नई दिल्ली ग्रोथ लगातार घट रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी थी। दूसरी तिमाही में इसके और घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। निवेश के लिहाज से अर्थव्यवस्था की यह कैसी स्थिति है? इसको लेकर ICICI प्रूडेंशियल AMC के CIO एस नरेन ने कहा कि जब बहुत कम हो, वह निवेश के लिए बेहतरीन मौका होता है। उनका कहना है कि जब ग्रोथ रेट बढ़ेगा, तब अच्छे रिटर्न के साथ निवेश निकाला जा सकता है। ग्रोथ रेट कम लेकिन मार्केट वैल्यू ठीक एस नरेन का कहना है कि अभी समस्या यह है कि ग्रोथ कम है, लेकिन मार्केट वैल्यूएशन 2002 या 2008 जितना सस्ता नहीं है। हालात चुनौतीपूर्ण हैं, इसलिए वैल्यू स्टॉक्स में GDP ग्रोथ की झलक मिल रही है। कम GDP ग्रोथ के समय निवेश करने पर ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है। दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट घटने का अनुमान एक नजर अगर ग्रोथ रेट पर डालें तो इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ग्रोथ रेट घटकर 4.7 फीसदी रह सकता है। पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 5 फीसदी था। यह 2013 के बाद किसी तिमाही में न्यूनतम आर्थिक वृद्धि दर थी। दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी संभव- एसबीआई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इकनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए विकास का अनुमान घटा दिया है। एसबीआई के मुताबिक, दूसरी तिमाही में विकास दर 4.2 फीसदी के करीब रह सकती है। विकास दर में गिरावट के लिए ऑटो सेक्टर में सुस्ती, हवाई यातायात में कमी, बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर स्थिर रहने तथा निर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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