नई दिल्ली सोमवार को इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद आज उम्मीद की जा रही है कि शेयर मार्केट में स्थिरता होगी। मंगलवार को होली की वजह से कारोबार बंद रहा। हालांकि विश्व के अन्य सभी शेयर बाजारों में स्थिरता देखी गई। सोमवार को विदेशी निवेशकों की जबरदस्त बिकवाली के कारण में 1942 पॉइंट की भारी गिरावट आई थी। सेंसेक्स एक साल के निम्नतम स्तर, 35635 पर पहुंच गया। एक दिन में निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अमेरिकी शेयर मार्केट में जबरदस्त उछाल मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए। डाउ जोन्स में 1167 अंकों की तेजी दर्ज की गई, S&P 500 में 135 अंकों की और नैसडैक में 393 अंकों की तेजी आई। ब्रेंट क्रूड में भी 1.5 डॉलर की तेजी आई है और यह 39 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा था। सेबी के बयान से निवेशकों का हौसला मजबूत इधर बाजार को लेकर सेबी की तरफ से बयान जारी किए जाने के बाद निवेशकों का हौसला थोड़ा मजबूत हुआ है। सेबी ने अपने बयान में कहा कि भारतीय शेयर बाजार के साथ कोई समस्या नहीं है। बिकवाली का जो सिलसिला है वह बाहरी कारणों से है। ऐसे में निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना वायरस और कच्चे तेल की कीमत में आई भारी गिरावट के कारण शेयर बाजार में यह स्थिति पैदा हुई है। बॉन्ड मार्केट में उथल-पुथल की संभावना बात अगर बॉन्ड मार्केट की करें तो उसमें उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। यस बैंक के पुनर्गठन प्लान को लेकर रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह यस बैंक के AT1 बॉन्ड्स को बंद कर देगा। यह एक सुरक्षित बॉन्ड माना जाता है, जिसके कारण निवेशकों में हलचल बढ़ गई। ONGC में सबसे बड़ी गिरावट सोमवार को सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियां लाल निशान में बंद हुईं। 9 मार्च को इतिहास में सेंसेक्स की सबसे बड़ी गिरावट (1942 अंक) दर्ज की गई। इससे पहले 28 फरवरी को 1448 अंकों की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। ONGC के शेयर में सबसे अधिक 16.30 फीसदी और रिलायंस के शेयर में 12.40 फीसदी की गिरावट आई थी।
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