मुंबई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक सर्वे में पता चला है कि केवल 14 फीसदी शुरुआती छह महीने में 10 से ज्यादा कर्मचारियों को रखते हैं। बिजनस के ठीक से स्थापित हो जाने के बाद भी 60 फीसदी नई कंपनियां 10 या इससे कम कर्मचारियों को ही रखती हैं। आधे स्टार्टअप्स एक तरह के उत्पाद पर काम कर रहे हैं इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में करीब 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स कंपनियां नए प्रकार के उत्पादों पर काम कर रही हैं और 20 प्रतिशत ने अपने उत्पादों को पेटेंट कराने के आवेदन कर रखे हैं। नवंबर-अप्रैल 2018-19 में किए गए इस सर्वे में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, दिल्ली और तमिलनाडु की 1,246 स्टार्टअप्स इकाइयों को शामिल किया गया। कृषि, डेटा ऐनालिसिस क्षेत्र में ज्यादा स्टार्टअप्स सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इनमें 50 प्रतिशत इकाइयां कृषि, डेटा ऐनालिसिस, शिक्षा, स्वास्थ्य , सूचना प्रौद्योगिकी/समाधान और विनिर्माण क्षेत्र की थी। इनमें से एक चौथाई इकाइयों का सालाना कारोबार 10 लाख रुपये तक था। सर्वे में 20 प्रतिशत स्टार्टअप ने आय होने का कोई उल्लेख नहीं किया। 20 फीसदी स्टार्टअप्स की कमाई सालाना 1 करोड़ से ज्यादा औसतन पांच में से एक इकाई ने अपनी आय एक करोड़ रुपये सालाना से ऊपर बताई। केवल 14 प्रतिशत स्टार्टअप ने कहा कि उनके यहां पहले छह माह में 10 से ज्यादा लोग काम करते थे। सर्वे में 36 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें बैंक और अन्य संस्थाओं से कर्ज मिला हुआ है। 70 प्रतिशत इकाइयां तीन साल से काम कर रही थीं।
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