नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने व्यवस्था दी है कि चूक करने वाली कंपनियों को कर्ज देने वाले संगठन मूल कर्जदारों के खिलाफ दिवाला कानून के तहत रिण समाधान की कार्रवाई करने से पहले कॉरपोरेट गारंटी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। अपीलीय न्यायाधिकरण की तीन सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि कॉरपोरेट गारंटी देने वाले भी वित्तीय ऋणदाता हैं। पीठ ने कहा, ‘‘हमारा निष्कर्ष है कि कॉरपोरेट गारंटी देने वालों के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया शुरू करने से पहले मूल कर्जदारों के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला
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