नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि पीएसीएल मामले में आस्ट्रेलियाई अदालत ने उसके दावे को स्वीकार कर लिया है। पीएसीएल निवेशकों की तरफ से दायर दावे कंपनी द्वारा वहां भेजे गए निवेशकों के धन को भारत लाने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक बयान में कहा कि पीएसीएल द्वारा जुटाये गये धन का उपयोग आस्ट्रेलिया में संपत्ति के अधिग्रहण के लिये किया गया। पीएसीएल ने भारत में कृषि और रीयल एस्टेट कारोबार के नाम पर धन जुटाया था। सेबी ने पाया कि कंपनी ने 18 साल में करोड़ों रुपये अवैध तरीके से सामूहिक निवेश योजनाएं के जरिये जुटाये गये। नियामक पहले ही भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त कर चुका है। समिति संपत्ति बेचकर कोष प्राप्त करने की प्रक्रिया को देख रही ताकि पात्र निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके। नियामक ने पाया कि जांच में पाया गया कि पीएसीएल द्वारा निवेशकों से जुटाया गया धन का उपयोग आस्ट्रेलिया में संपत्ति के अधिग्रहण के लिये किया गया था। लोढ़ा समिति की सिफारिश पर सेबी ने आस्ट्रेलिया की संघीय अदालत में दावा याचिका दायर की। इसमें पीएसीएल के निवेशकों की तरफ से संपत्ति बेचकर प्राप्त धन स्वदेशन भेजने का आग्रह किया गया था। बयान के मुताबिक, ‘‘संघीय अदालत ने सेबी की दावा याचिका स्वीकार करते हुए 20 जुलाई 2018 को फैसला सुनाया और मामले में 23 जुलाई को आदेश दिया।’’ आस्ट्रेलिया में सम्पत्तियों की बिक्री का धन सेबी के पास आएगा। पीएसीएल ने करीब 5 करोड़ निवेशकों से नियम के विरुद्ध पेश अपनी निवेश योजनाओं में 49,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उसे ब्याज सहित अनुमानित 60,000 करोड़ रुपये लौटाने हैं। भाषा रमण मनोहरमनोहर
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