मुंबई संकट के बीच देश के में रेकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। विदेशी पूंजी बाजार को स्थिर करने के लिए द्वारा डॉलर की धुआंधार बिक्री से 20 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी पूंजी भंडार में 11.98 अरब डॉलर (84,000 करोड़ रुपये) की बड़ी गिरावट आई है, जो 12 वर्षों का साप्ताहिक रेकॉर्ड है। कोरोना वायरस महामारी के संकट को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से काफी बड़ी रकम की निकासी की है, जिसके कारण रुपया दबाव में है। और डॉलर बेचने की गुंजाइश सप्ताह की शुरुआत में कुल विदेशी पूंजी भंडार 481 अरब डॉलर का था, जो 20 मार्च की समाप्ति पर 469.9 अरब डॉलर पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि भंडार के ऑल टाइम हाई पर रहने और देश के आयात बिल में कमी आने के मद्देनजर रिजर्व बैंक के पास और डॉलर बेचने की गुंजाइश है। 2008 में 15 अरब डॉलर की गिरावट पिछले बार 2008 की वैश्विक मंदी के दौरान अक्टूबर 2008 में विदेशी मुद्रा भंडार में 15 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। पिछले सप्ताह पांच अरब डॉलर की बिक्री के साथ ही आरबीआई पिछले पखवाड़े में 17 अरब डॉलर बेच चुका है। आरबीआई द्वारा डॉलर बिक्री के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपये ने मार्च में अपने निचले स्तर को छू दिया और 23 मार्च को 76 के स्तर को पार कर गया। रुपये के लिए कोई स्तर तय नहीं उसके बाद, शुक्रवार को यह थोड़ा सुधरकर 74.89 के स्तर पर पहुंच गया। आरबीआई के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय बैंक ने रुपये के लिए कोई खास स्तर तय नहीं किया था, लेकिन अगर बाजार एक तरफा हुआ तो वह कदम उठाएगा।
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