मनी लॉन्ड्रिंग मामले में स्टर्लिंग बायोटेक की 9,778 करोड़ की संपत्ति जब्त

नई दिल्ली/मुंबईएन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने दवा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की अपनी जांच में कंपनी की 9,778 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। 2004-12 के बीच का यह मामला कंपनी और भारतीय बैंकों की देश और विदेश में ब्रांचों से जुड़ा है। जब्त की गई संपत्ति में नाइजीरिया में चार ऑइल रिग्स और एक ऑइल फील्ड और लंदन में एक बंगला शामिल हैं। PMLA के तहत हुई कार्रवाई इससे पहले 2018 में ईडी ने कंपनी के 4,730 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने एसबीएल ग्रुप, संदेसरा बंधुओं ( और ) और अन्यों के खिलाफ अगस्त 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इससे कुछ दिन पहले सीबीआई ने इनके खिलाफ 5,700 करोड़ रुपये के कथित बैंक ब्रैंड का मामला दर्ज किया था। संदेसरा बंधुओं का लोन फ्रॉड आरोप है कि संदेसरा बंधुओं और अन्यों ने अपनी कंपनियों की बैलेंस शीट के आंकड़ों में गड़बड़ी कर बैंकों से बड़े लोन लेने के लिए आपराधिक षडयंत्र किया था। आरोपियों ने कर्ज लेने के बाद इसे शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट किया। प्रमोटर्स ने इस फंड को व्यक्तिगत जरूरतें पूरी करने के लिए डायवर्ट किया था। ED ने बताया कि उसने दिल्ली के एक कारोबारी और बिचौलिए , आंध्रा बैंक के पूर्व डायरेक्टर , एसबीएल के डायरेक्टर और धवन के सहयोगी सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। भगोड़े बिजनसमैन हितेश नरेंद्र भाई पटेल को 22 मार्च को अल्बानिया की राजधानी तिराना में हिरासत में लिया गया था। इंटरपोल से जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल ने भारतीय अथॉरिटीज से निवेदन मिलने पर पटेल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसी के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया था। पटेल गुजरात के कारोबारियों चेतन जयंतीलाल संदेसरा और नितिन जयंतीलाल संदेसरा का रिश्तेदार है। ईडी ने बताया कि आरोपियों ने संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, बारबाडोस और नाइजीरिया सहित कई देशों में 96 कंपनियां बनाई थीं। बैंक फ्रॉड में मुंबई की कंपनी की संपत्ति जब्त ED ने 2,600 करोड़ के कथित बैंक लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुंबई की ऐल्युमीनियम रोल्स बनाने वाली कंपनी के कई ठिकानों पर छापे मारे। एजेंसी ने बताया कि पारेख ऐल्युमिनेक्स लिमिटेड के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करने के बाद ये छापे मारे गए। ईडी ने हैदराबाद के बाहरी इलाके में कंपनी की 47.39 एकड़ जमीन को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश भी जारी किया है। इसकी कीमत 46.97 करोड़ रुपये मानी जा रही है। एजेंसी ने बताया कि कंपनी पर इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 2,297 करोड़ और ऐक्सिस एवं फेडरल बैंक के साथ 390 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। सीबीआई पहले ही कंपनी के खिलाफ छह एफआईआर दर्ज कर चुकी है।


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