नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) एस्सार स्टील के अधिग्रहण को लेकर जारी त्रिकोणीय मुकाबले में जूझ रही दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी वेदांता के खिलाफ पर्यावरण और मानवाधिकार से जुड़े नियमों का उल्लंघन के आरोपों को लेकर एक पत्र लिखा पर बाद में उसने अपना पत्र वापस ले लिया। एस्सार स्टील के अधिग्रहण की दौड़ में इन दोनों के अलावा रूस के वीटीबी समूह द्वारा समर्थित न्यूमेटल लिमिटेड भी शामिल हैं। एस्सार स्टील पर विभिन्न बैंकों का 49,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। आर्सेलरमित्तल ने 15 सितंबर को एस्सार स्टील के समाधान पेशेवर को कड़े शब्दों में लिखी चिट्ठी में वेदांता पर "भारत और जांबिया में पर्यावरण से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने" के आरोपों का उल्लेख किया। इसके अलावा इसमें खनन में सुरक्षा मानकों और मानवाधिकार उल्लंघन के कथित आरोपों का भी जिक्र था। हालांकि, आर्सेलरमित्तल ने पत्र को वापस लेते हुये कहा, "यह कंपनी के दर तैयार किए गए एक पत्र का मसौदा था जो अनजाने में भेज दिया गया है। कृपया इसे नजरअंदाज किया जाये। इसके कारण होने वाली असुविधा के लिये हमें खेद है।" कंपनी के प्रवक्ता ने पत्र में टिप्पणी करने से इनकार किया है। वहीं, वेदांता के प्रवक्ता ने चिट्ठी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि इस तरह के निराधार और अप्रासंगिक मुद्दों को उठाया जाना निराशाजनक है। इस तरह के बेबुनियाद आरोपों का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करना है। प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह के प्रयास इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड की बोली प्रक्रिया के दौरान भी लगे थे। भाषा पवन मनोहरमनोहर
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