DLF-GIC बनाएंगे गुड़गांव में देश का सबसे बड़ा मॉल

कैलाश बाबर, मुंबई सिंगापुर का सॉवरेन वेल्थ फंड भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनी के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा रिटेल बनाने की तैयारी कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि नए प्रॉजेक्ट का साइज 25 लाख वर्ग फुट से ज्यादा हो सकता है। जीआईसी ने प्रॉजेक्ट को ‘डाउन टाउन’ नाम दिया है। इसका रिटेल के साथ कमर्शल कामकाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह मॉल 23 एकड़ जमीन पर बनेगा, जिसका मालिकाना हक डीएलएफ के पास है। जीआईसी का प्लॉट में डीएलएफ के 25 लाख वर्ग फुट वाले कमर्शल प्रॉजेक्ट साइबर पार्क के अपोजिट हाइवे पर है। एक सूत्र ने बताया, ‘रिटेल मॉल 80 लाख वर्ग फुट वाले प्रॉजेक्ट का हिस्सा होगा, जिसमें अपार्टमेंट्स, फाइव-स्टार होटल और कमर्शल डिवेलपमेंट जैसी चीजें भी शामिल रहेंगी। यह प्रॉजेक्ट दो-तीन चरण में बनाया जाएगा और इसमें 5 साल से ज्यादा का समय लग सकता है।’ यह काम डीसीसीडीएल (डीएलएफ साइबर सिटी डिवेलपर्स लिमिटेड) के जरिए होगा। जीआईसी का प्रस्तावित मॉल देश का सबसे बड़ा रिटेल मॉल हो सकता है। फिलहाल, लुलु इंटरनैशनल शॉपिंग मॉल (कोच्चि) देश का सबसे बड़ा रिटेल मॉल है, जो 25 लाख वर्ग फुट में फैला है। डीएलएफ का भी नोएडा में 20 लाख लाख वर्ग फुट का मॉल है। डीएलएफ के प्रमोटरों- के पी सिंह और उनके परिवार- ने 2017 के आखिर में रेंटल यूनिट डीसीसीडीएल का स्टेक सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट फर्म को बेच दिया था, जिसके बाद डीएलएफ-जीआईसी ज्वाइंट वेंचर बना था। जीआईसी और डीएलएफ अपने कमर्शल लीजिंग बिजनस के अलावा सेंट्रल दिल्ली के मोतीनगर में हाई-राइज रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट पर भी काम कर रहे है। इसमें करीब 70 लाख वर्ग फुट क्षेत्र को बेचा जाएगा। डीएलएफ अब फ्लैट्स बनाने के बाद उन्हें बेचने की रणनीति पर अमल कर रही है। इस तरह की रणनीति वाला यह डीएलएफ का पहला रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट होगा। एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘जीआईसी के साथ बने ज्वाइंट वेंचर में डीसीसीडीएल प्लेटफॉर्म को एक बिजनस ट्रस्ट- रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरआईईटी) बनाने के हिसाब से डिजाइन किया गया था।’ इस खबर को लेकर ईमेल से पूछ गए सवालों पर जीआईसी और डीएलएफ ने प्रतिक्रिया नहीं दी। जीआईसी के साथ हुए समझौते के मुताबिक डीएलएफ इस ज्वाइंट वेंचर के कंप्लीटेड कमर्शल प्रॉजेक्ट्स को बेच सकती है या फिर इस यूनिट के लिए कमर्शियल एसेट्स बना सकती है। रियल्टी फर्म भविष्य में ज्वाइंट वेंचर को कमर्शियल डिवेलपमेंट के लिए जमीन भी बेच सकती है। डीएलएफ पहले ही डीसीसीडीएल को ट्रांसफर करने के लिए कुछ ऐसेट्स और जमीन की पहचान भी कर चुकी है और उसके लिए जीआईसी से बातचीत कर रही है। 2017 में डील के वक्त डीएलएफ और जीआईसी के बीच लेनदेन में प्रमोटर परिवार ने डीसीसीडीएल में 40% हिस्सेदारी 1.9 अरब डॉलर यानी 11,900 करोड़ रुपये में बेची थी।


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