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राघव ओहरी, नई दिल्ली शिविंदर सिंह ने अपने भाई मलविंदर सिंह की तुलना 'भस्मासुर' से की है और कहा है कि शायद वह पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। शिविंदर ने RHC होल्डिंग्स का फरेंसिक ऑडिट कराने की मांग करते हुए ये बातें कही हैं। वहीं बड़े भाई मलविंदर ने कहा कि वह गलत आरोप लगाने पर अपने भाई पर मुकदमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिविंदर खुद को राधा स्वामी सत्संग ब्यास को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर RHC का पैसा बकाया है। दोनों भाई रेलिगेयर एंटरप्राइजेज और फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर हैं। अभी वे पैसे की हेराफेरी के आरोप में हिरासत में हैं। शिविंदर ने ये आरोप जुलाई में नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में लगाए थे। मलविंदर ने उस पर अगस्त में जवाब दाखिल किया था। ET ने दोनों दस्तावेज देखे हैं। इन दस्तावेजों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। सुनवाई दिसंबर में शुरू होने वाली है। ग्रुप की होल्डिंग कंपनी RHC के डायरेक्टर पद से मलविंदर को हटाने की मांग करते हुए शिविंदर ने से अनुरोध किया है कि वह बोर्ड को अपने कंट्रोल में ले ले और इसमें खुद नए लोगों की नियुक्तियां करे। उन्होंने मलविंदर पर आरोप लगाया कि RHC को चलाने में उन्होंने 'गड़बड़ी' की। उन्होंने अनुरोध किया है कि शिविंदर और उनके किसी भी अधिकृत प्रतिनिधि को RHC के कर्मचारियों से संपर्क न करने दिया जाए। उन्होंने मलविंदर को RHC के कार्यालयों में जाने से रोकने की मांग भी की है। दिल्ली पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंस विंग ने दोनों भाइयों और उनके सहयोगियों को इसी महीने गिरफ्तार किया था। मलविंदर ने आरोप लगाया है कि शिविंदर ने इसलिए मुकदमा दाखिल किया है ताकि RHC राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के चीफ गुरिंदर सिंह ढिल्लों से पैसा वापस न मांग सके। मलविंदर ने आरोप लगाया है कि शिविंदर RSSB का अगला चीफ बनने के लिए ढिल्लों की खुशामद कर रहे हैं। मलविंदर ने कहा है कि शिविंदर ने 'असल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश में बेमतलब के मुद्दे उठाए।' उन्होंने शिविंदर पर 'फोर्टिस हेल्थकेयर, RHC, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज आदि से बड़े पैमाने पर फंड डायवर्जन कर ढिल्लों और उनके कंट्रोल वाली इकाइयों को देने' का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ढिल्लों के कंट्रोल वाली इकाई लोवे को 600 करोड़ रुपये का अनसिक्यॉर्ड लोन फोर्टिस हेल्थकेयर ने दिया था। आरोप के अनुसार इस पैसे से ढिल्लों ने गुरुग्राम में 20 एकड़ जमीन खरीदी। यह जमीन विवादित बताई जाती है और इस डील की जांच सीबीआई कर रही है।
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