वॉशिंगटन भारत में बिजनस करना अब और भी आसान हो गया है। ईज ऑफ डूंइंग बिजनस रैंकिंग यानी DBR में भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 14 पायदान चढ़कर 63वीं रैंक पर पहुंच गया है। पहले 190 देशों की लिस्ट में भारत की रैंकिंग 77 थी, जो अब और सुधर गई है। खास बात यह है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में लगातार पांचवी बार सुधार हुआ है। साल 2015 से इसमें लगातार सुधार होता जा रहा है और एक और अहम बात यह है कि लगातार 3 वर्षों से भारत इस मामले में रैंकिंग में तेज सुधार करने वाले टॉप 10 देशों में शामिल है। सरकार के सतत प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले 5 वर्षों(2014-19) के दौरान भारत की रैंकिंग में 79 पायदानों का सुधार हुआ है। भारत 10 संकेतकों में से 7 में में सुधरा लाया है और इंटरनैशनल बेस्ट प्रैक्टिसेस के करीब पहुंचा है। 'दिवालिया शोधन प्रक्रिया', 'कंस्ट्रक्शन परमिट', 'प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन', 'विदेशी व्यापार', 'टैक्स अदायगी' आदि इंडिकेटर्स में जबर्दस्त सुधार आया है, जिसकी वजह से भारत की रैंकिंग सुधरी है। ईज ऑफ डूइंग बिजनस के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार की कई वजहें हैं। भारत ने इस साल कई स्तरों पर अपना पर्फॉर्मेंस सुधारा है, जिनमें प्रमुख हैं... -वर्ल्ड बैंक ने लगातार तीसरे साल भारत को टॉप 10 इम्प्रूवर्स(सुधार लाने वालों) में रखा है। -दिवालिया मामलों के रिकवरी रेट में जबर्दस्त सुधार आया है, जो 71.6% से सुधरकर 26.5% पर आ गया है। -दिवालिया मामलों के निपटारे में लगने वाला समय भी घटा है। पहले ऐसे मामले निपटने में जहां 4.3 साल लग जाते थे, अब 1.6 साल लग रहे हैं। -कंस्ट्रक्शन परमिट के प्रोसीजर्स की संख्या भी भारत ने घटाई है। -दक्षिण एशियाई देशों में भारत पहले स्थान पर काबिज है। साल 2014 में वह छठे स्थान पर था।
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