इस्लामाबाद पाकिस्तान में ट्विटर यूजर्स को अब यूनाइटेड अरब एमिरेट्स (UAE) का बायकॉट करना है। बुधवार सुबह से ही पाकिस्तान में #BoycottUAE टॉप पर ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के पीछे की वजह बेहद दिलचस्प है। कुछ पाकिस्तानी यूजर्स UAE से इसलिए खफा हैं कि उसने तुर्की की लीबिया में कार्रवाई की निंदा की है। तुर्की और UAE के रिश्ते हाल के दिनों में बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। वहीं, पाकिस्तान के लिए लगातार तुर्की अपना सपोर्ट देता रहा है। इसलिए कई पाकिस्तानी तुर्की को अपना असली दोस्त बता रहे हैं। UAE से खुन्नस की एक वजह ये भी है कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया था। कई यूजर्स इसे लेकर भी UAE के बायकॉट की मांग उठा रहे हैं। इतनी नफरत लेकर कहां जाएंगे पाकिस्तानीइस हैशटैग पर किए गए कुछ ट्वीट्स की भाषा ऐसी है जिसकी सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है। ये सब शुरू हुआ अली केसकिन नाम के एक वेरिफाइड अकाउंट की अपील पर। उसने 19 मई को रात 9 बजे के लगभग ट्वीट किया, "UAE अब तुर्की का दुश्मन है। मैं अपने सभी मुस्लिम दोस्तों से UAE पर प्रतिबंध लगाने की अपील करता हूं।" इसके साथ उसने #BoycottUAE हैशटैग का यूज किया। अगले ट्वीट में उसने कहा कि 'UAE कश्मीर संकट पर चुप रह गया और भारत का समर्थन करता है।' इसके बाद इस हैशटैग के साथ दनादन ट्वीट्स होने लगे। किसी ने UAE को तुर्की की वजह से लताड़ा तो कोई पीएम मोदी को बीच में ले गया। कश्मीर के बहाने भी UAE पर खूब वार किए जा रहे हैं। क्या कह रहे पाकिस्तानी यूजर्स?अदनान ने लिखा है कि 'UAE पाकिस्तानियों के साथ बेहद बुरा बर्ताव करता है और तुर्की में पाकिस्तान के लोगों की बड़ी इज्जत है। हम तुर्की से प्यार करते हैं।' कई लोगों ने साथ में तुर्की और पाकिस्तान का झंडा लगाकर UAE का बायकॉट करने की मांग उठाई। कुछेक लोग इस हैशटैग का विरोध भी कर रहे हैं। जैसे इब्राहिम काजी ने लिखा है कि 'पाकिस्तान और UAE के ऐतिहासिक रिश्ते हैं और यह हैशटैग हमारे हित में नहीं है। तुर्की और UAE के बीच बहुत सारे मतभेद हैं मगर उन्हें उन दोनों मुस्लिम देशों को बातचीत से सुलझाना चाहिए।' भूल गए कितना कर्ज है पाकिस्तान पर पाकिस्तान उन देशों में से है जो खैरात पर निर्भर है। खाड़ी के देश उसे अच्छी-खासी मदद भेजते हैं। चीन, अमेरिका और इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के आगे पाकिस्तान हाथ फैलाए रहता है। UAE पर पाकिस्तान की निर्भरता कम नहीं है। UAE में करीब 15 लाख पाकिस्तानी रहते हैं यानी भारत के बाद UAE में सबसे ज्यादा प्रवासी पाकिस्तान से ही आते हैं। UAE लगातार पाकिस्तान को आर्थिक मदद पहुंचाता रहा है। साल 2019 में पाकिस्तान को UAE से 3 बिलियन डॉलर की रकम मिली। वहीं 3.2 बिलियन डॉलर आगे देने पर सहमति बनी। कोरोना वायरस संकट के समय भी UAE ने आर्थिक और मेडिकल सहायता पाकिस्तान को उपलब्ध कराई। मगर यह हैशटैग चला रहे पाकिस्तानी यूजर्स शायद यह सब भूल गए हैं। तुर्की-UAE में टेंशन क्यों?लीबिया में इन दिनों इंटरेस्टिंग डेवलपमेंट्स हो रहे हैं। तुर्की जहां गवर्नमेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड (GNA) को सपोर्ट करता है। वहीं फ्रांस, रूस, UAE और इजिप्ट जैसे देश खलीफा हफ्तार और उसके लड़ाकों का साथ देते हैं। पिछले दिनों लीबिया की सरकार ने तुर्की के सपोर्ट से हफ्तार के हमले को रोक दिया गया। तुर्की का आरोप है कि पूर्वी मेडटेरेनियन में उसके खिलाफ फ्रंट तैयार हो रहा है। वहीं UAE, ग्रीस, साइप्रस और फ्रांस ने मिलकर आरोप लगाया था कि तुर्की ने ग्रीक एयरस्पेस और साइप्रस की जल-सीमा का उल्लंघन किया है।
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