शेयर मार्केट ने डुबोए लाखों करोड़, गोल्ड Vs रियल एस्टेट- क्या है बेहतर ऑप्शन?

नई दिल्ली कोरोना वायरस के कारण शेयर मार्केट में गिरावट का सिलसिला पिछले कई हफ्तों से जारी है। 26 फरवरी को सेंसेक्स 40 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे बंद हुआ, जिसके बाद लगातार यह गिरता चला जा रहा है। मार्च के महीने में सेंसेक्स में अब तक करीब 2700 अंकों की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। ऐसे में यह सवाल फिर से उठने लगा है कि क्या अभी भी निवेश के लिहाज से गोल्ड और रियल एस्टेट बेहतर ऑप्शन है? एक तरफ शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है तो दूसरी तरफ गोल्ड की कीमत लगातार उछलती जा रही है। 3 अप्रैल के कॉन्ट्रैक्ट वाले गोल्ड की कीमत सुबह 9.20 बजे 43750 प्रति दस ग्राम पर चल रही थी। इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करते हैं कि शेयर बाजार, गोल्ड और रियल स्टेट में निवेश करने के क्या फायदें और नुकसान हैं। सात साल पहले अप्रैल 2013 में सोने की कीमत 26 हजार के नीचे आ गई थी। दिसंबर 2015 में भी इसकी कीमत 26 हजार के नीचे थी। दिसंबर 2017 में सोने की कीमत 28000 के करीब थी। दिसंबर 2019 में इसकी कीमत में भारी उछाल आया और यह 39 हजार प्रति 10 ग्राम के करीब थी। पिछले तीन महीनों में इसकी कीमत 44 हजार को पार कर चुकी है। गोल्ड में निवेश 1. गोल्ड को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है। यहां छोटे निवेशक भी निवेश कर सकते हैं। निवेशक एक ग्राम गोल्ड भी खरीद सकते हैं। 2. गोल्ड में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म, दोनों तरह के निवेश किए जा सकते हैं। हालांकि लॉन्ग टर्म में यह बेहतर रिटर्न देता है। 3. जब शेयर मार्केट में तेजी रहती है तो गोल्ड की कीमत घट जाती है। यह समय होता है जब आप इसमें निवेश कर सकते हैं। 4. गोल्ड में निवेश को इनकैश कभी भी किया जा सकता है। 5. टैक्स के लिहाज से बात करें तो इसपर कैपिटल गेन टैक्स लगता है हालांकि गोल्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट पर टैक्स में छूट है। 6. गोल्ड की कीमत महंगाई दर से प्रभावित नहीं होती है। लिविंग कॉस्ट जैसे-जैसे बढ़ता है, इसकी कीमत में तेजी आती है। 7. गोल्ड में निवेश करने पर मेंटिनेंस कॉस्ट नहीं लगता है। रियल एस्टेट में निवेश 1. रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए बड़े फंड की जरूरत होती है। यह बड़े निवेशकों के लिए निवेश का विकल्प माना जाता है। 2. रेरा लागू होने के बाद आसमान छूती रियल एस्टेट की कीमत पर ब्रेक लगा है। हालांकि लॉन्ग टर्म में यह बहुत अच्छा रिटर्न देता है। 3. रियल एस्टेट को रेगुलर इनकम का सोर्स भी माना जाता है। रेंटल प्रॉपर्टी की कमाई से मॉर्गेज चुकाने में मदद मिलेगी। 4. रियल एस्टेट को कम लिक्विड असेट माना जाता है। अगर किसी मजबूरी में आप इसे बेचना चाहते हैं तो सही ग्राहक के मिलने में महीनों का वक्त लग सकता है। कानूनी प्रक्रियाओं में भी काफी वक्त लगता है और कभी-कभी तो निवेश करने से पहले ही आपके साथ धोखा हो जाता है। ऐसे में रियल एस्टेट में निवेश करने से पहले हर पहलु पर गंभीरत से विचार करने की जरूरत होती है। 5. रियल एस्टेट पर डेप्रिसिएशन टैक्स बेनिफिट मिलता है। हालांकि इसके लिए मेंटिनेंस कॉस्ट भी अलग से लगता है। 6. रियल एस्टेट में प्राइस ट्रांसपैरंसी नहीं है। इसकी कीमत बाजार तय करती है और एक प्रॉपर्टी के लिए अलग-अलग कीमत ऑफर की जा सकती है। शेयर मार्केट की बात करें तो यहां हर तरह के निवेशक हैं। इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हजार रुपये से लेकर करोड़ों रुपये का ट्रेड किया जाता है। एक निवेशक यहां रोजाना पैसा बना सकता है और गंवा सकता है। लॉन्ग टर्म निवेश की बात करें तो शेयर बाजार ने हमेशा शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन यह सबसे ज्यादा वोलाटाइल है। शेयर मार्केट वैश्विक संकेतों से प्रभावित होता है। शेयर मार्केट में तेजी और गिरावट के कारण घरेलू और वैश्विक दोनों हो सकते हैं। कई कंपनियां डूब जाती हैं, इसलिए यहां निवेश करने के बावजूद निवेशकों को बाजार और अपने निवेश के बारे में रोजाना की जानकारी रखनी होती है।


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