विदेशी बाजारों में तेजी के बीच बीते सप्ताह अधिकतर तेल तिलहन कीमतों में सुधार का रुख

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में कीमतों में तेजी के बीच बीते सप्ताह दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में सुधार का रुख रहा और सरसों, मूंगफली तथा सोयाबीन डीगम सहित विभिन्न खाद्य एवं गैर-खाद्य तेल कीमतों में सुधार आया जबकि सोयाबीन और पाम तेल कीमतों में हानि दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने बताया कि प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने तथा रुपये में गिरावट आने के कारण भी तेल कीमतों में सुधार को बल मिला। उन्होंने कहा कि तेल आयातक जिस भाव पर आयात कर रहे हैं, स्थानीय वायदा बाजार में सटोरियों द्वारा उन तेलों के भाव तोड़ने के कारण आयातकों को हाजिर बाजार में लागत से कम कीमत पर अपना माल बेचना पड़ रहा है। इस स्थिति में सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली, सोयाबीन इंदौर तथा सीपीओ एक्स कांडला, पामोलीन आरबीडी दिल्ली एवं पामोलीन कांडला तेल के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले हानि प्रदर्शित करते बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि सरकार को सरसों किसानों की रक्षा के लिए सोयाबीन डीगम, रेपसीड, सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये क्योंकि सरसों की खपत नहीं हो पायेगी और किसानों को औने पौने दाम पर फसल बेचने को बाध्य होना पडेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार को, सरसों किसानों की मंडी में शुरु हुई सरसों की आवक के मद्देनजर उनके उत्पाद की बिक्री का काम आसान करने के लिए सस्ते पाम तेल पर जीएसटी बढा देना चाहिये। उन्होंने कहा कि नाफेड पिछले साल के बचे सरसों के 5.20 लाख टन के स्टॉक को लागत से 250 रुपये नीची कीमत पर भी बेच नहीं पा रहा है। साथ ही मंडियों में नये फसल की आवक शुरु हो गई है। सरकार को इस स्थिति पर गौर करना होगा कि वायदा कारोबार में सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम चल रहा है, ऐसे में किसानों को अपनी लागत निकालने और बैंकों के कर्ज को वापस करने में मुश्किल आ सकती है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सरसों (तिलहन) और सरसों दादरी तेल का भाव क्रमश: 35 रुपये और 100 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,265-4,295 रुपये और 8,600 रुपये प्रति क्विन्टल हो गये। जबकि सरसों पक्की घानी और सरसों कच्ची घानी टिन के भाव भी पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर के मुकाबले क्रमश: 25 रुपये और 30 रुपये के लाभ के साथ क्रमश: 1,375-1,525 रुपये और 1,400-1,545 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। तेजी के आम रुख के अनुरूप मूंगफली दाना और मूंगफली मिल डिलिवरी तेल गुजरात की कीमतें क्रमश: 45 रुपये और 300 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,490-4,515 रुपये और 11,250 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल की कीमत भी 15 रुपये के सुधार के साथ 1,800-1,845 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई। वनस्पति घी की कीमत 20 रुपये के सुधार के साथ 1,020-1,280 रुपये प्रति टिन पर बंद हुई। जबकि तिल मिल डिलिवरी की कीमत 10,100-15,050 रुपये प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित रही। लागत से कम कीमत पर बिक्री के लिए बाध्य होने तथा मांग कमजोर होने से सोयाबीन मिल डिलिवरी दिल्ली और सोयाबीन इंदौर के भाव क्रमश: 100 रुपये और 200 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 8,800 रुपये और 8,600 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। जबकि सोयाबीन डीगम के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 20 रुपये का सुधार दर्शाता 7,770 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। स्थानीय मांग घटने से सीपीओ एक्स कांडला और बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा) तेल के भाव भी पिछले सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले क्रमश: 350 रुपये और 150 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 7,150 रुपये और 7,750 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। वैश्विक स्तर पर मांग न होने तथा मलेशिया और इंडोनेशिया में भारी स्टॉक होने के साथ साथ लिवाली बेहद कमजोर होने की वजह से सीपीओ एक्स-कांडला, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला के भाव भी पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले क्रमश: 100 रुपये, 100 रुपये और 50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 7,050 रुपये और 8,450 रुपये और 7,750 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।


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