नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सरकार निजी डेटा संरक्षण विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही। न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में गठित उच्च-स्तरीय समिति ने डेटा संरक्षण विधेयक का मसौदा तैयार किया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 30 सितंबर तक इस मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणी आमंत्रित की है। बिल के मसौदे में "संवेदनशील निजी जानकारियां" जुटाने के लिये "स्पष्ट सहमति" का विचार रखा गया है। इसमें धार्मिक या राजनीतिक विचार, लैंगिक-आकर्षण और बायोमैट्रिक जानकारियां शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि मंत्रालय को उम्मीद है कि सुझाव और प्रतिक्रिया मिलने के बाद विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में किया जायेगा। संसद का शीतकालीन सत्र नवबंर-दिसंबर में आयोजित किए जाने की संभावना है। निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2018 के मसौदे में निजी सूचना का दुरुपयोग रोकने के लिये डेटा संरक्षण प्राधिकरण स्थापित करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा प्रावधानों के उल्लंघन पर कंपनी के कुल कारोबार का 4 प्रतिशत या 15 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव है। भाषा पवन मनोहरमनोहर
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