विजय वी. सिंह/मुंबई पंजाब नैशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी को एक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा अपराधी घोषित किए जाने के बाद उनकी संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है। काला घोड़ा और वर्ली में उनकी दो संपत्तियां हैं। नीरव को भगोड़ा अपराधी घोषित करने वाला स्पेशल प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उसने नीरव मोदी की 2,400 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर उसकी नीलामी करने का आवेदन किया है। जब्ती के साथ ही इन संपत्तियों पर सरकार का अधिकार हो जाएगा। नीलामी से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल बैंकों को हुए घाटे को दूर करने में किया जाएगा। 13 हजार करोड़ का चूना लगाया नीरव मोदी उसके मामा तथा कई अन्य लोगों पर पीएनबी को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। नीरव मोदी के खिलाफ फ्यूजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स ऐक्ट इसलिए लगाया गया, क्योंकि वह बीते साल 1 जनवरी को देश छोड़कर फरार हो गया और वापस लौटने से मना कर दिया। पढ़ें : मार्च में हुआ गिरफ्तार नीरव मोदी को इस साल मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसे भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है। विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा कारोबारी है, जिसे फ्यूजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स ऐक्ट के आधार पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है। कोर्ट ने भी दिया झटका पिछले दिनों मामा-भांजे मेहुल चोकसी और नीरव मोदी दोनों को कोर्ट से झटका लगा। एक तरफ लंदन में नीरव मोदी की हिरासत 2 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी गई है तो दूसरी तरफ बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेहुल चोकसी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसके खिलाफ विशेष अदालत में चल रही प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया गया था। इस तरह दिया 13 हजार करोड़ के घोटाले को अंजाम जांच एजेंसियों के मुताबिक, नीरव मोदी और उनके मामा चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर कथित रूप से पीएनबी को धोखाधड़ी के साथ गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करा कर 13,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया। ये गारंटी पत्र मार्च 2011 से ही मुंबई की पीएनबी की एक बैंक शाखा से कथित तौर पर धोखाधड़ी करके मोदी से जुड़ी कंपनियों के समूह के पक्ष में जारी किए जाते रहे। ये गारंटी पत्र तब तक जारी होते रहे, जब तक कि यह मामला सामने नहीं आ गया।
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