सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग, पेट्रोल, डीजल कर कटौती पर चुप्पी

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 3.3 प्रतिशत के बजट लक्ष्य के दायरे में रखने पर अडिग है। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका कर राजस्व बेहतर रहेगा और वह वर्ष के लिये तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने पेट्रोल, डीजल पर कर कटौती को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया। चालू खाते के बढ़ते घाटे (कैड) को नियंत्रित रखने तथा रुपये में गिरावट को थामने के उपायों की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को भी अर्थव्यवस्था की समीक्षा जारी रखी। प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज का जायजा लेते हुये कर संग्रह और वृहद आर्थिक संकेतकों पर गौर किया। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार को 2018-19 के बजट में सकल घरेलू उत्पाद में7.2 से 7.5 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि दर को पार कर लेने की उम्मीद है। उन्होंने विश्वास जताया कि पूंजीगत खर्च के तय लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा और कर संग्रह के लक्ष्य को पार कर लिया जायेगा। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से एक लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लिया जायेगा। जेटली ने कहा कि आधार बढ़ने से कर संग्रह बेहतर रहेगा और यह संग्रह बजट अनुमान से अधिक रहेगा। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में चीजें दुरुस्त हो रही हैं। हालांकि, वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि बैठक में पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के मुद्दे पर कोई चर्चा हुई या नहीं। पेट्रोल के दाम 81.63 रुपये लीटर तथा डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में ईंधन कीमतों और शुल्कों में कटौती पर चर्चा हुई, जेटली ने कहा कि यह आंतरिक समीक्षा बैठक थी। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इन दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर इनके दाम में उपभोक्ताओं को राहत देने की घोषणा कर सकती है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती क्योंकि उत्पाद शुल्क में एक रुपये की कटौती से उसे करीब 14,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि पूंजी व्यय 31 अगस्त तक बजट अनुमान का 44 प्रतिशत रहा है, ऐसे में सरकार यह साल पूंजीगत खर्च में बिना किसी कटौती के पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि ऊंची वृद्धि दर के लिए 100 प्रतिशत पूंजी व्यय बेहद जरूरी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को भरोसा है कि बजट में वृद्धि दर का जो अनुमान लगाया है उससे ऊंची वृद्धि हासिल होगी। मुद्रास्फीति व्यापक रूप से नियंत्रण में है। राजस्व संग्रह पर जेटली ने कहा कि कालेधन पर अंकुश के उपायों .. नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अब कर आधार में व्यापक वृद्धि दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि सीबीडीटी का मानना है कि इस साल कर संग्रह बजट लक्ष्य से अधिक रहेगा। अप्रत्यक्ष कर के बारे में जेटली ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में चीजें अब ठीक हो रही हैं और खपत में बढ़ोतरी से आगामी महीनों में कर संग्रह बढ़ेगा। कल की समीक्षा बैठक के बाद सरकार ने विनिर्माण कंपनियों के लिये विदेशी उधारी के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये कारपोरेट बॉंड में निवेश से प्रतिबंध हटा दिये और मसाला बॉड में कर लाभ देने की घोषणा की। जेटली ने कहा कि कल की बैठक में प्राथमिक तौर पर ज्यादा ध्यान चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने पर था। आज की बैठक आंतरिक थी जिसमें प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों के कामकाज पर गौर किया। भाषा अजय अजय महाबीरमहाबीर

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