
नई दिल्ली कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के सिलसिले में लागू पाबंदियों के चलते पिछले 60 दिन में खुदरा कारोबारियों को 9 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है। कारोबार पर पाबंदी में ढील के बाद के पहले सप्ताह का विश्लेषण करते हुए संगठन ने रविवार को एक बयान में कहा कि घरेलू व्यापार इस समय अपने सबसे खराब समय का सामना कर रहा है, क्योंकि पिछले सोमवार जब से लॉकडाउन में ढील देने के बाद से देशभर में दुकानों खुली हैं, उनमें केवल 5 प्रतिशत व्यापार ही हुआ है और केवल 8 प्रतिशत कर्मचारी ही दुकानों पर आए हैं। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बयान में कहा,‘60 दिनों के राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान घरेलू व्यापार में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये का कारोबार नहीं हुआ। केंद्र एवं राज्य सरकारों को 1.5 लाख करोड़ के जीएसटी राजस्व का नुकसान हुआ है।’ संगठन का कहना है कि देशभर के व्यापारियों को बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है और सरकार की ओर से कोई नीतिगत समर्थन के अभाव में व्यापारी अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं।’ खुदरा व्यापार में काम कर रहे लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी अपने मूल गांवों में चले गए, जबकि लगभग 20 प्रतिशत कर्मचारी जो स्थानीय निवासी हैं, वे भी आपिस काम पर लौटने में ज्यादा इच्छुक नहीं है । कोरोना से डर के कारण लोग खरीदारी के लिए बाजारों में नहीं आ रहे है। बयान में कहा गया है कि देश का खुदरा व्यापार क्षेत्र लगभग 7 करोड़ व्यापारियों द्वारा संचालित होता है, जो 40 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार होता है।
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