ट्रेन वही, टाइम टेबल वही लेकिन स्पेशल ट्रेन नाम हुआ तो बढ़ गया किराया

नई दिल्ली लॉकडाउन में जहां-तहां फंसे लोगों को घर या कार्य स्थल तक पहुंचाने के लिए ने भले ही ट्रेनों का आपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन यात्रियोंं की जेब काटने में कहीं भी कसर नहीं छोड़ रहा है। तभी तो नियमित राजधानी या मेल एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की जगह () को चलाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंंकि यदि रेलवे नियमित ट्रेन चलाता है तो उसे वही किराया मिलेगा, जो कि तय किया गया है। लेकिन यदि वह स्पेशल ट्रेन चलाता है तो उस ट्रेन की अधिकतर श्रेणी का किराया अपने आप 30 फीसदी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि रेलवे ने इस तरह का एक कामर्शियल सर्कुलर जारी किया है कि स्पेशल ट्रेन में किराया किस तरह से बढ़ेगा। स्पेशल ट्रेन के नाम पर रेलवे की बढ़ जाती है कमाई आज से ठीक पांच साल पहले, यानी 21 मई 2015 को, रेलवे बोर्ड के ट्रेफिक कामर्शियल विभाग ने स्पेशल ट्रेन के लिए एक कामर्शियल सर्कुलर निकाला था। इसमें कहा गया है कि स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल चार्ज लगेगा। उस सर्कुलर के मुताबिक स्पेशल ट्रेन में सेकेंंड क्लास के टिकट का दाम सामान्य ट्रेन के Basic fare का 10 फीसदी ज्यादा होगा जबकि स्लीपर क्लास, 3AC, 2AC और 1st AC Class में Basic fare इसी तरह के अन्य ट्रेनों के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा होगा। इसके अलावा रिजर्वेशन चार्ज, सुपर सरचार्ज और मेला सरचार्ज आदि नियमानुसार लगेगा। सामान्य ट्रेन की जगह चलाया जा रहा है स्पेशल ट्रेन आमतौर पर स्पेशल ट्रेन एक्स्ट्रा रश को क्लियर करने के लिए चलाया जाता है। उस समय नियमित ट्रेनें तो चलती ही हैं। लेकिन अभी चाहे की बात करें या मेल एक्सप्रेस स्पेशल की बात करें, सब को उसी ट्रेन के टाइम टेबल पर चलाने की घोषणा हुई है जो कि उसका मूल समय है। बताया जा रहा है कि उस स्पेशल ट्रेन का रोलिंग स्टॉक भी वही रहेगा, जिससे मूल ट्रेन चलती हैं। उदाहरण के लिए पटना राजधानी स्पेशल को पटना राजधानी एक्सप्रेस के टाइम टेबल पर उसी ट्रेन के रोलिंग स्टॉक से चलाया जा रहा है। इसी तरह वैशाली एक्सप्रेस स्पेशल को वैशाली एक्सप्रेस के नियमित टाइम टेबल पर चलाने की घोषणा हुई है। रेल कर्मचारी बताते हैं कि उस ट्रेन के लिए रोलिंग स्टॉक भी इसी ट्रेन का होगा। ट्वीट के जरिये हुई थी स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों ट्वीट कर 1 जून से 200 नॉन-एयरकंडीशंड स्‍पेशल ट्रेनें (Non trains) चलाने का ऐलान किया था। भारत का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्टर, , इससे पहले से देश में जहां-तहां फंसे लोगों के लिए 'श्रमिक स्‍पेशल' (Shramik special) ट्रेनें चला रहा है लेकिन इसमें भी स्पेशल ट्रेन का ही किराया वसूला जा रहा है। उसके अलावा 15 जोड़ी राजधानी स्‍पेशल ट्रेन्‍स भी दिल्‍ली को देश के अलग-अलग हिस्‍सों से जोड़ रही हैं। ये सब अमूमन राजधानी एक्सप्रेस के रोलिंग स्टॉक से उन्हीं ट्रेनों के टाइम टेबल पर चलाये जा रहे हैं।


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