कराची पाकिस्तान के कराची में हजारों लोग शिया-विरोधी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। इसके साथ ही देश में दंगों की आशंका पैदा होने लगी है। सोशल मीडिया पर पहले से ही प्रदर्शन की चर्चा तेज है। लोग पोस्ट, फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं। इस दौरान 'शिया काफिर हैं' के नारे बुलंद किए जा रहे हैं और आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान के बैनर लहराए जा रहे हैं। संगठन शियाओं की हत्या के लिए ही कुख्यात है। मुहर्रम को लेकर हमला शिया नेताओं के टीवी पर इस्लाम के खिलाफ बयान दिया था। इसके बाद से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। सोशल मीडिया पर #ShieGenocide भी ट्रेंड कर रहा है। आफरीन नाम की ऐक्टिविस्ट के मुताबिक शिया मुसलमानों को धार्मिक शास्त्र पढ़ने के लिए और मुहर्रम शुरू होने पर आशूरा में हिस्सा लेने के लिए हमला किया जाता है। आफरीन ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शिया मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं। शियाओं का 'नरसंहार' एक और ट्विटर यूजर ने लिखा है कि हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह शियाओं का नरसंहार ही है। पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और लोगों को इसका दोषी पाए जाने पर मौत की सजा होती है। आफरीन ने आरोप लगाया है कि कुछ साल पहले शियाओं को मारने के लिए अंजान नंबर से मेसेज किए जा रहे थे। कभी उन पर ग्रेनेड भी फेंके जाते हैं।
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