पिछले 9 दिनों में सरकार ने MSP पर करीब 8 लाख टन धान खरीदा

नई दिल्ली केंद्र ने सोमवार को कहा कि खरीफ धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है और पिछले नौ दिनों में किसानों को 1,511.13 करोड़ रुपये का भुगतान करके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर आठ लाख टन से अधिक की खरीद की गई है। केन्द्र ने कहा कि मौजूदा स्कीमों के अनुसार, एमएसपी पर दलहन और कपास की भी खरीद की जा रही है। मुख्य खरीफ फसल धान की खरीद 26 सितंबर से पंजाब और हरियाणा में शुरू हुई, जबकि अन्य राज्यों में यह खरीद 28 सितंबर से शुरू हुई। नवीनतम खरीद आंकड़ों को जारी करते हुए, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा कि सभी उत्पादक राज्यों में खरीफ सत्र 2020-21 में धान खरीद का काम सुचारू रूप से चल रहा है। केन्द्र ने कहा, ‘‘चार अक्टूबर को, वर्ष 2020-21 के खरीफ विपणन सत्र में 8,00,389 टन धान की संचयी खरीद हुई है।’’ इसमें बताया गया है कि 62,518 किसानों से धान 1,511.13 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीदा गया है। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए ग्रेड किस्म के लिए एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। इसके अलावा, सरकार, नोडल एजेंसियों के माध्यम से, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत एमएसपी पर दलहनों और तिलहनों की खरीद कर रही है। पीएसएस, खाद्य जिंसों की बाजार दर के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने की स्थिति में लागू होती हैं। चार अक्टूबर तक, हरियाणा और तमिलनाडु के 85 किसानों से 74 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर लगभग 103.40 टन मूंग की खरीद की जा चुकी है। इसी प्रकार, कर्नाटक और तमिलनाडु में 3,961 किसानों से 5,089 टन नारियल गरी, 52.40 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीदा गया है। केंद्र ने तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और हरियाणा से पीएसएस के तहत इस वर्ष 28.40 लाख टन खरीफ दलहनों और तिलहनों की खरीद करने को मंजूरी दी है और इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में 1.23 टन नारियल गरी की खरीद करने को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा कि पीएसएस मानदंडों के अनुसार खरीद के प्रस्ताव प्राप्त होने पर अन्य राज्यों के लिए अनुमोदन दिया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार, कपास के बीज (कपस) की खरीद भी एक अक्टूबर से शुरू हो गई है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने चार अक्टूबर तक हरियाणा के 29 किसानों से 40.80 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर 147 गांठ कपास की खरीद की है। पहले के मुकाबले अब सरकार नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों को संदेश देने के लिए दैनिक खरीद के आंकड़ों को जारी कर रही है कि एमएसपी पर खरीद को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है। पंजाब और हरियाणा और कई अन्य राज्यों में किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिसके बारे में उन्हें लगता है कि इससे खरीद का जिम्मा कॉर्पोरेटों के हाथ आ जायेगा और एमएसपी व्यवस्था का अंत हो जायेगा।


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