कला विजयराघवन, देविना सेनगुप्ता एवं सैकत दास/मुंबई ने कहा है कि वह टेलिकॉम कंपनी में नया निवेश नहीं करेगा और उसे दिवालिया होने देगा, बशर्ते सरकार एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) को लेकर 39 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी पर बड़ी राहत नहीं देती। इकनॉमिक टाइम्स को इस मामले से वाकिफ कंपनी के आला अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। पूंजी के बेहतर इस्तेमाल पर विचार ग्रुप के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'टेलिकॉम बिजनस मार्केटप्लेयर्स को छोड़कर बाकी सबके लिए कमाई का जरिया है। ऐसा ज्यादा समय तक नहीं चलेगा। इससे ग्रुप की प्रॉफिटेबिलिटी में गिरावट आएगी। हमें कमजोर कारोबारी माहौल में अपनी पूंजी के बेहतर इस्तेमाल पर विचार करना होगा।' पिछले महीने AGR पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप के अधिकारियों ने कंपनी को दिवालिया घोषित करने के विकल्प पर सार्वजनिक बयान दिया है। पढ़ें : वोडाफोन सीईओ के बयान से सहमत ग्रुप के एक अधिकारी ने कहा कि हम वोडाफोन ग्रुप के सीईओ के मंगलवार के बयान से सहमत हैं। रीड ने मंगलवार को वोडाफोन ग्रुप के तिमाही नतीजों के ऐलान के बाद कहा था, 'अगर भारत में सुझाए गए उपायों के हिसाब से समाधान नहीं मिलता तो समझ लीजिए कि हालत नाजुक है। हम लिक्विडेशन (दिवालिया होने) की तरफ बढ़ रहे हैं। हम अपनी बात इससे ज्यादा साफ तरीके से नहीं कह सकते।' तो जॉइंट वेंचर पर सवालिया निशान रीड ने यह भी कहा था कि अगर सरकार से कोई राहत नहीं मिलती तो भारत में उनके जॉइंट वेंचर के भविष्य पर सवालिया निशान लग जाएगा। उन्होंने कहा था कि ग्लोबल टेलिकॉम कंपनी इस वेंचर में अब और पैसा नहीं लगाएगी। वोडाफोन के सीईओ ने अपने कुछ कमेंट्स बुधवार को वापस ले लिए। उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर माफी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। पढ़ें : उन्होंने संकट में फंसे टेलिकॉम सेक्टर की खातिर राहत पैकेज तैयार करने के लिए सचिवों की समिति बनाने पर सरकार को धन्यवाद दिया। रीड ने यह कदम तब उठाया, जब उनके कमेंट्स के लिए सरकार ने कंपनी के सामने नाखुशी जताई। बुधवार को वोडाफोन आइडिया का शेयर बीएसई पर 7.5% की गिरावट के साथ 3.70 रुपये पर बंद हुआ। 14 नवंबर को बोर्ड की मीटिंग इकनॉमिक टाइम्स को आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रवक्ता से इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। गौरतलब है कि वोडाफोन आइडिया के सितंबर तिमाही के नतीजों पर चर्चा के लिए 14 नवंबर को बोर्ड की मीटिंग होने वाली है। AGR की परिभाषा में नॉन कोर आइटम्स को शामिल करने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उस पर 28,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है।
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