आनंदिता मनकोटिया, नई दिल्ली निक रीड ने अपने मंगलवार को दिए उस बयान के लिए भारत सरकार से माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने टेलिकॉम सेक्टर को राहत न मिलने की सूरत में भारत छोड़ने की धमकी दी थी। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में दोहराया कि कंपनी भारत में कारोबार जारी रखना चाहती है। रीड ने टेलिकॉम सेक्टर की मदद के लिए सरकार के पैनल बनाने के फैसले पर आभार भी जताया। टेलिकॉम मंत्री को भेजा पत्र एक वरिष्ठ अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि रीड ने टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र भेजा है। इससे पहले सरकार ने रीड की टिप्पणी के लहजे और उसकी टाइमिंग पर नाराजगी जताई थी। सीईओ ने पत्र में लिखा है, ‘हाल में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर आए अदालती फैसले और टेलिकॉम इंडस्ट्री पर बढ़ते कर्ज के मद्देनजर राहत पैकेज तैयार करने के लिए मैं भारत सरकार का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।’ पढ़ें : कहा, बयान का गलत मतलब निकाला रीड ने कहा कि उनके बयान को भारत में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। उन्होंने अपने बयान से पड़े बुरे प्रभाव के लिए भी माफी मांगी। रीड ने कहा, ‘भारत में मेरी बात का सही मतलब नहीं निकाला गया।’ रीड ने एक दिन पहले लंदन में कंपनी के तिमाही नतीजों का ऐलान करते हुए यह बयान दिया था, जिस पर खूब हो-हल्ला मचा। पढ़ें : उन्होंने अपने बयान को समझाते हुए कहा, ‘मेरे कहने का मतलब था कि भारत में हालात काफी नाजुक हो गए हैं। मैं भारत गया था। मैंने सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। मुझे महसूस हुआ कि सरकार से जितना हो सकता है, वह टेलिकॉम इंडस्ट्री की मदद करना चाहती है।’ पढ़ें : समिति बनाने के फैसले का स्वागत रीड ने टेलिकॉम सेक्टर को उबारने के लिए सचिवों की समिति बनाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया। रीड ने कहा कि वोडाफोन अगले कुछ हफ्तों तक भारत सरकार के संपर्क में रहेगी। वोडाफोन के सीईओ ने इंडियन मार्केट को लेकर प्रतिबद्धता की बात भी दोहराई। उन्होंने कहा, ‘वोडाफोन भारत में लंबे वक्त तक बने रहना चाहती है।’ रीड ने आगे कहा कि कंपनी को भारत की संभावनाओं और टेलिकॉम सेक्टर पर पूरा भरोसा है। भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है।
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