नई दिल्ली आम तौर पर और अन्य एजेंसियों के छापे में पहले कालाधन जमा करने वालों के पास से बड़े नोट निकला करते थे लेकिन अब यह ट्रेंड बदल रहा है। नवंबर 2016 में हुई के बाद अवैध धन जमा करने वालों के मन में खौफ बैठ गया है कि पता नहीं कब सरकार बड़े नोटों को बंद कर दे। इस सयम मार्केट में सबसे बड़ा नोट 2000 का है लेकिन सरकार के मुताबिक आयकर विभाग के छापों में बरामद रकम में 2,000 के नोट ज्यादा नहीं मिल रहे हैं। गुरुवार को सरकार ने बताया कि 2017-18 में विभाग के छापे में बरामद रकम में 68 फीसदी नोट 2000 के थे जो कि इस साल गिरकर 43 फीसदी ही रहे गए हैं। अनुमान यह भी है कि 2,000 के नोटों की संख्या इसलिए भी कम हुई है क्योंकि रिजर्व बैंक ने इन नोटों का फ्लो घटा दिया है। इसके अलावा नोटबंदी का भी लोगों को डर लगा रहता है। अब अवैध धन जमा करने वाले लोग छोटे नोटों को प्राथमिकता देते हैं। संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताया, 'पिछले तीन वित्तीय वर्षों में रकम की बरामदगी को लेकर अध्ययन किया गया जिसमें पता चला है कि 2,000 के नोटों की बरामदगी लगातार घटी है। पिछले तीन साल में यह घटकर 67.9 फीसदी से 43.2 फीसदी हो गई है।' बता दें कि नोटबंदी में 1,000 और 5,00 के नोट बंद होने के बाद सबसे पहले नए 2,000 के नोट ही बाजार में आए थे। इससे पहले के छापों में सबसे ज्यादा नोट 1,000 के और फिर 5,00 के बरामद होते थे। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 में 2,000 के नोटों का फ्लो लगभग आधा हो गया। इस समय इन नोटों का फ्लो केवल 31 फीसदी रह गया है। आरबीआई के डेटा के मुताबिक लगातार 2,000 के नोटों का फ्लो कम ही हो रहा है। माना जा रहा है कि सरकार इन नोटों को बाजार में ज्यादा मात्रा में नहीं रहने देना चाहती।
from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times http://bit.ly/2KCmC7U