सरसों में सुधार, सोयाबीन, सीपीओ और पाम तेल में गिरावट

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) देश भर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की खरीद शुरू होने से सरसों उत्पादक किसानों ने राहत की सांस ली है। बीते सप्ताहांत सरसों दाना (तिलहन फसल), सरसों दादरी, सरसों पक्की और कच्ची घानी तेलों की कीमतों में सुधार दर्ज हुआ जबकि मांग कमजोर होने के कारण सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव में गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि सप्ताह के दौरान सरकार ने एक अप्रैल से लागू 4,425 रुपये क्विन्टल के बढ़े हुए एमएसपी पर सरसों की खरीद शुरू कर दी है जिससे किसानों को औने-पौने दाम पर बिकवाली करने की मजबूरी से राहत मिली है और उन्होंने खुले बाजार में कम भाव पर बिकवाली बंद कर दी है। इससे सरसों में सुधार आया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 8-9 लाख टन सरसों का उत्पादन होता है जिसमें से तीन लाख टन सरसों की सरकारी खरीद की जा चुकी है। इस बार सरकार का अधिक मात्रा में और अधिक समय तक (30 जून तक) खरीद करने का लक्ष्य है जिससे कोविड-19 से त्रस्त सरसों किसानों को बिचौलियों से काफी राहत मिलने की उम्मीद है। पाम तेल विशेषज्ञ दोराब जी मिस्त्री ने कहा है कि मलेशिया और इंडोनेशिया में अगली बार कहीं अधिक पाम तेल के उत्पादन होने की उम्मीद है जबकि पाम तेल की वैश्विक मांग नगण्य है। कच्चे तेल के सस्ता होने से बायोडीजल निर्माण के लिए भी पाम तेल की मांग जबर्दस्त ढंग से प्रभावित हुई है। इस परिस्थिति में अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ), पामोलीन आरबीडी दिल्ली और पामोलीन कांडला तेलों के भाव में क्रमश: 100 रुपये और 70-70 रुपये की गिरावट आई।पिछले सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज भी सात प्रतिशत टूटा है जिससे गिरावट और बढ़ गई। मांग कमजोर होने से सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव भी अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 50 रुपये, 50 रुपये और 70 रुपये की हानि दर्शाते बंद हुए। बिनौला में भी 100 रुपये की गिरावट आई जबकि दूसरी ओर सोया खली की मांग बढ़ने से सोयाबीन दाना और सोयाबीन लूज के भाव, अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 25 रुपये और 100 रुपये का सुधार प्रदर्शित करते बंद हुए। सरसों दाना और सरसों दादरी का भाव क्रमश: 100 रुपये और 230 रुपये सुधरकर क्रमश: 4,400-4,425 रुपये और 8,800 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया जबकि सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव 20-20 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 1,415-1,560 रुपये और 1,485-1,605 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। स्थानीय मांग कमजोर पड़ने से मूंगफली दाना और मूंगफली गुजरात के भाव क्रमश: 4,815-4,865 रुपये और 13,000 रुपये प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित रहे। जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी 1,975- 2,025 रुपये प्रति टिन पर अपरिवर्तित बना रहा। बेहद कमजोर मांग होने के कारण वनस्पति घी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15 रुपये टूटकर 975-1,080 रुपये प्रति टिन (15 किग्रा) पर बंद हुआ, जबकि तिल मिल डिलिवरी का भाव 500 रुपये की गिरावट दर्शाता 10,500-14,500 रुपये रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सूत्रों ने बताया कि एक ओर जहां सोयाबीन दाना और लूज के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले क्रमश: 25 रुपये और 100 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 3,975-4,025 रुपये और 3,750-3,800 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। वहीं दूरी ओर मिल मांग कमजोर होने से सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमया: 50 रुपये, 50 रुपये और 70 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 8,800 रुपये, 8,650 रुपये और 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गये। सूत्रों ने बताया कि बायोडीजल बनाने के लिए हर साल लगभग 40 लाख टन कच्चे पामतेल की खपत होती है। लेकिन कच्चे तेल की मौजूदा कीमत के सीपीओ से भी नीचे चले जाने के कारण कच्चे पामतेल की मांग प्रभावित हुई है। वैसे भी वैश्विक स्तर पर पामोलीन की मांग कम है। इस परिस्थिति में सीपीओ एक्स कांडला, पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 100 रुपये, 70 रुपये और 70 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 6,250 रुपये, 7,630 रुपये और 6,930 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। मांग में गिरावट आने से बिनौला मिल डिलिवरी हरियाणा तेल की कीमत भी 100 रुपये टूटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 7,800 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई।


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