नई दिल्ली कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच इंडिया पोस्ट ने एक नया रेकॉर्ड कायम किया है। 24 मार्च से लेकर 23 अप्रैल के बीच देशभर के पोस्ट ऑफिस ने अपने 1.36 लाख डाकघरों के नेटवर्क के माध्यम से खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को 412 करोड़ रुपये की नकदी दी है। बड़े काम का एईपीएस डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स के सेक्रटरी प्रदीप्ता कुमार बिसोई ने बताया, 'यह इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के के कारण संभव हुआ, जिसके तहत किसी का किसी भी बैंक में खाता है तो वह डाकिये के जरिए पैसे अपने घर तक मंगा सकता है। इसके लिए पोस्ट ऑफिस में बचत खाते की जरूरत नहीं होती।' पोस्टमैन लोगों के घर तक ला रहा बैंक बिसोई ने बताया, 'लोगों तक डोरस्टेप बैंकिंग फैसिलिटी मुहैया कराने के काम में लगभग एक लाख पोस्टमैन कार्यरत हैं।' लोग IPPB ऐप या पोस्टमैन के जरिए इलेक्ट्रिसिटी बिल, वाटर बिल, डीटीएच रिचार्ज तथा किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। कई कहानियां आईं सामने हाल के दिनों में नई दिल्ली स्थित डाक विभाग के मुख्यालय में कई लोगों की उत्साहजनक कहानियां सामने आई हैं। इनमें से एक का नाम जितेंद्र सिंह हैं, जो उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के पूरे नेपाल गांव के निवासी हैं। इन्होंने एक अनूठी पहल की। वह अपने खेतों में काम करने वाले लोगों को 3,000 रुपये की मदद करना चाहते थे। नजदीकी बैंक शाखा तथा एटीएम गांव से दो किलोमीटर दूर था और बैंक भी बंद था। वह अपने गांव के पोस्टमास्टर मिथिलेश कुमारी से मिले, जिन्होंने आधार-इनेबल्ड पेमेंट सर्विस (AePS) के जरिए उन्होंने वह रकम दे दी। इन्हें मिलेगी सुविधा इस सुविधा से पेंशनर्स, दिव्यांगों, महिलाओं तथा गरीबों को पैसे निकालने के लिए अपने गांव से दूर बैंक की शाखा तक जाने की जरूरत नहीं है। पोस्टऑफिस का आदमी आपके पास आएगा और एईपीएस सुविधा के जरिए आपको रकम आसानी से मिल जाएगी।
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