सरकार का फोकस अपने पॉलिटिकल एजेंडा पर ज्यादा, इसलिए इकॉनमी का यह हाल: राजन

नई दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में विकास दर मामूली बढ़कर 4.7 फीसदी रही। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह 4.5 फीसदी रही थी। वर्तमान में जारी आर्थिक सुस्ती को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर का कहना है कि अर्थव्यवस्था की यह हालत सरकार की गलत नीतियों की वजह से है। सरकार का फोकस अपने एजेंडा पर ज्यादा- राजन ब्लूमबर्ग टीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान राजन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्तमान में सरकार का फोकस उसके पॉलिटिकल और सोशल एजेंडा पर ज्यादा है। उनका मानना है कि अगर सरकार अपना फोकस बदलेगी तो अर्थव्यवस्था की यह हालत नहीं रहेगी। उन्होंने सरकार की ऐसी नीतियों पर दुख जताया। नीतियों पर चुनावी वादे हावी राजन ने कहा कि 2019 में मोदी सरकार शानदार बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। ऐसे में सरकार की नीतियों पर उसके चुनावी वादे हावी दिख रहे हैं। उसकी नीतियां राजनीति से ज्यादा प्रभावित हैं, जिसके कारण विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ा है। नोटबंदी और कमजोर तरीके से लागू किए गए GST के कारण आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। यही वजह है कि विकास दर लगातार गिरती चली जा रही है। फाइनैंशल सेक्टर की परेशानी दूर करने की जरूरत आर्थिक सुस्ती के कारणों पर बात करते हुए पूर्व गवर्नर ने कहा कि सरकार ने फाइनैंशल सेक्टर की परेशानियों पर गंभीरता से विचार नहीं किया। उसे दूर करने के लिए समुचित उपाए नहीं किए गए, जिसके कारण विकास दर बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है।


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