ओला-ऊबर के कमीशन की तय होगी लिमिट!

अलनूर पीरमुहम्मद & नवीन मेंजेज, बेंगलुरु ओला और ऊबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों से जो कमीशन लेती हैं, सरकार उसकी हदबंदी करने की योजना बना रही है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि टैक्सी ऐग्रिगेटर्स के लिए बनाए जा रहे नियमों में यह बात शामिल की जाएगी कि ये ड्राइवरों से टोटल फेयर के 10 प्रतिशत तक ही कमीशन लेंगी। कमीशन रेगुलेट करने पर सरकार के विचार करने का यह पहला मौका है। अभी ये कंपनियां करीब 20 प्रतिशत कमीशन लेती हैं। राज्य सरकारें भी अगर चाहें तो ऐग्रिगेटर्स की कमाई पर एक चार्ज लगा सकती हैं। यह बात राज्यों के अधिकारियों को दी गई गाइडलाइंस में कही गई है। ईटी ने इन्हें देखा है। राइड कैंसल होने पर पेनल्टी प्रस्तावित गाइडलाइंस में कमीशन की हदबंदी के अलावा सर्ज प्राइसिंग, पैसेंजर और ड्राइवर की सेफ्टी, ड्राइवरों और ऐग्रिगेटर्स के लिए पेनल्टी और ऐग्रिगेटर्स के लिए लाइसेंसिंग से जुड़े नियमों की जानकारी भी दी गई है। ड्राइवरों के राइड कैंसल कर देने के बड़े मसले के बारे में गाइडलाइंस में टोटल फेयर के 10-50 प्रतिशत तक पेनल्टी लगाने का सुझाव दिया गया है। हालांकि कहा गया है कि पेनल्टी 100 रुपये से ज्यादा न हो। साथ ही, राज्य यह भी तय कर सकेंगे कि कोई ड्राइवर एक हफ्ते में अधिकतम कितनी राइड्स कैंसल कर सकता है। यात्रियों पर भी पेनल्टी का सुझाव इसी तरह बिना वजह के राइड कैंसल करने पर यात्रियों पर भी टोटल फेयर के 10-50 प्रतिशत तक पेनल्टी लगाने का सुझाव है। इसे भी 100 रुपये तक रखने की बात की गई है। सर्ज प्राइसिंग के विवादित मुद्दे पर सरकार ने इसे बेस फेयर के दोगुने तक सीमित करने का सुझाव दिया है। बेस फेयर राज्य तय कर सकता है या ऐग्रिगेटर इसके बारे में सुझाव दे सकता है और हर तिमाही में इसकी समीक्षा करनी करनी होती है। हालांकि एक और नियम भी है कि किसी ड्राइवर की एक दिन की कुल राइड्स में से अधिकतम 10 प्रतिशत राइड्स में ही सर्ज प्राइसिंग लगाई जा सकती है। कब तक आएंगे नए रूल्स? रोड ट्रांसपॉर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'हम अगले हफ्ते सार्वजनिक प्रतिक्रिया लेने के लिए इन नियमों का मसौदा जारी करने पर विचार कर रहे हैं।' मिनिस्ट्री ने ये गाइडलाइंस पिछले महीने राज्यों के साथ साझा की थीं। अधिकारी ने कहा, 'जो गाइडलाइंस साझा की गई थीं, ड्राफ्ट में कमोबेश वे ही बातें होंगी।' कैब ऐग्रिगेटर्स के लिए फाइनल रूल को मोटर वीइकल ऐक्ट 2019 के तहत नोटिफाई किया जाएगा जो पहली सितंबर को लागू हुआ था। इन रूल्स को इस साल के अंत तक औपचारिक रूप दिया जा सकता है।


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