इस्लामाबाद करीब एक साल तक चुप्पी साधे रखने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने रविवार को पाकिस्तानी सेना और उसके चहेते प्रधानमंत्री इमरान खान पर जमकर हमला बोला। शरीफ ने एक तरफ जहां बेहद ताकतवर फौज की आलोचना की, वहीं यह भी कहा कि विपक्ष इमरान खान के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ है जो 'अक्षम' व्यक्ति को सत्ता में लेकर आए हैं। विपक्षी दलों ने इमरान के इस्तीफे मांग की। आइए जानते हैं कि नवाज शरीफ के रुख में अचानक आए इस बदलाव के पीछे क्या वजह है..... पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की ओर से आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन में तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ ने खान का कथित रूप से समर्थन करने के लिए देश की ताकतवर फौज की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'हमारा संघर्ष इमरान खान के खिलाफ नहीं है। आज, हमारा संघर्ष उन लोगों के खिलाफ है, जिहोंने इमरान खान को बैठाया है और जिन्होंने उन जैसे अक्षम व्यक्ति को लाने के लिए (2018) के चुनाव को प्रभावित किया और मुल्क को तबाह किया।' 'सबसे बड़ी प्राथमिकता इस चयनित सरकार को हटाने की होनी चाहिए' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता इस "चयनित सरकार और इस व्यवस्था" को हटाने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर बदलाव नहीं होते हैं तो मुल्क को अपूरणीय क्षति होगी।' उन्होंने कहा कि सेना को सियासत से दूर रहना चाहिए और संविधान एवं राष्ट्रपिता कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि का अनुसरण करना चाहिए तथा लोगों की पसंद में दखल नहीं देनी चाहिए। शरीफ ने कहा, 'हमने इस देश को अपनी नजर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजाक बना दिया है।' शरीफ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने एक बार कहा था कि पाकिस्तान में 'राज्य के अंदर एक राज्य है।' पीएमएल एन नेता ने कहा, 'यह दुखद है कि स्थिति बदतर हो गई है और राज्य के ऊपर एक राज्य हो गया है। यह समानांतर सरकार की बीमारी हमारी परेशानी की मूल वजह है।' उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं से देश की व्यवस्था को बदलने के लिए अहम फैसले लेने को कहा और आरोप लगाया कि मुल्क में फिलहाल 'मार्शल लॉ' लगा हुआ है। पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का नाम लिए बिना शरीफ ने कहा कि अदालत ने उनके खिलाफ संविधान को निलंबित करने के लिए कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, 'अदालतों ने तानाशाहों को संविधान के साथ खेलने का अधिकार दिया है और उस शख्स (मुशर्रफ) को बरी कर दिया जिन्होंने दो बार संविधान को निलंबित किया। वहीं, संविधान का पालन करने वाले अब भी जेल में हैं।' शरीफ ने सेना और इमरान खान के लाडले जनरल असीम बाजवा पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। जानें, क्यों पाकिस्तानी सेना पर हमलावर हैं नवाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के प्रमुख शरीफ (70) पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के वास्ते चार हफ्तों के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नवाज शरीफ इस जोरदार हमले के जरिए पाकिस्तानी सेना से डील करना चाहते हैं। दरअसल, एक तरफ लंदन से नहीं आने पर नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित किया गया है, वहीं उनकी बेटी मरियम नवाज शरीफ चाहकर भी अपने पिता के पास नहीं जा पा रही हैं। पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक करीब 6 महीने पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद को सेवा विस्तार के लिए नवाज शरीफ की पार्टी ने वोट दिया था। इसके बाद कहा जा रहा था कि दोनों के बीच डील हो गई। हालांकि अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इसके पीछे दो वजह है। पहला नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित किया जाना और दूसरी वजह नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को लंदन नहीं जाने देना। उनका कहना है कि इसी वजह से प्रमुख और इमरान खान से नाराज हैं। इसी वजह से नवाज ने दोनों के खिलाफ 'जंग' का ऐलान किया है। नवाज और जरदारी की इस जोड़ी से निपटने के लिए इमरान और सेना प्रमुख को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी।
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