रंजीत शिंदे, ईटीआईजी फिस्कल ईयर 2020 में की पिछले चार साल में सबसे कम रह सकती है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में मांग कम रहने के चलते ग्रोथ में सुस्ती और पिछले फिस्कल ईयर के इसी पीरियड में डबल डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ के हाई बेस से उनकी चाल बिगड़ सकती है। ईटीआईजी की तरफ से किए गए बीएसई 500 कंपनियों के ऐनालिसिस के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच सैंपल में शामिल कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ 2.4% रही है। यह वित्त वर्ष 2016 के बाद सबसे कम है। टर्नअराउंड के बड़े संकेतों के अभाव में सैंपल कंपनियों के लिए रेवेन्यू ग्रोथ को 17.5% से आगे ले जाना मुश्किल होगा जिसको उन्होंने FY19 में हासिल किया था। इसके चलते FY2020 में उनकी रेवेन्यू ग्रोथ कमजोर रह सकती है। ETIG के सैंपल में FY2014 से फाइनेंशियल रिजल्ट्स जारी कर रहीं 423 कंपनियां शामिल हैं। FY19 के पहले नौ महीनों में इन कंपनियों की 29.3% की स्ट्रॉन्ग ग्रोथ नेट सेल्स थी। इसके मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष में ऑटो और एंसिलियरी, सीमेंट, कंस्ट्रक्शन, मेटल और ऑयल ऐंड गैस सहित कई सेक्टर की कंपनियों के कमजोर परफॉर्मेंस के चलते सैंपल कंपनियों की सेल्स ग्रोथ काफी कम रही है। FY20 के पहले तीन क्वॉर्टर में टेलीकॉम सर्विसेज प्रोवाइडर्स को हुए हेवी लॉस के चलते सैंपल कंपनियों का नेट प्रॉफिट 6.8% गिरा था। यह कम से कम पिछले पांच साल में सैंपल कंपनियों के नेट प्रॉफिट में सबसे तेज गिरावट थी। इंडिया इंक के नौ महीने के परफॉर्मेंस पर जारी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैंपल कंपनियों के रेवेन्यू में सुस्ती रही है जो कई इंडस्ट्रीज में सुस्ती होने का संकेत है। निफ्टी50 में शामिल कंपनियों की नेट सेल्स मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 2.1% बढ़ी जबकि साल भर पहले के इसी पीरियड में उसकी नेट सेल्स ग्रोथ 37.6% रही थी। हालांकि कॉरपोरेट टैक्स रेट में कटौती किए जाने से इस दौरान इनका नेट प्रॉफिट 11.2% बढ़ा जो साल भर पहले 0.4% बढ़ा था। दिसंबर 2019 तक नौ महीनों में निफ्टी की सैंपल कंपनियों का इफेक्टिव टैक्स रेट साल भर पहले के 32.7% से घटकर 26.6% पर आ गया। एमके ग्लोबल रिसर्च अपनी रिपोर्ट में लिखती है, 'ऐसा लगता है कि FY2020 के पहले नौ महीनों में ईपीएस ग्रोथ की बड़ी वजह सितंबर 2019 में घोषित कॉरपोरेट टैक्स रेट में कटौती रही है। औसत दर के लिए FY2020 के चौथे क्वॉर्टर और FY2021 में ईपीएस ग्रोथ हाई रहना जरूरी है।' FY2020 में अब तक इंडिया इंक की प्रॉफिट ग्रोथ सुस्त रहने की वजह से कुछ ब्रोकरेज फर्म्स FY2020 की प्रॉफिट ग्रोथ को लेकर बेयरिश हो गए हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, 'FY20 में निफ्टी का ईपीएस एस्टीमेट 538 रुपये से मामूली तौर पर रिवाइज करके 527 रुपये कर दिया गया है। ऐसे में मौजूदा फिस्कल ईयर में निफ्टी की प्रॉफिट ग्रोथ 9% रहने का अनुमान है।'
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