रोज़ 15 लाख यूजर खेलते हैं ऑनलाइन लूडो, गेम पर मंडरा रहा 'जुए' का साया!

वेंकट अनंत/अरिजित बर्मन, नई दिल्ली/मुंबई बहुत से लोगों ने बचपन में लूडो का बोर्ड गेम खेला होगा। अब इसे ऑनलाइन खेलना काफी पसंद किया जा रहा है। हालांकि इसके साथ ही यह प्रश्न भी उठने लगा है कि क्या इससे गैंबलिंग को बढ़ावा मिल रहा है। गूगल प्ले पर तीन वर्ष पहले लॉन्च लूडो किंग देश के लोकप्रिय ऑनलाइन गेम्स में शामिल है। इसे लगभग 30 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। इसके प्रतिदिन के 60 लाख ऐक्टिव यूजर्स हैं। वहीं लूडो स्टार को एक करोड़ बार डाउनलोड किया गया है और इसके प्रतिदिन के ऐक्टिव यूजर्स 15 लाख हैं। के सैंकड़ों वर्जन हैं। इनमें लूडो सुपरकिंग भी काफी लोकप्रिय है। एक यूजर औसत तौर पर ऑनलाइन लूडो खेलने में 45 मिनट बिताता है। इसकी तुलना में टिकटॉक पर लोग 38 मिनट से अधिक, फेसबुक पर 35 मिनट और ट्विटर पर करीब 14 मिनट खर्च करते हैं। देश की सबसे बड़ी मोबाइल गेमिंग स्टार्टअप नजारा के सीईओ मनीष अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन लूडो का मार्केट 45-60 करोड़ का है। कंपनियों की इनकम का बड़ा जरिया यूजर्स का ऐप में करंसी खरीदना है। इसके अलावा उन्हें विज्ञापनों से भी इनकम मिलती है। गेम शुरू करने से पहले यूजर्स को एक विज्ञापन देखना पड़ता है। लूडो किंग के विकास जायसवाल ने कहा, 'हमारी आमदनी का बड़ा हिस्सा विज्ञापनों से आता है।' कानूनी जानकारों का मानना है कि जब तक कोई कैश शामिल नहीं होता, तब तक इस बिजनस को लेकर समस्या नहीं है, लेकिन कैश के साथ स्थिति खराब हो सकती है। हाल में मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि गुजरात में एक व्यक्ति लूडो पर सट्टे में 11 लाख रुपये हार गया था और उस पर कर्ज देने वालों ने हमला किया था। अधिकतर गेम्स में व्यूइंग रूम एक्सपीरिएंस की सुविधा है जिसमें प्लेयर व्यूइंग रूम के लिंक को दुनियाभर में दोस्तों को भेजते हैं जो गेम के नतीजे पर सट्टा लगा सकते हैं। लॉ फर्म निशीथ देसाई असोसिएट्स की पार्टनर गौरी गोखले ने कहा, 'ये गेम्स केवल प्लैटफॉर्म हैं। अगर कोई इन पर सट्टा लगाता है तो कुछ नहीं किया जा सकता।' हालांकि फर्में गेम्स के अंदर बेटिंग कराने की कोशिशें हो रही हैं। देश में एक नियम यह है कि अगर कोई गेम स्किल से जुड़ा है तो बेटिंग को गैंबलिंग नहीं माना जाता। सरकार अभी इस मुद्दे में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अगर कोई अदालत कहती है कि इस ऐप से समस्या है और इस बारे में निर्देश दिए जाते हैं तो हम गूगल प्ले स्टोर या संबंधित फर्म को नोटिस देंगे।'


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