रुपये पर दबाव, वैश्विक व्यापार की चिंता में सेंसेक्स ने लगाया 505 अंक का गोता

मुंबई, 17 सितंबर (भाषा) शेयर बाजारों में पिछले दो कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर सोमवार को विराम लग गया। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 505 अंक से अधिक अंक का गोता लगाकर 38,000 के स्तर से नीचे बंद हुआ। सरकार के रुपये को थामने के लिये कदमों की घोषणा के बावजूद वैश्विक व्यापार युद्ध तथा रुपया संकट के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 137 अंक टूटकर 11,400 अंक के नीचे पहुंच गया। वित्त क्षेत्र में एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक दोनों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। कारोबारियों के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका के कारण एशियाई और यूरोपीय बाजारों में नरम रुख का असर घरेलू बाजार पर पड़ा। सरकार ने चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने तथा रुपये में गिरावट को थामने के लिये पिछले शुक्रवार को कई उपायों की घोषणा की। इसमें मसाला बांड पर विदहोल्डिंग कर को हटाना, एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) के लिये नियमों में ढील तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी शामिल हैं। इस बीच, अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान फिर से 72 के स्तर से नीचे 72.69 पर पहुंच गया। तीस शेयरों वाला बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स की शुरूआत कमजोर रही और चौतरफा बिकवाली से जल्दी ही 38,000 अंक के नीचे 37,548.93 अंक तक चला गया। अंत में यह 505.13 अंक या 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,585.51 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, पिछले दो सत्रों में इसमें 677.51 अंक की तेजी आयी थी। एनएसई निफ्टी भी 137.45 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,377.75 अंक पर बंद हुआ। एक विश्लेषक ने कहा, ‘‘अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका की खबर का बाजार पर असर पड़ा। साथ ही रुपये के मूल्य में गिरावट से भी धारणा प्रभावित हुई। ज्यादातर खंडवार सूचकांक सेंसेक्स के अनुरूप रहे और गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार विश्लेषक वैश्विक गतिविधियों से प्रभावित है और हम इसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं देख रहे।’’ इस बीच, अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 1,090.56 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 115.14 करोड़ रुपये की लिवाली की। बैंक खंड में नुकसान में रहने वाले प्रमुख शेयरों में एचडीएफसी बैंक 1.81 प्रतिशत, एसबीआई 1.65 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 1.60 प्रतिशत, यस बैंक 1.39 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 0.82 प्रतिशत तथा कोटक बैंक 0.61 प्रतिशत शामिल हैं। वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की उच्च कीमत से भी धारणा प्रभावित हुई। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट 0.65 प्रतिशत बढ़कर 78.60 डालर बैरल जबकि डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमत 0.71 प्रतिशत बढ़कर 69.48 डालर बैरल रही। गोल्डमैन साक्श की रिपोर्ट से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का शेयर बाजार में तेजी का दौर पूरा हो चुका है। सेंसेक्स के शेयरों में सन फार्मा सर्वाधिक नुकसान में रही। कंपनी का शेयरा 2.85 प्रतिशत नीचे आया। उसके बाद एचडीएफसी लि. का स्थान रहा जो 2.47 प्रतिशत नीचे आया। नुकसान में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में टाटा मोटर्स, आरआईएल, एशियन पेंट्स, हीरो मोटो कार्प, आईटीसी, एचयूएल, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, एनटीपीसी, एल एंड टी तथा बाजाज आटो शामिल हैं। दूसरी तरफ पावर ग्रिड में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गयी। कंपनी का शेयर 0.70 प्रतिशत मजबूत हुआ। उसके बाद क्रमश: टीसीसीएस (0.40 प्रतिशत), अडाणी पोट्र्स (0.37 प्रतिशत) तथा टाटा स्टील (0.05 प्रतिशत) का स्थान रहा। वैश्विक बाजारों में एशिया में हांगकांग का हैंग सेंग 1.28 प्रतिशत, शंघाई कंपोजिट सूवकांक 1.11 प्रतिशत नीचे आया। जापान में अवकाश के कारण वित्तीय बाजार बंद रहा। यूरो क्षेत्र में शुरूआती कारोबार पेरिस सीएसी 40 0.26 प्रतिशत तथा फ्रैंकफर्ट का डीएएक्स 0.36 प्रतिशत नीचे आया। लंदन का एफटीएसई भी 0.30 प्रतिशत टूटा। भाषा रमण मनोहरमनोहर

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