इस बार तो नहीं, अगली बार ब्याज दर घटाएगा रिज़र्व बैंक!

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली खुदरा महंगाई बढ़ने के कारण बजट के बाद ने पहली बार मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा में रीपो और रिवर्स रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इसके चलते फिलहाल लोन और सस्ते नहीं होंगे। हालांकि इससे मायूस होने की जरूरत नहीं है। ने ब्याज दरों में आगे कटौती करने की गुंजाइश रखी है। अगली तिमाही में घटेगी महंगाई! RBI ने कहा है कि अगली तिमाही से महंगाई में तेजी से गिरावट संभव है। महंगाई और बढ़ने की उम्मीद नहीं है। बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी रखेंगे। ऐसे में आगे RBI रेट्स में कटौती कर सकता है, जिससे लोन के और सस्ते होने के रास्ते खुलेंगे। यही कारण है कि RBI ने अपना रुख अकॉमडेटिव रखा है। इसका मतलब है कि जैसे ही ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनेगी, RBI कटौती करेगा। RBI ने रीपो रेट पहले की तरह बिना किसी बदलाव के 5.15 पर्सेंट पर रखा है। RBI ने लगातार 5 बार रीपो रेट घटाकर उसमें कुल 1.35 पर्सेंट की कटौती की है। पढ़ेंः रियल एस्टेट को फायदा इसके अलावा, RBI ने मार्केट में मनी फ्लो बढ़ाने और ग्रोथ को बूस्ट करने के लिए कई कदम उठाए हैं। रियल एस्टेट में अटके प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कमर्शल रियल एस्टेट के प्रॉजेक्ट लोन को चुकाने की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। रियल एस्टेट, ऑटो और MSME सेक्टर के लोन को 31 जुलाई तक CRR से मुक्त कर दिया गया है। इससे बैंक इन सेक्टरों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। RBI ने स्मॉल सेविंग स्कीम यानी छोटी बचत योजना की दरों में बदलाव के संकेत भी दिए हैं। उम्मीद की किरण मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार महंगाई दर को लेकर काफी सतर्क है। जनवरी-मार्च में प्याज की कीमतें और घट सकती हैं। अगली तिमाही से महंगाई में तेजी से गिरावट संभव है। महंगाई और बढ़ने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि दरों में आगे बदलाव मुमकिन है। दिसंबर तक ग्लोबल इकॉनमी में धीमापन दिखा था लेकिन अब इसमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं। देश में सरकारी खर्च से ग्रोथ को सहारा देने पर फोकस किया जा रहा है। निजी खपत से अगले वित्त वर्ष में सुधार संभव है। निवेश में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कम कॉर्पोरेट टैक्स से लिस्टेड कंपनियों को लाभ होगा। 15 फरवरी से 1, 3 साल का टर्म रीपो शुरू किया जाएगा। महंगाई, ग्रोथ का अनुमान RBI की MPC ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए GDP ग्रोथ 6 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में GDP ग्रोथ 5.5 से 6 पर्सेंट और तीसरी तिमाही में 6.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है। जहां तक खुदरा महंगाई दर की बात है तो यह चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 6.5 पर्सेंट रह सकती है। रेट कट कब तक? जानकारों का कहना है कि RBI अब जून में रेट कट सकता है। HDFC बैंक के केकी मिस्त्री का कहना है कि आगे ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। इसमें कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन जो स्थितियां नजर आ रही हैं और जिस तरह से स्थितियां सुधरने के संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि रेट कट करने में RBI देर नहीं करेगा।


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