आनंदिता मनकोटिया, नई दिल्ली देशभर में लॉकडाउन के बीच सरकार ऐसी इंडस्ट्रियल टाउनशिप्स में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की इजाजत देने पर विचार कर रही है, जहां एंट्री और एग्जिट नियंत्रित की जा सके और जहां अच्छी मेडिकल फसिलिटी हो। साथ ही, सरकार उन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर भी काम चालू करने की इजाजत देने पर विचार कर रही है, जहां मजदूर रहते भी हों। इसके अलावा मेडिकल और हेल्थकेयर से जुड़े उपकरणों के उत्पादन के मामले में भी ऐसी ही ढील दी जा सकती है। अधिकारियों ने बताया कि इकॉनमी को धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर निकालने से पहले सरकार 15 खास क्षेत्रों में रियायत देकर इसका नतीजा देखना चाहती है। सरकार का मकसद जिंदगी के साथ रोजी-रोटी बचाना अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग में लॉकडाउन बढ़ाने पर आम सहमति लगभग बन गई थी और अब सरकार ऐसी गाइडलाइंस पर काम कर रही है, जिनका मकसद लोगों की जिंदगी के साथ रोजी-रोटी का जरिया भी बचाना है। मामले से वाकिफ एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने ईटी से कहा, 'तीन हफ्तों का कंप्लीट लॉकडाउन पूरा होने जा रहा है और अब यह सोचा जा रहा है कि कुछ इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटी, कंस्ट्रक्शन और मेडिकल उपकरणों-दवाओं का उत्पादन एक सुरक्षित और नियंत्रित माहौल में शुरू किया जाना चाहिए।' बनाई जा रही लिस्ट नियंत्रित कारोबारी गतिविधि का उदाहरण देते हुए सरकारी अधिकारियों ने कहा कि फॉक्सकॉन सरीखी कुछ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर्स के कारखानों में डॉरमेट्री हैं। सरकारी विभागों और मंत्रालयों ने इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की है और उसके आधार पर ऐसे सेक्टरों की लिस्ट बनाई जा रही है जिन्हें खोला जा सकता है। इसके लिए होम मिनिस्ट्री और पीएमओ से इजाजत लेनी होगी। एक्सपोर्ट कंपनियों और MSMEs में शुरू होगा काम! विचार यह भी किया जा रहा है कि एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों और माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइजेज को कामकाज शुरू करने की इजाजत दी जाए। हालांकि इसमें उन्हें कम कामगारों से काम चलाना होगा और जरूरी मटीरियल्स का मूवमेंट भी सीमित ही होगा। एक अधिकारी ने कहा, 'स्पेशल इकनॉमिक जोन की सभी इकाइयों और एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स को मिनिमम मैनपावर के साथ काम करने की इजाजत दी जा सकती है। उन्हें सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।' इनको मिल सकती है छूट
- टेक्सटाइल्स
- इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग
- ट्रांसफॉर्मर और सर्किट व्हीकल्स
- टेलिकॉम उपकरण बनाने वाली इकाइयां
- कंप्रेसर और कंडेंसर यूनिट
- रक्षा उपकरण बनाने वाली इकाइयां
- पल्प और पेपर यूनिट्स
- सभी तरह के खाद्य पदार्थ बनाने वाली इकाइयां
- उर्वरक कारखाने
- सीमेंट कारखाने
- पेंट कारखाने
- ऑटोमोबाइल प्लांट्स
- प्रेशर कुकर गास्केट
- सर्जिकल ग्लव्स और रबड़ कोटेड एप्रन सहित फार्मास्युटिकल आइटम्स
- स्पतालों के लिए ट्रॉली व्हील्स और कैथेटर
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