
मुंबई बजाज ऑटो ने रविवार को अपने कर्मचारियों को भेजे एक लेटर में कहा कि कंपनी ने अप्रैल की सैलरी में कटौती करने के प्रस्तावित फैसले को वापस ले लिया है। कंपनी ने लॉकडाउन अवधि के दौरान उन्हें पूरी सैलरी मिलने को लेकर आश्वस्त किया। इससे पहले कंपनी ने कैश रिजर्व बचाने के लिए सभी स्तर के कर्मचारियों की सैलरी में 10 पर्सेंट कटौती का प्रस्ताव दिया था। यह फैसला कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों के बंद होने के बाद उठाया गया था। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने इस पूरी अवधि के दौरान सैलरी नहीं लेने का फैसला किया था। कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट की ओर से भेजे आंतरिक लेटर में कहा गया है, 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह ऐसा समय हैं जहां हमें दिमाग की जगह दिल से काम करना चाहिए।' लेटर में लिखा है, 'हमारे बिजनस की सफलता शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के हममें से हर कर्मचारी पर निर्भर करती हैं। ऐसे में हम इससे पहले कि समाज के बड़े हिस्से को मदद देने के लिए आगे बढ़ें, हम सबसे पहले अपने खुद के लोगों को सुरक्षित करने के लिए बाध्य हैं। जब तक हम मदद करने की स्थिति में रहेंगे, तब तक हमारे अंतिम पायदान के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का एक भी बच्चा भूखे पेट नहीं सोएगा।' ऑटोमोबाइल कंपनियों की अप्रैल महीने में घरेलू बिक्री शून्य रही। साथ ही मार्च के आखिरी सप्ताह से ही उनके सभी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में कामकाज बंद है। इस बीच सैलरी जैसे फिक्स्ड कॉस्ट ने ऑटोमोबाइल कंपनियों के कैश फ्लो को बिगाड़ दिया है और उन्हें कैश बचाने के लिए सैलरी में कटौती, छंटनी जैसे फैसले लेने को मजबूर होना पड़ा है। हालांकि बजाज ऑटो ने अपने आंतरिक लेटर में कहा कि उसके जैसी बड़ी और मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों पर महामारी के पड़ने वाले असर को सीमित करने का प्रयास करना चाहिए। इस बीच देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने ग्रीन जोन में पड़ने वाले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स और कुछ SEZ में कामकाज शुरू करने की इजाजत दी है।
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