्टी 2.85 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,838.70 अंक पर था। इससे पहले बृहस्पतिवार को बीएसई 5.67 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,586.41 अंक और निफ्टी छह अंक यानी 0.05 फीसदी टूटकर 11,841.55 अंक पर बंद हुआ था। इसी बीच शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 71 लाख रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 196.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।


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शुरुआती कारोबार में रुपया 15 पैसे मजबूत

शुरुआती कारोबार में रुपया 15 पैसे मजबूत

मुंबई, 28 जून (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले 15 पैसे मजबूत होकर 68.92 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कल के बंद के मुकाबले मजबूत होकर 69 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला और थोड़े देर के कारोबार के बाद 15 पैसे मजबूत होकर 68.92 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 69.07 के स्तर पर बंद हुआ था।


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बिना अल्कोहल वाली बीयर से कोला ड्रिंक्स को चैलेंज करेंगी हाइनेकेन और एबी इनबेव

बिना अल्कोहल वाली बीयर से कोला ड्रिंक्स को चैलेंज करेंगी हाइनेकेन और एबी इनबेव

स्मिता बलराम/सागर मालवीय, बेंगलुरु/मुंबईदुनिया की दिग्गज ब्रुअर्स- एनहाइजर-बश इनबेव और हाइनेकेन भारत में अपने फ्लैगशिप ब्रैंड्स के नाम से नॉन-अल्कोहलिक बीयर लॉन्च करने जा रही हैं। सुपरमार्केट और रेस्ट्रॉन्ट्स में इन प्रॉडक्ट्स का सीधा मुकाबला पेप्सिको और कोका-कोला जैसी दिग्गज कंपनियों के प्रॉडक्ट्स से होगा। हाइनेकेन के कंट्रोल में काम करने वाली यूनाइटेड ब्रुअरीज अपने बीयर ब्रैंड का एक जीरो अल्कोहल वर्जन लॉन्च कर रही है, जिसे हाइनेकेन 0.0 नाम दिया गया है। वहीं एबी इनबेव अगले हफ्ते बडवाइजर 0.0 को देश में लॉन्च करेगी। नॉन-अल्कोहलिक बीयर में 0.05% अल्कोहल बीयर में वॉल्यूम के हिसाब से जहां 1.2 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक अल्कोहल होती है, वहीं नॉन-अल्कोहलिक बीयर में आमतौर पर 0.05 प्रतिशत या उससे कम अल्कोहल होती है। जीरो अल्कोहल बीयर कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा है क्योंकि बीयर पर भारत में काफी ज्यादा टैक्स वसूला जाता है। कई राज्यों में तो यह रिटेल प्राइस के 50 प्रतिशत से ज्यादा है। बढ़ रहा ज्यादा मीठे पेय पदार्थों से दूरी का चलन यूबी के मैनेजिंग डायरेक्टर शेखर राममूर्ति ने बताया, 'इस समय कार्बोनेटड और शुगर की ज्यादा मात्रा वाले ड्रिंक्स को कम से कम लेने का ट्रेंड चल रहा है। ऐसे में हमारे जैसे देश के लिए एक नॉन-अल्कोहलिक कोल्ड रिफ्रेशमेंट की जरूरत है। वयस्क या 16-17 साल की उम्र से ज्यादा के लोग अब कार्बोनेटेड और ज्यादा शुगर वाली ड्रिंक्स को लेना छोड़ रहे हैं और वे रिफ्रेशमेंट के लिए कुछ कम शुगर वाले ड्रिंक्स की तलाश में हैं।' यूबी ने पिछले साल गुजरात में किंगफिशर रैडलर नाम से अपना पहला नॉन-अल्कोहलिक ब्रैंड लॉन्च किया था। गुजरात में 1960 के बाद से ही शराब बनाना, बेचना और पीना प्रतिबंधित है। बिहार जैसे प्रतिबंधित बाजारों में एंट्री की तैयारी गुजरात के अलावा बिहार, नगालैंड और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में भी शराब पर बैन है। ब्रुअर्स जीरो-अल्कोहलिक बीयर के साथ इन प्रतिबंधित मार्केट में एंट्री की तैयारी कर रही हैं। इसके अलावा शराब पीने की न्यूनतम उम्र सीमा को लेकर कड़े नियमों के चलते इससे दूर रहे टीनएजर्स को भी कंपनियां नॉन-अल्कोहलिक बीयर से लुभाने की तैयारी कर रही हैं। चीन से आयात होगा ब्रैंड एबी इनबेव के साउथ एशिया प्रेजिडेंट बेन वेरहार्ट ने बताया, 'बीयर आधुनिक समय की ड्रिंक है। हमारा उद्देश्य कन्ज्यूमर्स को स्वतंत्र रूप से और जिम्मेदारी के साथ बीयर का आनंद लेने के लिए विभिन्न विकल्पों को पेश करना है। कई लोग धार्मिक कारणों या परहेज करने के चलते अल्कोहल को नहीं पीते। हम इन सभी को अपने प्रॉडक्ट से जोड़ना चाहते हैं।' एबी इनबेव अपना ब्रैंड चीन से आयात करेगी और गुजरात, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में इसे लॉन्च करेगी। भविष्य में बड़ी उम्मीद बडवाइजर और होईगार्डन बेचने वाली एबी इनबेव ने 2025 तक अपनी ग्लोबल रेवेन्यू का 20 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं प्रॉडक्ट्स से लाने का लक्ष्य रखा है, जो अभी 8 प्रतिशत है। ग्लोबल मार्केट इनसाइट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर नॉन-अल्कोहलिक बीयर मार्केट के 2024 तक 25 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि देश के बीयर मार्केट में इन प्रॉडक्ट्स की हिस्सेदारी 1% से भी कम है।


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भारत नहीं है टैरिफ किंग, जानिए क्यों गलत हैं ट्रंप के आरोप

भारत नहीं है टैरिफ किंग, जानिए क्यों गलत हैं ट्रंप के आरोप

नई दिल्ली जापान के ओसाका में G20 समिट में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट करके भारत पर अधिक टैरिफ वसूलने का आरोप लगाया। वह पहले भी भारत को 'टैरिफ किंग' कहकर बदनाम करते रहे हैं, लेकिन ट्रंप के इस दावे में भावनाएं अधिक हैं, सच्चाई कम। असल में ट्रंप टैरिफ की बजाय कुछ दूसरी वजहों से चिढ़े हुए हैं। आइए पूरे मामले की पड़ताल करते हैं... 1. भारत वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में तय आयात शुल्क से भी बेहद कम वसूल कर रहा है। WTO में तय दर 40 फीसदी से अधिक है, लेकिन इंडस्ट्रियल गुड्स पर औसत आयात शुल्क 10.2 फीसदी ही लगाया जा रहा है, जबकि व्यापार भारित (वेटेड) शुल्क 5.6 फीसदी है। भारत कुछ वस्तुओं के आयात पर अधिक शुल्क (जैसे शराब पर 150% और ऑटो मोबाइल्स पर 75%) वसूल करता है, लेकिन कई अन्य देश इससे कहीं अधिक टैरिफ लगाते हैं। मसलन- जापान 736%, साउथ कोरिया 807% और अमेरिका 30% टैक्स लगाता है, जोकि भारत के 150% से बहुत अधिक है। 2. भारत के औसत आयात शुल्क की तुलना यदि दूसरे विकासशील देशों के साथ करें तो यह लगभग बराबर ही है। भारत औसतन 13.8 फीसदी टैक्स वसूल करता है तो अर्जेंटीना और साउथ कोरिया 13.7 और ब्राजील 13.4 फीसदी औसत आयात शुल्क लगा रहा है। 3. भारत यदि कुछ सामानों पर अधिक टैक्स वसूल कर रहा है तो अमेरिका भी कई भारतीय उत्पादों के आयात पर अधिक शुल्क लगाता है। भारत शराब पर 150%, मोटरसाइकल पर 50% और नेटवर्क राउटर्स, सेलफोन पार्ट्स पर 20 फीसदी आयात शुल्क लेता है तो अमेरिका भारतीय तंबाकू उत्पादों पर 350 फीसदी शुल्क लेता है। इसके अलावा मूंगफली पर 164% और फुटवियर पर 48 फीसदी टैक्स लेता है। 4. अमेरिका का भारत में निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। यह अमेरिका में भारतीय निर्यात के मुकाबले अधिक गति से बढ़ा है। पिछले 2 साल (2017-18 और 2018-19) में अमेरिका का भारत में निर्यात 33.5% बढ़ा है, जबकि भारतीय निर्यात में 9.4 फीसदी की ही तेजी आई है। 5. मौजूदा टैरिफ वॉर की शुरुआत अमेरिका ने की है। इसने भारतीय एल्युमीनियम और स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद जीएसपी का दर्जा खत्म कर दिया। इसके बाद भारत 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने को मजबूर हुआ। ट्रंप के चिढ़ने की यह है असली वजहअसल में ट्रंप की नाखुशी टैरिफ से ज्यादा इस बात को लेकर है कि भारत अमेरिका से जितना सामान खरीदता है उससे अधिक उसे बेचता है। 2018 में दोनों देशों के बीच 142.1 अरब डॉलर का कारोबार हुआ, जिसमें भारत का सरप्लस 24.2 अरब डॉलर रहा। इसके अलावा, फरवरी में विदेशी निवेशकों के लिए नए ई-कॉमर्स नियमों और भारत में डेटा स्टोर करने की अनिवार्यता को लेकर भी ट्रंप की बेचैनी बढ़ी है, क्योंकि इन नियमों से भारत में मुनाफा कमा रहीं अमेरिकी कंपनियों की चुनौती बढ़ी है।


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10 हजार करोड़ रुपये की कीमत पर कोक से सौदा करना चाहते हैं CCD के मालिक

10 हजार करोड़ रुपये की कीमत पर कोक से सौदा करना चाहते हैं CCD के मालिक

के आर बालासुब्रमण्यम, बेंगलुरु कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए कोका कोला से कंपनी की कीमत 8 से 10 हजार करोड़ रुपये लगाने की मांग कर रहे हैं। इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े हुए लोगों ने यह जानकारी दी है। कैफे कॉफी डे को सिद्धार्थ ने 20 साल पहले शुरू किया था। वह कंपनी में अपनी नियंत्रक हिस्सेदारी भी बनाए रखना चाहते हैं। '4-5 गुना कीमत मांग रहे प्रमोटर' कोका कोला सिद्धार्थ से कॉफी रिटेलिंग बिजनस में कुछ हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। यह इकनॉमिक टाइम्स ने गुरुवार के अंक में दी थी। इस मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'प्रमोटर कंपनी की बिक्री की चार से पांच गुना कीमत मांग रहे हैं।' एक बड़े अधिकारी ने बताया कि ग्रुप को कॉफी बिजनस से मार्च 2020 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में 2,250 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है। इस बिजनस में कॉफी बीन का निर्यात भी शामिल है। वित्त वर्ष 2018 में इससे कंपनी को 1,777 करोड़ और 2019 में 1,814 करोड़ की आमदनी हुई थी। देश का सबसे बड़ा कॉफी चेन सिद्धार्थ ने 1996 में कैफे कॉफी डे को शुरू किया था। आज इसके देश भर में 1,750 स्टोर और 60 हजार वेंडिंग मशीनें हैं। कंपनी के स्टोर यूरोप के विएना से लेकर चेक रिपब्लिक, मलयेशिया, नेपाल और मिस्र (इजिप्ट) तक में हैं। कंपनी के वैल्यूएशन पर प्रतिक्रिया के लिए सिद्धार्थ से संपर्क नहीं हो पाया और कोका कोला से ईमेल से पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला था। डील से कोक को फायदा जानकारों का कहना है कि कैफे कॉफी डे में निवेश करने पर कोका कोला की पहुंच कंपनी के देश भर के स्टोरों तक हो जाएगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज में रिटेल रिसर्च के हेड सिद्धार्थ खेमका ने बताया, 'सीसीडी अकेली कॉफी रिटेल चेन है, जिसकी पहुंच देश भर में है। दूसरी कोई कॉफी चेन इतनी बड़ी नहीं है। टाटा स्टारबक्स अच्छा परफॉर्म कर रही है, लेकिन उसके पास बहुत कम स्टोर हैं।' उन्होंने कहा, 'कोका कोला के बिजनस की विविधता बढ़ाने के लिहाज से यह अच्छी डील होगी। आजकल बहुत चीनी वाले और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में लोगों की दिलचस्पी घट रही है।' देश में कॉफी की खपत बढ़ने की उम्मीद सिद्धार्थ देश में सबसे बड़े कॉफी प्लांटेशन ग्रुप भी चलाते हैं। वह 20 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र वाले कॉफी प्लांटेशन ग्रुप को हेड करते हैं। उन्हें भारत में कॉफी की खपत बढ़ने का भी भरोसा है। ग्रुप का मानना है कि अमेरिका और चीन के बाद अगले 20 साल में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कॉफी मार्केट बन जाएगा। ब्रैंड कंसल्टंट हरीश बिजूर का भी कहना है कि भारत में कॉफी मार्केट अगले 10 साल में तीन गुना बड़ा हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'कोला ड्रिंक्स को लेकर सामाजिक स्तर पर एक बदलाव हो रहा है। इसलिए कोक स्थिर माने जाने वाले बेवरेज मार्केट में जगह बनाना चाहती है।' (बेंगलुरु से रघु कृष्णन के इनपुट के साथ)


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NBFC, होम लोन कंपनियां मार्केट के लिए सबसे बड़ा रिस्क: RBI

NBFC, होम लोन कंपनियां मार्केट के लिए सबसे बड़ा रिस्क: RBI

मुंबई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों (एनबीएफसी) और होम लोन कंपनियों से खतरे की चेतावनी दी है। यह संकट दूसरी एनबीएफसी तक पहुंच गया है। इसके साथ वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और अमेरिका के कदमों से बढ़ी अस्थिरता को उसने मार्केट्स के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। आरबीआई ने गुरुवार को जारी इस रिपोर्ट में एनबीएफसी और होम लोन कंपनियों की कड़ी निगरानी की बात कही है। कम हुआ बैंकिंग सिस्टम का रिस्क: RBI रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ बड़ी एनबीएफसी और होम लोन कंपनियां ऐसी अस्थिरता पैदा कर सकती हैं, जिसकी आशंका बड़े बैंकों से होती है। पिछले साल की तुलना में बैंकिंग सिस्टम का जोखिम काफी कम होने की बात भी इसमें कही गई है। रिपोर्ट में सरकारी बैंकों में रिफॉर्म पर जोर दिया गया है। आरबीआई ने कहा है, 'बैंकों में गवर्नेंस रिफॉर्म्स पर खासतौर पर ध्यान देना चाहिए।' अमेरिकी गतिविधियों का डर : RBI रिजर्व बैंक के गवर्नर ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में लिखा है, 'सरकारी बैंकों को मार्केट डिसिप्लीन के जरिए निजी पूंजी आकर्षित करनी चाहिए, न कि उसे इसके लिए सरकार पर आश्रित रहना चाहिए।' आरबीआई ने कहा है कि अमेरिकी कदमों के चलते उभरते बाजारों और विकासशील देशों के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'अभी दुनिया की जो हालत है, उसमें अमेरिका की राजनीतिक और आर्थिक नीतियों से उभरते बाजारों और विकासशील देशों की वित्तीय स्थिरता तय होगी। इसमें महंगाई दर सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है।' NBFC का संकट पिछले साल IL&FS के पेमेंट डिफॉल्ट के बाद से फाइनैंशल मार्केट्स में उथलपुथल मची हुई है। इसी वजह से म्यूचुअल फंडों ने कई एनबीएफसी को उधार देना बंद कर दिया। अब कुछ एनबीएफसी कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्ति बेच रही हैं। रिजर्व बैंक के कर्ज सस्ता करने के बावजूद एनबीएफसी के लिए उधार महंगा हो गया है। जब बैंक बैड लोन से त्रस्त थे, तब उनकी कीमत पर एनबीएफसी ने बाजार बढ़ाया था। अब बैंकों की बिजनस बढ़ाने की बारी है। भारतीय बैंकिंग सिस्टम कई साल के बाद अच्छी हालत में दिख रहा है। उसके बैड लोन में कमी आई है। इसमें प्रविजन कवरेज बढ़ने और सरकार के पब्लिक सेक्टर के बैंकों की फंडिंग का बड़ा रोल रहा है।


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शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा, निफ्टी 11,850 के पार

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा, निफ्टी 11,850 के पार

मुंबई, 27 जून (भाषा) जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच बीएसई का सेंसेक्स बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में 100 अंक से अधिक चढ़ गया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक आधे घंटे के कारोबार के बाद सुबह साढ़े नौ बजे 88.07 अंक यानी 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 39,680.15 अंक पर रहा। वहीं एनएसई का निफ्टी भी 25.20 यानी 0.21 फीसदी चढ़कर 11,872.75 अंक पर था। इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स 157.14 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 39,592.08 अंक पर और निफ्टी 51.10 अंक यानी 0.43 फीसदी की उछाल के साथ 11,847.55 अंक पर रहा। बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, एलएंडटी, एनटीपीसी, मारुति और एचयूएल के शेयरों में तेजी का रुख देखने को मिला। वहीं टेकएम, सन फार्मा, एचसीएल टेक, पावरग्रिड, बजाज ऑटो, आरआईएल, एचडीएफसी बैंक और भारतीय एयरटेल के शेयरों में गिरावट का रुख देखने को मिला। विशेषज्ञों के मुताबिक जापान के ओसाका में 28-29 जून को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता की प्रगति की उम्मीद में निवेशकों की धारणा मजबूत होने से दुनिया भर के शेयर बाजारों में बढ़त का रुख देखने को मिल रहा है। अन्य एशियाई बाजारों की बात करें तो शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, हांग सेंग, निक्की और कोस्पी में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख देखने को मिला। इसी बीच शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुद्ध आधार पर 106.26 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की लिवाली की। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 51.47 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।


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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में स्टर्लिंग बायोटेक की 9,778 करोड़ की संपत्ति जब्त

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में स्टर्लिंग बायोटेक की 9,778 करोड़ की संपत्ति जब्त

नई दिल्ली/मुंबईएन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने दवा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की अपनी जांच में कंपनी की 9,778 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। 2004-12 के बीच का यह मामला कंपनी और भारतीय बैंकों की देश और विदेश में ब्रांचों से जुड़ा है। जब्त की गई संपत्ति में नाइजीरिया में चार ऑइल रिग्स और एक ऑइल फील्ड और लंदन में एक बंगला शामिल हैं। PMLA के तहत हुई कार्रवाई इससे पहले 2018 में ईडी ने कंपनी के 4,730 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने एसबीएल ग्रुप, संदेसरा बंधुओं ( और ) और अन्यों के खिलाफ अगस्त 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इससे कुछ दिन पहले सीबीआई ने इनके खिलाफ 5,700 करोड़ रुपये के कथित बैंक ब्रैंड का मामला दर्ज किया था। संदेसरा बंधुओं का लोन फ्रॉड आरोप है कि संदेसरा बंधुओं और अन्यों ने अपनी कंपनियों की बैलेंस शीट के आंकड़ों में गड़बड़ी कर बैंकों से बड़े लोन लेने के लिए आपराधिक षडयंत्र किया था। आरोपियों ने कर्ज लेने के बाद इसे शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट किया। प्रमोटर्स ने इस फंड को व्यक्तिगत जरूरतें पूरी करने के लिए डायवर्ट किया था। ED ने बताया कि उसने दिल्ली के एक कारोबारी और बिचौलिए , आंध्रा बैंक के पूर्व डायरेक्टर , एसबीएल के डायरेक्टर और धवन के सहयोगी सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। भगोड़े बिजनसमैन हितेश नरेंद्र भाई पटेल को 22 मार्च को अल्बानिया की राजधानी तिराना में हिरासत में लिया गया था। इंटरपोल से जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल ने भारतीय अथॉरिटीज से निवेदन मिलने पर पटेल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसी के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया था। पटेल गुजरात के कारोबारियों चेतन जयंतीलाल संदेसरा और नितिन जयंतीलाल संदेसरा का रिश्तेदार है। ईडी ने बताया कि आरोपियों ने संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, बारबाडोस और नाइजीरिया सहित कई देशों में 96 कंपनियां बनाई थीं। बैंक फ्रॉड में मुंबई की कंपनी की संपत्ति जब्त ED ने 2,600 करोड़ के कथित बैंक लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुंबई की ऐल्युमीनियम रोल्स बनाने वाली कंपनी के कई ठिकानों पर छापे मारे। एजेंसी ने बताया कि पारेख ऐल्युमिनेक्स लिमिटेड के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करने के बाद ये छापे मारे गए। ईडी ने हैदराबाद के बाहरी इलाके में कंपनी की 47.39 एकड़ जमीन को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश भी जारी किया है। इसकी कीमत 46.97 करोड़ रुपये मानी जा रही है। एजेंसी ने बताया कि कंपनी पर इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 2,297 करोड़ और ऐक्सिस एवं फेडरल बैंक के साथ 390 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। सीबीआई पहले ही कंपनी के खिलाफ छह एफआईआर दर्ज कर चुकी है।


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कैफे कॉफी डे पर आया कोका-कोला का दिल, हिस्सेदारी लेने के लिए कर रही बातचीत

कैफे कॉफी डे पर आया कोका-कोला का दिल, हिस्सेदारी लेने के लिए कर रही बातचीत

रत्ना भूषण, नई दिल्ली बेवरेज कंपनी भारत की सबसे बड़ी कॉफी चेन कैफे कॉफी डे (सीसीडी) में एक बड़ा हिस्सा खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि कोका-कोला तेजी से बढ़ते कैफे सेगमेंट में पांव जमाना चाहती है। वह कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के अपने मुख्य कारोबार से जुड़ा जोखिम भी इसके जरिए घटाना चाहती है। शुरुआती दौर में है बातचीत उन्होंने बताया कि बातचीत शुरुआती दौर में है। एक अधिकारी ने बताया, 'इस संभावित खरीदारी का मामला अटलांटा में कोका-कोला के हेडक्वॉर्टर से देखा जा रहा है। कंपनी की ग्लोबल टीम के अधिकारी सीसीडी के मैनेजमेंट से बातचीत कर रहे हैं। इससे कोका-कोला को एयरेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स के मुकाबले तेजी से बढ़ते कैफे बिजनस में काफी बढ़त मिल जाएगी।' उन्होंने कहा, 'हालांकि बातचीत अभी शुरुआती दौर में है। डील होने के बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।' ईटी ने सबसे पहले यह स्टोरी बुधवार को अपने ऑनलाइन एडिशन में दी थी। कोका-कोला के प्रवक्ता ने ईटी के सवाल के जवाब में कहा, 'यह न्यूज एक अटकल है। कंपनी की पॉलिसी के अनुसार अभी हम कुछ नहीं कहना चाहते हैं।' कॉफी डे एंटरप्राइजेज के ऑफिस में ईमेल से भेजे गए सवाल का जवाब नहीं आया। सीसीडी के पास 1,750 कैफे सीसीडी को वी जी सिद्धार्थ ने शुरू किया था। इस पर कॉफी डे ग्लोबल का मालिकाना हक है, जो कॉफी डे एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी है। इसके पास 1,750 कैफे हैं। सीसीडी ऑर्गनाइज्ड कैफे सेगमेंट की मार्केट लीडर है। इसका सीधा मुकाबला टाटा ग्रुप की स्टारबक्स के अलावा अपेक्षाकृत छोटी कैफे चेंस बरिस्ता और कोस्टा कॉफी से है। स्टारबक्स के भारत में 146 स्टोर हैं। हालांकि, पिछले दो साल में सीसीडी के विस्तार की रफ्तार घटी है। कर्ज तो बढ़ा ही है, चायोस और चाय पॉइंट सरीखी टी कैफे से भी चुनौती मिल रही है। सीसीडी ने वित्त वर्ष 2018 में 90 स्मॉल फॉरमेट स्टोर बंद किए थे। मार्च तिमाही में 43.64% बढ़ी सीसीडी की सेल्स सीसीडी ने मार्च 2019 में खत्म हुई तिमाही में 76.9 करोड़ रुपये की स्टैंडअलोन नेट सेल्स दर्ज की थी। इसमें साल दर साल आधार पर 43.64% बढ़ोतरी हुई थी। मार्च तिमाही में सीसीडी को 22.28 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था। उससे सालभर पहले की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 16.52 करोड़ रुपये का था। पिछली तीन तिमाहियों से यह सेम स्टोर सेल्स में 10-11 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज कर रही है। 90 के दशक में आई थी सीसीडी ऑनलाइन प्रॉडक्ट रिव्यू प्लैटफॉर्म टैगटेस्ट के को-फाउंडर जसपाल सभरवाल ने कहा, 'सीसीडी ने भारत में 1990 के दशक में कैफे कल्चर शुरू किया था। उसने अपनी अच्छी पहचान बनाई है। हालांकि इस चेन को इनोवेशन और बदलाव की सख्त जरूरत है। हाल के वर्षों में कैफे इंडस्ट्री में कई इनोवेशन हुए हैं, लेकिन बड़े ब्रैंड्स का इसमें कुछ खास योगदान नहीं रहा है। कोका-कोला इस मामले में अच्छी भूमिका निभा सकती है।'


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जमीन पर फंसा पेच, दो समूहों में बंटा गोदरेज परिवार

जमीन पर फंसा पेच, दो समूहों में बंटा गोदरेज परिवार

मुंबईसाबुन से लेकर एयरोस्पेस बिजनस तक में सक्रिय बिजनस ग्रुप को कंट्रोल करने वाला गोदरेज परिवार कुछ फैमिली अग्रीमेंट्स में बदलाव करने पर चर्चा कर रहा है। परिवार की मुख्य कंपनी के कुछ भूखंडों के डिवेलपमेंट के बारे में परिवार के सदस्यों में मतभेद उभरने के बाद कुछ फैमिली अग्रीमेंट्स में बदलाव के तरीके तलाशे जा रहे हैं। यह है विवाद मामले से वाकिफ दो अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा लग रहा है कि गोदरेज ऐंड बॉएस के पास परिवार की ज्यादा लैंड होल्डिंग्स होने और ग्रुप की लिस्टेड कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज के इसका कमर्शल उपयोग करने को लेकर ही असल विवाद है। परिवार भूखंडों के बहुत ज्यादा डिवेलपमेंट के पक्ष में नहीं है, वहीं और उनके भाई की राय उलट बताई जा रही है। गोदरेज प्रॉपर्टीज ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह मुंबई में एक बड़ी डिवेलपर बनना चाहती है। एक अधिकारी ने बताया, 'मोटे तौर पर रणनीति पर विवाद नहीं है, लेकिन आदि के कजन जमशेद ने इस पर तस्वीर और साफ करने को कहा है, जिनके बच्चे अब सक्रिय भूमिका में नहीं हैं।' आज दोनों पक्षों के आएंगे बयान जमशेद गोदरेज के बेटे ने गोदरेज ऐंड बॉएस में एग्जिक्युटिव डायरेक्टर का पद छोड़ दिया है। माना जा रहा था कि इसकी कमान उन्हीं के हाथ में जाएगी। हालांकि उनके पद छोड़ने से उनकी कजन के लीडरशिप रोल में जाने का रास्ता साफ हो गया है। ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा कि परिवार के दोनों पक्ष गुरुवार को एक बयान जारी करेंगे। बातचीत में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने बताया, 'कुछ बातचीत हुई है। यह जटिल स्ट्रक्चर है। मेन होल्डिंग कंपनी गोदरेज ऐंड बॉएस पर गोदरेज परिवार का नियंत्रण है। इस कंपनी के पास काफी जमीन है।' बाहरी सलाहकारों से मदद ले रहे दोनों पक्ष सूत्रों ने बताया कि परिवार ने कुछ फैमिली अग्रीमेंट्स में बदलाव की जटिल प्रक्रिया समझने और नए करार करने के लिए बाहरी सलाहकारों की मदद ली है। मंगलवार देर शाम टीवी रिपोर्ट्स में संकेत दिया गया था कि परिवार ने सिरिल अमरचंद मंगलदास के फाउंडर सिरिल श्रॉफ के अलावा जिया मोदी और जेएम फाइनैंशल सर्विसेज के चेयरमैन निमेश कंपानी से मदद मांगी है। परिवार ने कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक से भी मदद मांगी है। जमशेद गोदरेज हैं होल्डिंग कंपनी के चेयरमैन गोदरेज ऐंड बॉएस के पास 3,400 एकड़ से ज्यादा जमीन मुंबई में है। इसमें से 3 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन विक्रोली में जबकि बाकी भांडुप और नाहुर में है। इस ग्रुप की रियल एस्टेट फर्म गोदरेज प्रॉपर्टीज एक डिवेलपमेंट मैनेजमेंट अग्रीमेंट के तहत इन भूखंडों को डिवेलप कर रही है। गोदरेज ऐंड बॉएस के साथ समझौते के तहत गोदरेज प्रॉपर्टीज प्रॉजेक्ट की 10-15 प्रतिशत आमदनी लैंड ओनर को देती है। आदि और नादिर गोदरेज इस ग्रुप की तीन लिस्टेड कंपनियों गोदरेज कन्ज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड, गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज ऐग्रोवेट को कंट्रोल करते हैं। होल्डिंग कंपनी गोदरेज ऐंड बॉएस पर परिवार के सभी सदस्यों का मालिकाना हक है और जमशेद गोदरेज इसके चेयरमैन हैं।


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भारत में डेटा स्टोरेज की तैयारी पूरी, वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस जल्द लॉन्च होगी

भारत में डेटा स्टोरेज की तैयारी पूरी, वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस जल्द लॉन्च होगी

प्रतीक भक्त, बेंगलुरुवॉट्सऐप ने अपने पेमेंट बिजनस के लिए भारत में डेटा स्टोरेज व्यवस्था तैयार कर ली है। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे फेसबुक के मालिकाना हक वाले मेसेजिंग ऐप की डिजिटल पेमेंट सर्विस के भारत में कमर्शल लॉन्च का रास्ता साफ हो गया है। यह बैंकिंग सेक्टर के रेग्युलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भी बड़ी जीत है, जो इस पर बात पर अड़ा रहा कि ग्लोबल पेमेंट कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के डेटा देश में ही रखने होंगे। ICICI बैंक के साथ शुरुआत एक सूत्र ने बताया कि वॉट्सऐप, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर आधारित अपनी इस सेवा को सबसे पहले ICICI बैंक के साथ शुरू करेगी। इसके बाद वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस से एक्सिस बैंक, HDFC बैंक और एसबीआई भी जुड़ सकते हैं। एक सूत्र ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'वॉट्सऐप ने डेटा लोकलाइजेशन से जुड़ा काम पूरा कर लिया है। अब ऑडिटर इस पर रेग्युलेटर के पास रिपोर्ट देगा, जिसके बाद कंपनी पेमेंट एप्लिकेशन के साथ लाइव हो सकती है।' आरबीआई के मुताबिक पेमेंट कंपनियों को देश में डेटा स्टोर करने की व्यवस्था के बाद ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-N) के पैनल में शामिल ऑडिटर्स ही इसमें ऑडिट का काम कर सकते हैं। इस खबर के लिए पूछे गए सवालों का वॉट्सऐप और ICICI बैंक ने जवाब नहीं दिया। यूपीआई की देखरेख करने वाले नैशनल पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। एक साल पहले पायलट प्रॉजेक्ट वॉट्सऐप ने पेमेंट सर्विस का पायलट प्रॉजेक्ट एक साल पहले लॉन्च किया था। उसके बाद से वह डेटा लोकलाइजेशन से लेकर, फेक न्यूज और फेसबुक को लेकर प्राइवेसी संबंधी विवादों से घिरा रहा। उसने पिछले साल ICICI बैंक के साथ पार्टनरशिप में पेमेंट फीचर को लॉन्च करने की कोशिश की थी, लेकिन उसे इसे बीटा सर्विस तक की सीमित रखना पड़ा था। ऊपर जिन सूत्रों का जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने बताया, 'अब डेटा लोकलाइजेशन की एक बड़ी चिंता दूर हो गई है, इसलिए पेमेंट सर्विस शुरू हो सकती है।' डेटा भारत में ही स्टोर करने का आदेश 6 अप्रैल 2018 के एक नोट में आरबीआई ने कहा था, 'सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स को पक्का करना होगा कि उनके पेमेंट सिस्टम के सारे डेटा सिर्फ भारत में ही स्टोर किए जाएं।' उसने मंगलवार को इस बारे में एक स्पष्टीकरण भी दिया था। इसमें भारत के जिन पेमेंट डेटा को विदेश में प्रोसेस किया जा रहा है, उन्हें 24 घंटे के अंदर भारत लाना और यहीं स्टोर करना होगा। 39 थर्ड पार्टी यूपीआई प्लैटफॉर्मइसी साल ऐमजॉन ने भी आरबीआई के डेटा लोकलाइजेशन गाइडलाइंस पर हामी भरी थी। उसने एक्सिस बैंक के साथ पार्टनरशिप में यूपीआई बेस्ड पेमेंट सर्विस लॉन्च की है। एनपीसीआई के हालिया डेटा के मुताबिक गूगल पे, ऐमजॉन, उबर और ओला कैब्स जैसे 39 थर्ड पार्टी एप्लिकेशंस यूपीआई का पेमेंट्स प्लैटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। मई में इसके जरिए 37.35 करोड़ लेनदेन हुए थे, जिनकी कुल वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपये थी।


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6 years, 9 victims and an unlikely serial killer

6 years, 9 victims and an unlikely serial killer

In India, crimes with no serious injury usually figure low on the police’s priority list. However, in Haoladar’s case, Santanu Choudhury, the sub-divisional police officer of Kalna town, reached her home within the hour. Choudhury suspected the incident may have something to do with two murders and three recent attempted murders in neighbouring Kalna and Memari, and in Balagarh in Hooghly district.

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Systemic issues hurting Tokyo preparations: Rai

Systemic issues hurting Tokyo preparations: Rai

“We are already very late. The preparations (for Tokyo) should have started in 2015. But here we are still waiting for the roadmap for the Games,” says Rai, who recently achieved Olympic qualification in recurve, along with Atanu Das and Pravin Jadhav, at the World Championships in ’s-Hertogenbosch (Netherlands), finishing second.

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पाकिस्तान में अल-कायदा के तीन आतंकवादी ढेर

पाकिस्तान में अल-कायदा के तीन आतंकवादी ढेर

कराची, 24 जून (भाषा) पाकिस्तान के कराची शहर में सोमवार को आतंकवादी समूह अल-कायदा के ठिकाने पर की गई छापेमारी में समूह के शीर्ष सदस्य समेत तीन आतंकवादी मारे गए। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आतंकवाद विरोधी और खुफिया बलों ने शुक्रवार तड़के कराची में उत्तरी बाइपास के निकट खुदा बख्श गोठ में आतंकवादियों के ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारी ने कहा, इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए जबकि दो अन्य भागने में कामयाब रहे।" उन्होंने कहा कि मारे गए दो आतंकवादियों की पहचान तलत महमूद और उस्मान आलम के रूप में हुई है। अधिकारी ने कहा, दोनों आतंकवादी लश्कर-ए-झंगवी संगठन के सक्रिय सदस्य थे। उनके पास से हथियार, गोला-बारूद, आत्मघाती जैकेट और हथगोले बरामद हुए हैं।" उन्होंने कहा कि तलत कराची में अल-कायदा की इकाई का प्रमुख था।


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US secretary of state Mike Pompeo's first stop on Delhi visit is PM Modi, Russian...

US secretary of state Mike Pompeo's first stop on Delhi visit is PM Modi, Russian...

Pompeo, who arrived in India on Tuesday night, met Prime Minister Modi before his talks with external affairs minister S Jaishankar over a working lunch on Wednesday. His visit comes before a meeting between PM Modi and US president Donald Trump on the sidelines of the G-20 summit in Japan’s Osaka on June 28

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सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 150 अंक से अधिक का उछाल

सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 150 अंक से अधिक का उछाल

मुंबई, 26 जून (भाषा) भारी विदेशी मुद्रा प्रवाह के बीच आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी और आरआईएल जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों के चढ़ने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स में एक समय में 150 अंक से अधिक का उछाल दर्ज किया गया। बाजार खुलने के शुरुआती 15 मिनट में सेंसेक्स में 200 अंक तक का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। आधे घंटे के कारोबार के बाद सुबह साढ़े नौ बजे सेंसेक्स 111.08 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 39,546.02 अंक पर था। इसी प्रकार एनएसई के निफ्टी में भी 32.60 अंक या 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,829.05 अंक पर कारोबार हो रहा था। इससे पहले मंगलवार को सेंसेक्स 311.98 अंक यानी 0.80 प्रतिशत की उछाल के साथ 39,434.94 अंक पर और निफ्टी 96.80 अंक यानी 0.83 फीसदी की उछाल के साथ 11,796.45 अंक के स्तर पर रहा। सेंसेक्स में पावरग्रिड, एनटीपीसी, सन फार्मा, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, एमएंडएम, वेदांता और ओएनजीसी के शेयरों में 2.26 प्रतिशत तक की तेजी देखी गयी। विशेषज्ञों के मुताबिक मॉनसून के तेजी से मध्य एवं उत्तर भारत की ओर बढ़ने के चलते निवेश के लिए सकारात्मक माहौल तैयार हुआ है। वहीं शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,157.87 करोड़ रुपये और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 377.22 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। इसी बीच शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, हांग सेंग, निक्की और कोस्पी में शुरुआती कारोबार में मिलाजुला रुख देखने को मिला।


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विप्रो के संतूर साबुन ने बनाया रेकॉर्ड, 2000 करोड़ रुपये सेल का पहला देसी सॉप ब्रैंड

विप्रो के संतूर साबुन ने बनाया रेकॉर्ड, 2000 करोड़ रुपये सेल का पहला देसी सॉप ब्रैंड

नम्रता सिंह, मुंबईसंतूर किसी भी भारतीय एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कन्ज्यूमर गुड्स) कंपनी का ऐसा साबुन ब्रैंड बन गया जिसने 2 हजार करोड़ रुपये की सालाना सेल का स्तर छू लिया। संतूर बनाने वाली कन्ज्यूमर केयर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से इस आंकड़े की पुष्टी की। संतूर ने 2 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ हिंदुस्तीन यूनिलीवर लि. (एचयूएल) के लक्स को पछाड़ दिया और अब लाइफ बॉय के सामने चुनौती पेश कर रहा है। एचयूएल की ताजा सालाना रिपोर्ट में लाइफबॉय और लक्स को क्रमशः 2 हजार करोड़ और 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के सेल्स ब्रैकेट में रखा गया था। हिंदुस्तीन यूनिलीवर कहां की कंपनी विप्रो कन्ज्यूमर केयर ऐंड लाइटिंग के सीईओ विनीत अग्रवाल ने कहा, 'संतूर की मांग शहरी और ग्रामीण बाजारों में लगातार बढ़ रही है। अब यह 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कन्ज्यूमर ब्रैंड्स में शामिल हो गया है। यह पहला और अकेला भारतीय साबुन है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है।' गौरतलब है कि एचयूएल एक ब्रिटिश-डच कंपन है जिसका मुख्यालय मुंबई में है। इसकी स्थापना 1933 में लीवर ब्रदर्स के नाम से हुई थी। 1956 में जब ग्रुप कंपनियों का विलय हुआ तो इसका नाम हिंदुस्तान लीवर लि. कर दिया गया। फिर जून 2007 में यह हिंदुस्तान यूनिलिवर लि. हो गया। शहरों में ज्यादा प्रचलित है संतूर बहरहाल, इंडस्ट्री के सूत्रों ने कंतार हाउसहोल्ड पैनल डेटा के हवाले से कहा कि इस वर्ष जनवरी से मार्च तक पूरे देश में सॉप मार्केट के 15.1% पर अकेले संतूर का कब्जा था। यानी, इसने 12.5% के मार्केट शेयर वाले लक्स को पछाड़ दिया, हालांकि 17.7% के मार्केट शेयर वाले लाइफबॉय से थोड़ा पीछे रह गया। हालांकि, सिर्फ शहरी बाजारों में संतूर ने 13.4% हिस्सेदारी हासिल की और यहां वह लक्स (12%) और लाइफबॉय (13%), दोनों से आगे निकल गया। कंतार ने इस आंकड़े पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इन हिस्सों में संतूर का दबदबा इंडस्ट्री सोर्सेज ने नील्सन के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि संतूर (9.3%) जनवरी-मार्च 2019 में लाइफबॉय (13.7%) और लक्स (12%) के बाद तीसरा सबसे बड़ा साबुन ब्रैंड रहा था। एचयूएल के प्रवक्ता ने कहा, 'भारत में लाइफबॉय के बाद लक्स दूसरा सबसे बड़ा सॉप ब्रैंड बना हुआ है। कंपनी पॉलिसी के तहत हम मार्केट शेयर पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।' कंतार के वर्ल्डपैनल डिविजन के आंकड़े बताते हैं कि संतूर देश के दक्षिणी और पश्चिमी इलाके में लक्स से ज्यादा प्रचलित है। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर संतूर (34%) लक्स (60%) के आगे नहीं टिकता।


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अमेरिका चाहता है भारत निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार अपनाए, बाधाएं दूर करे

अमेरिका चाहता है भारत निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार अपनाए, बाधाएं दूर करे

(ललित के झा) वॉशिंगटन, 26 जून (भाषा) अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के तीन दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद अमेरिका ने कहा कि ट्रंप प्रशासन चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को कम करें और निष्पक्ष एवं पारस्परिक कारोबार का रुख अपनाएं। विदेश मंत्रालय की तथ्य पत्रक (फैक्ट शीट) के मुताबिक, “अगर भारत कारोबार की बाधाओं को कम कर निष्पक्ष और परस्पर व्यापार का रुख अपनाता है तो जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं हमारे कारोबारी संब‍ंधों में बढ़ोतरी और उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने की प्रचुर संभावनाएं हैं।” भारतीय नेतृत्व के साथ पोम्पिओ की बातचीत में द्विपक्षीय कारोबार चर्चा का अहम मुद्दा रहने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनियां भारत में काफी अवसर देखती हैं और बढ़ते आर्थिक खुलेपन और निवेश से परस्पर फायदा होगा। इसमें कहा गया, “ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिये काम कर रहा है कि भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के पास भी वैसे ही अवसर हों जैसे कि अमेरिका में भारतीय कंपनियों को मिलते हैं।” विदेश विभाग ने कहा कि भारत के नंबर एक विदेशी बाजार के तौर पर अमेरिका उसके लगभग कुल निर्यात का लगभग पांचवां हिस्सा खरीदता है। भारत भी अमेरिकी सामानों के लिये तेजी से बढ़ता अहम बाजार है।


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क्या BSNL को बचाना चाहिए? जानें इससे जुड़ी खास बातें

क्या BSNL को बचाना चाहिए? जानें इससे जुड़ी खास बातें

नई दिल्ली सार्वजनिक क्षेत्र की BSNL ने सोमवार को जानकारी दी थी कि नकदी के संकट के चलते उसके पास कर्मचारियों की जून की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। बता दें कि जून की सैलरी देन के लिए को लगभग 850 करोड़ रुपये की जरूरत है। बीएसएनएल पर अभी करीब 13 हजार करोड़ रुपये की आउटस्टैंडिंग लायबिलिटी है जिसके चलते कंपनी का बिजनस ठीक तरह से नहीं चल रहा है। हो सकता है कि बीएसएनएल को एक टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर की जगह कोई नई भूमिका निभानी पड़े। इसके ऐसेट्स की वैल्यू देखते हुए कहा जा सकता है कि हो सकता है कि यह एक टेलिकॉम इन्फ्रा प्रोवाइडर के तौर पर बेहतर काम करे। बीएसएनएल की लैंड होल्डिंग्स दस्तावेजों के मुताबिक, बीएसएनएल के पास 15,000 से ज्यादा इमरातों और जमीनों का मालिकाना हक है जो 11,000 एकड़ से ज्यादा में फैली हुई है। बीएसएनएल की एक तिहाई प्राइम लैंड होल्डिंग्स की वैल्यू 65,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है जबकि कंपनी की बैलेंस सीट पर इसकी वैल्यू (बुक वैल्यू) पर यह सिर्फ 975 करोड़ रुपये ही लिस्टेड है। अगर सिर्फ दिल्ली के जनपथ स्थित कंपनी के हेडक्वार्टर की कीमत का आंकलन किया जाए तो सिर्फ इसकी वैल्यू ही 2,500 करोड़ रुपये है। एक ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिकॉम कंपनी को 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ है। सबसे बड़ा बीएसएनएल के पास देशभर में 8.19 लाख किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर (OF) नेटवर्क है जो कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच दूरी का दोगुना है। देश में बीएसएनएल के पास सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। इसके बाद जियो दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है जिसके पास बीएसएनएल के आधे से कम 3.25 लाख किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। दूसरी कंपनियों को छोड़ दें तो इससे बीएसएनएल 30,000 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू अर्जित कर सकती है। यानी बीएसएनएल के 50 वर्ष से ज्यादा आयु वाले कर्मचारियों के लिए इसके पास पर्याप्त VRS स्कीम फंड होना चाहिए। इस फंड की लागत 6,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है और जबकि कंपनी का कुल कर्ज 14,000 करोड़ रुपये है। इन्फ्रास्ट्रक्चर देशभर में बीएसएनएल के करीब 67,300 टावर हैं। देश के टेलिकॉम टावर नेटवर्क के 15 प्रतिशत हिस्से पर बीएसएनएल का कब्जा है और कंपनी इसे ऑपरेट करती है। इनमें से कई टावर देश के दूरदराज के इलाकों में हैं जहां कोई दूसरी टेलिकॉम कंपनी अब तक पहुंचने में नाकामयाब रही है। बीएसएनएल का टावर नेटवर्क अपने आप में एक अलग कंपनी है। पब्लिक सेक्टर टेलिकॉम कंपनी दूसरी कंपनियों को लीज पर देकर अपने टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए काफी पैसा कमाने में कामयाब रही है। 2017-18 में बीएसएनएल ने टावर शेयरिंग के जरिए 580.43 करोड़ रुपये कमाए। वहीं पिछले वित्त वर्ष के लिए इसने 600 करोड़ रुपये का टारगेट सेट किया था।


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आरबीआई के कंटिंजेंसी फंड पर बनी समिति के अध्यक्ष बिमल जालान के सामने कई लाख करोड़ का सवाल

आरबीआई के कंटिंजेंसी फंड पर बनी समिति के अध्यक्ष बिमल जालान के सामने कई लाख करोड़ का सवाल

सुगतो घोष, मुंबईआरबीआई के पूर्व गवर्नर की अध्यक्षता वाली कमिटी को आरबीआई के पास पड़े कई लाख करोड़ रुपयों के बारे में फैसला करना है। यह रकम मोदी सरकार को दी भी जा सकती है ताकि वह अपनी मर्जी से इसे खर्च करे। आरबीआई गवर्नर के रूप में जालान को जल्द निर्णय करने वाले शख्स के रूप में देखा जाता था। हालांकि इस बार उनकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट देने का टाइम दो बार खिसकाया है। कमिटी के सामने कई सवाल हैं। क्या वह महज कागज पर मौजूद आरबीआई के 'अनरियलाइज्ड' रिजर्व पर सरकार के हाथ डालने का पक्ष लेगी? या वह 'कंटिंजेंसी' या रियलाइज्ड रिजर्व के एक हिस्से के इस्तेमाल की ही इजाजत देगी? सरकार मिलने वाली रकम को कैपिटल अकाउंट में रखेगी या रेवेन्यू अकाउंट में (जिससे इसका उपयोग करने में ज्यादा सहूलियत होगी)? और सबसे अहम बात यह कि क्या पैसे का यह ट्रांसफर एक हफ्ते में हो सकता है ताकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने पहले बजट में इस विंडफॉल को शामिल कर पाएं? 30 जून 2018 को आरबीआई के पास 2.3 लाख करोड़ रुपये का था, जबकि अनरियलाइज्ड गेन (करंसी और गोल्ड रीवैल्यूएशन अकाउंट) करीब 5.3 लाख करोड़ रुपये का था। कमिटी से नहीं जुड़े आरबीआई के अधिकारियों के अनुसार, जरूरी नहीं है कि अनरियलाइज्ड रिजर्व को हाथ लगाने का मतलब डॉलर की बिकवाली हो (और रुपये को बेतुके ऊंचे स्तर पर ले जाना हो)। इसके बजाय वे पेपर एंट्री की बात कर रहे हैं ताकि सरकार के पास ट्रांसफर दिखाया जा सके और साल के दौरान नई करंसी छापकर सरकार को मॉनेटरी सपॉर्ट दिया जाए। इस तरह लायबिलिटी में कमी के बाद ऐसेट्स घटाने के बजाय नई लायबिलिटी बनाकर (सरकार को करंसी जारी कर) बही-खाता बैलेंस किया जाए। हालांकि इसमें कुछ बाधाएं आ सकती हैं। कमिटी ने अनरियलाइज्ड रिजर्व को हाथ लगाने दिया तो आरबीआई बोर्ड को पिछले साल एक बोर्ड मीटिंग में पास अपने एक प्रस्ताव को बदलना होगा। तब सेंट्रल बोर्ड ने तय किया था कि अनरियलाइज्ड गेंस बतौर डिविडेंड सरकार को नहीं दिए जाएंगे। हालांकि इस मामले में आरबीआई के निर्णय न कर पाने के बाद यह कमिटी बनाई गई थी, लिहाजा कमिटी की सिफारिश आरबीआई को माननी पड़ सकती है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कंटिंजेंसी फंड को हाथ नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसका सहारा अचानक बहुत खराब हालत में लिया जा सकता है। सवाल यह है कि क्या जालान और उनकी टीम ऐसी सलाह देंगे, जिस पर सीधे कदम उठाया जा सके या वे विभिन्न स्थितियों का विश्लेषण भर कर देंगे और आरबीआई को ही अंतिम निर्णय करना होगा।


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आरबीआई से विरल आचार्य के हटने से बदलेगा मौद्रिक नीति समिति का तौर-तरीका!

आरबीआई से विरल आचार्य के हटने से बदलेगा मौद्रिक नीति समिति का तौर-तरीका!

मुंबई ने का डेप्युटी गवर्नर पद तय कार्यकाल से पहले ही छोड़ने का कर दिया है। उनके हटने के साथ ही देश की मौद्रिक नीतियां बनाने में विदेशी विश्वविद्यालयों से पढ़े परंपरागत सोच वाले अर्थशास्त्रियों का दबदबा भी खत्म हो सकता है। आचार्य से पहले और ने केंद्र सरकार से सुर-ताल न मिलने पर आरबीआई से किनारा किया था। उनके कार्यकाल के दौरान बैंकिंग सिस्टम से बैड लोन की सफाई के कड़े कदम उठाए गए थे। साथ ही इन्फ्लेशन को काबू में करने के नए आइडिया पेश किए गए थे। उन्होंने आरबीआई की स्वायत्तता के लिए भी आवाज उठाई थी। न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में प्रफेसर रहे आचार्य आरबीआई के सबसे युवा डेप्युटी गवर्नर बने थे। फाइनैंशल मार्केट्स और मॉनेटरी पॉलिसी के मामले में वह कंजर्वेटिव नजरिए के हिमायती रहे हैं। मार्केट्स को लग रहा है कि अब मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के काम का तौर-तरीका बदल सकता है। नोमुरा सिक्यॉरिटीज की सोनल वर्मा ने कहा, 'एमपीसी का कंपोजिशन अब ज्यादा नरम होता जाएगा क्योंकि आचार्य पॉलिसी के मामले में ज्यादा आक्रामक रुख वाले सिरे की ओर थे।' उन्होंने कहा, 'पात्रा का रुख सबको पता है। वहीं संजीव सान्याल पूंजी जुटाने की लागत कम करने की वकालत कर चुके हैं। आने वाले दिनों में दूसरे कैंडिडेट्स पर चर्चा की जा सकती है।' अटकलें लग रही हैं कि रोड्स स्कॉलर संजीव सान्याल को आचार्य की जगह पर लाया जा सकता है। वह फिलहाल फाइनैंस मिनिस्ट्री में प्रिंसिपल इकनॉमिक अडवाइजर हैं। आरबीआई के कंटिजेंसी रिजर्व पर सरकार के हाथ डालने और खराब माली हालत वाले सरकारी बैंकों से नरमी से पेश आने को लेकर जब आरबीआई और सरकार में विवाद चल रहा था, तब आरबीआई के रोल का बचाव करने के लिए आचार्य खुलकर सामने आए थे। आचार्य ने अर्जेंटीना के सेंट्रल बैंक का पैसा सरकार को ट्रांसफर किए जाने के विवाद में वहां के सेंट्रल बैंक के चीफ के इस्तीफा देने, तुर्की के संकट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदमों की वहां के राष्ट्रपति के सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने का हवाला देकर कहा था कि आरबीआई की स्वायत्तता पर आंच आने के घातक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि सरकारें निर्णय लेने में सीमित समय सीमा वाली सोच रखती हैं जो राजनीतिक सोच-विचार पर आधारित होती है जबकि केंद्रीय बैंक को लंबे समय की सोच लेकर चलना होता है। उन्होंने एक अलग पेमेंट्स रेग्युलेटर बनाने की सरकारी योजना का विरोध किया था और कहा था कि इससे पूरा पेमेंट्स सिस्टम कमजोर हो जाएगा। आचार्य ने कहा था, 'जब सरकार केंद्रीय बैंक की नीतियों को कमजोर करने का प्रयास करती हुई और ऐसी नरमी के लिए केंद्रीय बैंक पर दबाव डालती दिखती है तो बैंक और प्राइवेट सेक्टर अपने मतलब की नीतियों के लिए लॉबीइंग करने में ज्यादा समय लगाते हैं। इससे सामूहिक हित पर आंच आती है।'


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देखें,पाकिस्तान में LIVE न्यूज शो के दौरान पत्रकार को पीटने लगा सत्ताधारी पार्टी का नेता

देखें,पाकिस्तान में LIVE न्यूज शो के दौरान पत्रकार को पीटने लगा सत्ताधारी पार्टी का नेता

इस्लामाबाद पाकिस्तान में एक न्यूज चैनल का स्टूडियो तब अखाड़े में तब्दील हो गया, जब सत्ताधारी पार्टी PTI के एक नेता ने पैनल में शामिल एक वरिष्ठ पत्रकार को पीट दिया। यह सब कुछ लाइव न्यूज शो के दौरान हुआ। घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 'के 21 न्यूज' पर 'न्यूज लाइन विद आफताब मुघेरी' शो चल रहा था। पैनल में सत्ताधारी PTI के और के प्रमुख भी शामिल थे। दोनों के बीच गर्मागर्म बहस होने चली और देखते ही देखते बहस का यह कार्यक्रम नेता और पत्रकार के बीच मल्लयुद्ध में तब्दील हो गया। पीटीआई नेता अपनी सीट सीट से उठे और पत्रकार को धक्का देकर उन्हें फर्श पर गिरा दिया। इसके बाद नेता ने पत्रकार को पीटना शुरू कर दिया। दोनों को शो में मौजूद दूसरे मेहमानों और क्रू ने अलग किया। इस घटना के बाद पीटीआई की काफी आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने डिबेट शो में मल्लयुद्ध के विडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए के 'नया पाकिस्तान' दावे पर पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा, 'क्या यही नया पाकिस्तान है? पीटीआई के मसरूर अली सियाल ने कराची प्रेस क्लब के अध्यक्ष इम्तियाज खान पर लाइव न्यूज शो के दौरान हमला कर दिया।'


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एंप्लॉयीज को खुश रखने के लिए HR मैनेजर बने स्टार्टअप्स के मालिक

एंप्लॉयीज को खुश रखने के लिए HR मैनेजर बने स्टार्टअप्स के मालिक

श्रीराधा डी बसु/बृंदा सरकार, कोलकाता/बेंगलुरुभारी वर्कलोड, देर तक काम और आमदनी-मुनाफा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करने वाले फाउंडर्स के जिम्मे अब नई जिम्मेदारी आ गई है। उन पर ऐसी पॉलिसी तैयार करने की जवाबदेही है, जिससे यंग एंप्लॉयीज कंपनी में बने और हर चुनौती के लिए तैयार रहें। एंप्लॉयीज को इंगेज और खुश रखने के लिए नीति बनाने की प्रक्रिया में स्टार्टअप के युवा सीईओ भी एचआर टीम के बराबर भूमिका निभा रहे हैं। इनमें को वैल्यू अनलॉक का मौका देने वाला ईसॉप्स रिपरचेज प्लान, खुद के काम के घंटे/समय निर्धारित करने की इजाजत और नई स्किल सीखने के लिए भत्ते से लेकर ऑफिस में छोटे अवधि की नींद लेने के लिए रूम बनाए जैसी चीजें शामिल हैं। लॉजिस्टिक टेक स्टार्टअप ब्लैकबक के सीईओ राजेश याबजी ने बताया, 'स्टार्टअप में इनोवेशन, चुस्ती और गतिशीलता की जरूरत होती है। इस वर्क कल्चर के हिसाब से एचआर पॉलिसी भी होनी चाहिए।' ब्लैकबक ने पिछले महीने डी सीरीज के तहत निवेशकों से फंड जुटाया था, जिससे वह यूनिकॉर्न यानी एक अरब डॉलर की कीमत के करीब पहुंच गई है। याबजी ने बताया कि वह और कंपनी के दूसरे सह-संस्थापक शुरू से ही जोशीले वर्क एनवायरमेंट के लिए एचआर टीम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ब्लैकबक ने पिछले 4 साल में एंप्लॉयीज के पास मौजूद कुछ स्टॉक ऑप्शंस को दो बार बायबैक किया। पहली बार ऐसा 2017 में हुआ था और दूसरा बायबैक हाल में हुआ। इसमें करीब 100 एंप्लॉयीज ने ई-सॉप्स का एक हिस्सा कंपनी को बेचने का फैसला किया। इस राउंड में करीब 37 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जिसमें एंप्लॉयीज ने काफी दिलचस्पी ली। कई एंप्लॉयीज ने वैल्यू अनलॉकिंग का फायदा उठाते हुए शेयर बेच दिए, वहीं कुछ ने इसे अपने पास बनाए रखने का फैसला किया। याबजी ने बताया, 'हम ऐसा प्रोग्राम बनाने में विश्वास रखते हैं, जो एंप्लॉयीज को तेज ग्रोथ दिलाने के साथ लॉन्ग-टर्म में वैल्यू क्रिएट करे।' कैशबैक वेबसाइट कैशकरो एंप्लॉयीज को काम के घंटे खुद तय करने की आजादी दे रही है। विंगिफाई ने कर्मचारियों को ऑफिस टाइमिंग्स और छुट्टियां तय करने की आजादी दी है। विंगिफाई के सीईओ स्पर्श गुप्ता ने बताया, 'हमारे यहां फ्लेक्सिबल वर्क कल्चर है। हमारी कंपनी में ऐसे लोग भी हैं, जो हफ्ते में 4 दिन भी ऑफिस नहीं आते।'


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DLF-GIC बनाएंगे गुड़गांव में देश का सबसे बड़ा मॉल

DLF-GIC बनाएंगे गुड़गांव में देश का सबसे बड़ा मॉल

कैलाश बाबर, मुंबई सिंगापुर का सॉवरेन वेल्थ फंड भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनी के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा रिटेल बनाने की तैयारी कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि नए प्रॉजेक्ट का साइज 25 लाख वर्ग फुट से ज्यादा हो सकता है। जीआईसी ने प्रॉजेक्ट को ‘डाउन टाउन’ नाम दिया है। इसका रिटेल के साथ कमर्शल कामकाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह मॉल 23 एकड़ जमीन पर बनेगा, जिसका मालिकाना हक डीएलएफ के पास है। जीआईसी का प्लॉट में डीएलएफ के 25 लाख वर्ग फुट वाले कमर्शल प्रॉजेक्ट साइबर पार्क के अपोजिट हाइवे पर है। एक सूत्र ने बताया, ‘रिटेल मॉल 80 लाख वर्ग फुट वाले प्रॉजेक्ट का हिस्सा होगा, जिसमें अपार्टमेंट्स, फाइव-स्टार होटल और कमर्शल डिवेलपमेंट जैसी चीजें भी शामिल रहेंगी। यह प्रॉजेक्ट दो-तीन चरण में बनाया जाएगा और इसमें 5 साल से ज्यादा का समय लग सकता है।’ यह काम डीसीसीडीएल (डीएलएफ साइबर सिटी डिवेलपर्स लिमिटेड) के जरिए होगा। जीआईसी का प्रस्तावित मॉल देश का सबसे बड़ा रिटेल मॉल हो सकता है। फिलहाल, लुलु इंटरनैशनल शॉपिंग मॉल (कोच्चि) देश का सबसे बड़ा रिटेल मॉल है, जो 25 लाख वर्ग फुट में फैला है। डीएलएफ का भी नोएडा में 20 लाख लाख वर्ग फुट का मॉल है। डीएलएफ के प्रमोटरों- के पी सिंह और उनके परिवार- ने 2017 के आखिर में रेंटल यूनिट डीसीसीडीएल का स्टेक सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट फर्म को बेच दिया था, जिसके बाद डीएलएफ-जीआईसी ज्वाइंट वेंचर बना था। जीआईसी और डीएलएफ अपने कमर्शल लीजिंग बिजनस के अलावा सेंट्रल दिल्ली के मोतीनगर में हाई-राइज रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट पर भी काम कर रहे है। इसमें करीब 70 लाख वर्ग फुट क्षेत्र को बेचा जाएगा। डीएलएफ अब फ्लैट्स बनाने के बाद उन्हें बेचने की रणनीति पर अमल कर रही है। इस तरह की रणनीति वाला यह डीएलएफ का पहला रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट होगा। एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘जीआईसी के साथ बने ज्वाइंट वेंचर में डीसीसीडीएल प्लेटफॉर्म को एक बिजनस ट्रस्ट- रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरआईईटी) बनाने के हिसाब से डिजाइन किया गया था।’ इस खबर को लेकर ईमेल से पूछ गए सवालों पर जीआईसी और डीएलएफ ने प्रतिक्रिया नहीं दी। जीआईसी के साथ हुए समझौते के मुताबिक डीएलएफ इस ज्वाइंट वेंचर के कंप्लीटेड कमर्शल प्रॉजेक्ट्स को बेच सकती है या फिर इस यूनिट के लिए कमर्शियल एसेट्स बना सकती है। रियल्टी फर्म भविष्य में ज्वाइंट वेंचर को कमर्शियल डिवेलपमेंट के लिए जमीन भी बेच सकती है। डीएलएफ पहले ही डीसीसीडीएल को ट्रांसफर करने के लिए कुछ ऐसेट्स और जमीन की पहचान भी कर चुकी है और उसके लिए जीआईसी से बातचीत कर रही है। 2017 में डील के वक्त डीएलएफ और जीआईसी के बीच लेनदेन में प्रमोटर परिवार ने डीसीसीडीएल में 40% हिस्सेदारी 1.9 अरब डॉलर यानी 11,900 करोड़ रुपये में बेची थी।


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