नई दिल्ली जब हम पढ़ाई कर रहे होते हैं तो हर किसी का सपना होता है कि आगे जाकर आईआईटी (IITs)और आईआईएम (IIMs) जैसे प्रीमियर संस्थानों में पढ़ाई करें क्योंकि यहां आपका भविष्य सुनहरा माना जाता है। हर साल की तरह इस साल भी यहां के छात्रों को शानदार ऑफर मिला, लेकिन कोरोना महामारी ने सपनों पर पानी फेर दिया। इन छात्रों को अब अपना भविष्य अंधेरे में दिख रहा है। लॉकडाउन लंबा चलेगा तो बदलेगी परिस्थिति इन संस्थानों का कहना है कि जिन कंपनियों की तरफ से कैम्पस सिलेक्शन आए थे, उन्होंने अब तक सकारात्मक भरोसा दिया है। जिन छात्रों की नौकरी विदेश में लगी थी, उनके लिए तात्कालिक अपने देश में ही वर्चुअल ऑनबोर्ड की सुविधा दी जा रही है। लेकिन अगर लॉकडाउन लंब चलता है तो परिस्थितियां बदल सकती है। पैकेज में कटौती संभव ईटी से बात में IITs और IIMs के प्लेससमेंट सेल का कहना है कि इकॉनमी में आई मंदी का असर तो जरूर होगा। यह संभव है कि कंपनियां पैकेज में कटौती कर दे या कुछ दिनों के लिए अभी ज्वाइनिंग टाल दे। अगर स्थिति ज्यादा खराब होती है तो यह भी संभव है कि वह जॉब ऑफर वापस ले ले। वर्चुअल ऑनबोर्ड की प्रक्रिया अपनाएगी कंपनियां आईआईएम- बेंगलुरू, कोझिकोड, अहमदाबाद और इंदौर की तरफ से कहा गया कि कंपनियों ने भरोसा दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वर्चुअल ऑनबोर्ड प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और डेटा सिक्यॉरिटी को ध्यान में रखते हुए कुरियर के जरिए नए ज्वाइनर्स को लैपटॉप भेजे। कुछ कंपनियों ने शुरुआत में ही वर्क फ्रॉम होम की बात कही है। इंतजार करने को बोल रही हैं कंपनियां हालांकि छात्रों का कहना है कि कई कंपनियां फिलहाल कह रही हैं कि ऑफर का सम्मान किया जाएगा लेकिन अभी कुछ समय के लिए उन्हें इंतजार करना होगा। ऑफर वापस लेने के भी दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में वहां की प्लेसमेंट सेल उन छात्रों को दूसरी कंपनियों के प्लेस करने की कोशिश कर रही है।
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