नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) आम चुनाव से पहले लोगों को आकर्षित करने के लिये कृषि ऋण माफी समेत अन्य लोकलुभावन कदमों की होड़ के कारण राज्यों का एकमुश्त राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी है। फिच समूह की कंपनी इंडिया रेटिंग्स ने एक हालिया रिपोर्ट में 2019-20 के दौरान भारतीय राज्यों की वित्तीय स्थिति का परिदृश्य स्थिर रखा है। रिपोर्ट में 2019-20 के दौरान राज्यों का कुल मिला कर राजकोषीय घाटा बढ़कर उनके जीडीपी के 3.20 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। एजेंसी ने चालू
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