नई दिल्ली एशिया के सबसे अमीर शख्स की (RIL) देश की पहली कंपनी है जिसका मार्केट कैप गुरुवार को 10 लाख करोड़ को पार कर गया। RIL अब इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है कि इसकी वैल्यू पाकिस्तान की आधी जीडीपी के बराबर है। पाकिस्तान की कुल जीडीपी करीब 23 लाख करोड़ रुपये है। भारत की जीडीपी से मुकाबला करें तो यह करीब 5.26 फीसदी है। भारत की कुल जीडीपी 190 लाख करोड़ रुपये है। विश्व में 156 ऐसे देश हैं, जिनकी जीडीपी आरआईएल से कम है। पिछले 30 सालों में कंपनी की मार्केट वैल्यू में 60 हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2005 में कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये था। 14 सालों में मार्केट कैप 10 गुना हो गया। 1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ की कंपनी बनने में आरआईएल को 12 सालों का वक्त लग गया। जुलाई 2017 में इसकी मार्केट वैल्यू 5 लाख करोड़ रुपये हुई। पिछले दो सालों में इसकी मार्कैट वैल्यू दोगुना हो गई। वर्तमान में मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 61 अरब डॉलर है, जबकि 2017 में उनकी कुल संपत्ति 23 अरब डॉलर थी। अभी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज को लंबा सफर तय करना है। मार्केट कैप के लिहाज से विश्व में यह टॉप-10 कंपनियों में नौवें स्थान पर है। वैल्यू की लिहाज से सऊदी अरामको 1700 अरब डॉलर के साथ विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है। दूसरे नंबर पर ऐपल है जिसकी वैल्यू 1190 अरब डॉलर है, तीसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट है जिसकी वैल्यू 1162 अरब डॉलर है। नौवें नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 140 अरब डॉलर है और आठवें नंबर पर Chevron है, जिसका मार्केट कैप 223 अरब डॉलर है। वैल्यू की लिहाज से 7.8 लाख करोड़ वाली टीसीएस दूसरे नंबर पर, 6.9 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ एचडीएफसी बैंक तीसरे नंबर पर, 4.5 लाख करोड़ वैल्यू के साथ हिन्दुस्तान यूनिलिवर चौथे नंबर पर और एचडीएफसी 3.9 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ पांचवें नंबर पर है। दसवें नंबर पर इन्फोसिस है, जिसका मार्केट कैप 2.9 लाख करोड़ रुपये है। टॉप-10 में एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक SBI है, जिसका मार्केट कैप 3.1 लाख करोड़ रुपये है और यह सातवें नंबर पर है। ग्रोथ के लिए कर्ज कंपनी ने ग्रोथ के लिए कर्ज का इस्तेमाल किया। कई बार निवेशक इससे चिंतित भी हुए। वित्त वर्ष 2009 में कंपनी पर कंसॉलिडेटेड डेट (ग्रुप स्तर पर एकीकृत कर्ज) 72,256 करोड़ रुपये था, जो 277 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ इस साल 31 मार्च तक 2.87 लाख करोड़ रुपये हो गया था। कंपनी ने इसे घटाने का वादा किया है। उसने कहा है कि वह 2021 तक कर्जमुक्त हो जाएगी। रिलायंस के शानदार प्रदर्शन की वजह से ग्लोबल-विदेशी ब्रोकरेज फर्म इसके शेयर पर बुलिश हैं। इस साल अब तक कंपनी के शेयर प्राइस में 40 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है।
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