वाशिंगटन, एक मई (भाषा) भले ही कोडिंग और एम्युलेटिंग जैसे साधनों का विकास पश्चिमी देशों में हुआ है, इनमें सिद्धहस्त होकर भारतीय स्टार्टअप अब ऐसे दौर में पहुंच गये हैं जहां वे सफलतापूर्वक दुनिया भर के लिये उत्पाद तैयार कर रहे हैं और पश्चिमी देशों से पैसे भी कमा रहे हैं। अमेरिका के भारत केंद्रित एक परामर्श संगठन ने यह बात कही है। यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारतीय स्टार्टअप तीसरे चरण में पहुंच रहे हैं।’’ अघी ने कहा कि भारतीय आईटी उद्योग में 2000 के बाद तेजी आयी। इस
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