मुंबई बजट में उपभोग बढ़ाने के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किए गए हैं, ऐसे में रिजर्व बैंक को खपत को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती के जरिए बड़ा कदम उठाना होगा। हालांकि, आज जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में कोई भी बदलाव नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिज़र्व बैंक को लेकर चिंतित है। एचडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट घोषणाओं की प्रकृति मुद्रास्फीतिक नहीं है और रिजर्व बैंक जल्दी से जल्दी जून की मौद्रिक समीक्षा में पॉलिसी दरों में कटौती कर सकता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौद्रिक नीति समिति 6 फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकती है। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के घटकर एक दशक के निचले स्तर 5 फीसदी पर आने का अनुमान है। इस बार यह देखना दिलचस्प रहेगा कि GDP ग्रोथ और महंगाई को लेकर क्या आकलन करता है। RBI ने पिछली बैठक से पहले लगातार 5 बार दरें घटाई थीं। क्रिसिल के सीनियर इकनॉमिस्ट डी के जोशी का मानना है कि RBI को अभी महंगाई की चिंता है।
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