H-1B वीजा पाने वाली टॉप 10 कंपनियों में भारत की TCS, कॉग्निजेंट और टेक महिंद्रा

अयान प्रमाणिक/प्रियंका संगानी, बेंगलुरु/पुणे वित्त वर्ष 2019 में गूगल, ऐमजॉन, ऐपल और फेसबुक सहित सात अमेरिकी टेक्नॉलजी कंपनियां 10 सर्वाधिक एच-1बी वीजा हासिल करने वाली कंपनियों में शामिल रहीं। इससे पता चलता है कि डॉनल्ड ट्रंप सरकार भारत जैसे देशों से शॉर्ट टर्म वर्क परमिट पर कंप्यूटर साइंस पेशेवरों की नियुक्ति के मामले में अमेरिकी कंपनियों को फेवर कर रही है। पिछले साल तीसरे नंबर पर थी पिछले वित्त वर्ष में सर्वाधिक एच-1बी वीजा हासिल करने वाली शीर्ष 10 कंपनियों में भारत की TCS तीसरे नंबर पर रही। यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के नए आंकड़ों से पता चला है कि इस लिस्ट में अमेरिका में हेडक्वॉर्टर रखने वाली भारतीय आईटी कंपनी कॉग्निजेंट और टेक महिंद्रा भी शामिल हैं। वित्त वर्ष 2019 में कुल 88,324 एच-1बी वीजा जारी किए गए, जिनमें से 12 प्रतिशत शीर्ष 10 कंपनियों को मिले। अमेरिका एक साल में 85,000 एच-1बी वीजा जारी करता है विदेशी प्रवास के मामलों की जिम्मेदारी USCIS पर है। वह अक्टूबर से सितंबर के वित्त वर्ष पर चलती है। अमेरिका एक साल में 85,000 एच-1बी वीजा जारी करता है, जिसमें से करीब 70 प्रतिशत भारतीय नागरिकों को जारी किए जाते हैं। ये लोग भारतीय आईटी कंपनियों या अमेरिकी टेक्नॉलजी कॉर्पोरेशन के कर्मचारी हो सकते हैं। भारतीय कंपनियों के साथ भेदभाव लॉ फर्म Immigration.com के मैनेजिंग अटॉर्नी राजीव एस खन्ना ने बताया, 'हमने वीजा के मामले में पाया है कि थर्ड पार्टी साइट्स पर एंप्लॉयी तैनात करने वालों को संदेह की नजर से देखा जाता है। इस वजह से भारतीय कंपनियों के साथ भेदभाव हो रहा है, जबकि कंसल्टिंग कंपनियों को कोई कुछ नहीं कहता।' USCIS के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 में गूगल को सर्वाधिक 2,111, ऐमजॉन को 1,612 और TCS को 1,367 एच-1बी वीजा मिले। 1,132 के साथ फेसबुक और 991 के साथ ऐपल भी इस मामले में टॉप 5 कंपनियों में शामिल रहीं। टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट कंपनियों को अधिक वीजा इस मामले में नैशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनीज (नैस्कॉम) के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट कंपनियों को अधिक एच-1बी वीजा मिल रहे हैं। आईटी सेवाएं देने वाली कंपनियों ने यह मानना शुरू कर दिया है कि इस मामले में अमेरिका की टेक्नॉलजी और प्रॉडक्ट कंपनियों को उन पर बढ़त हासिल है।' वित्त वर्ष 2019 में जहां अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों को सबसे अधिक एच-1बी वीजा मिले हैं, वहीं भारतीय और भारत केंद्रित टेक्नॉलजी सर्विसेज कंपनियों की तरफ से दायर इनिशियल पिटिशंस बड़े पैमाने पर खारिज किए गए। कॉग्निजेंट को 920 फ्रेश वीजा कॉग्निजेंट को 920 फ्रेश वीजा मिले, जबकि उसके 1,360 आवेदन खारिज कर दिए गए। TCS को 1,367 फ्रेश वीजा मिले और 720 पिटिशंस खारिज कर दिया गया। वैसे कॉग्निजेंट को 8,767 कंटीन्युइंग वीजा पिटिशंस अप्रूवल मिले, जो शीर्ष 10 कंपनियों में सबसे अधिक है। TCS के लिए ऐसे वीजा की संख्या 4,050 रही।


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