
नई दिल्ली के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रविवार को कहा कि विकास को में बदलने की जरूरत है और भारत को 2047 तक दुनिया की दूसरी या तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए। कुमार ने भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए निजी क्षेत्र का निवेश आवश्यक है। उन्होंने कहा, 'आज हमें विकास को जन-आंदोलन में बदलने की जरूरत है। भारत को 2047 तक दूसरी या तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ख्वाहिश रखनी चाहिए।' भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। कुमार ने यह भी कहा कि यदि भारत रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा कर पाता है तो आर्थिक वृद्धि होगी। कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भारतीय समाज की कमजोरियों को दिखाया है। उन्होंने कहा, 'हमारे 80 प्रतिशत कार्यकर्ता रडार से नीचे हैं, हमारे पास उनके बारे में आंकड़े नहीं हैं।’ उन्होंने दुनिया भर में बढ़ते संरक्षणवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि बहुत लंबे समय तक भारत को प्रौद्योगिकी का आयात करना होगा, क्योंकि देश ने बहुत समय खो दिया है। कुमार ने सरकार और उद्यमियों के बीच अविश्वास को दूर करने पर भी जोर दिया।
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