पेटीएम का आरोप- 'जिसे गूगल कह रहा सट्टेबाजी, खुद भी कर रहा है वही काम'

बेंगलुरु इन दिनों गूगल और पेटीएम के बीच जंग छिड़ी हुई है। इसी बीच पेटीएम ने आरोप लगाया है कि जब ऐप्स की बात आती है तो गूगल की खुद के लिए अलग पॉलिसी हैं, जबकि बाकियों के लिए अलग। ये आरोप इस बात पर लगाया गया है कि खुद गूगल पर भी वैसे कैशबैक कैम्पेन चल रहे हैं, जिन्हें पेटीएम की ओर से चलाए जाने पर उसे सट्टेबाजी बताया जा रहा है। डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम ने रविवार को दावा किया कि भारत में वैध होने के बाद भी गूगल ने उसे कैशबैक की पेशकश हटाने के लिये बाध्य किया। पेटीएम ने यह भी आरोप लगाया कि गूगल की भुगतान सेवा ‘गूगल पे’ क्रिकेट पर आधारित इसी तरह की पेशकश खुद ही कर रही है। गूगल ने इसके ऊपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महज कैशबैक और वाउचर गूगल प्ले की सट्टेबाजी संबंधी नीतियों का उल्लंघन नहीं है। उसने कहा कि यदि नीतियों का आगे भी उल्लंघन किया जाता है तो गूगल प्ले डेवलपर खाते को निलंबित किया जा सकता है। क्या है मामला? गूगल ने आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट से पहले 18 सितंबर के नीतिगत अपडेट के बाद पेटीएम के ऐप को अपने ऐप स्टोर ‘प्ले स्टोर’ से कुछ समय के लिये हटा दिया था। पेटीएम का ऐप वापस प्ले स्टोर पर तब आ पाया था, जब उसने क्रिकेट से संबंधित एक फीचर से कैशबैक की सुविधा को वापस ले लिया था। पेटीएम ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उसे एंड्रॉयड प्ले स्टोर पर वापस जगह पाने के लिये यूपीआई कैशबैक व स्क्रैच कार्ड सुविधा को हटाने के गूगल के प्रावधान को मानने के लिये बाध्य किया गया। 'कैशबैक और स्क्रैच कार्ड हैं वैध' कंपनी ने कहा, ‘‘भारत में दोनों (कैशबैक व स्क्रैच कार्ड) ही पेशकश वैध है और सरकार के सभी नियमों व कानूनों का पालन करते हुए कैशबैक की सुविधा दी जा रही है।’’ गूगल के एक प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क किये जाने पर कहा कि महज कैशबैक या वाउचर की पेशकश करना हमारी गूगल प्ले सट्टेबाजी नीति का उल्लंघन नहीं है। उसने कहा कि गूगल ने प्ले स्टोर सट्टेबाजी नीति को पिछले सप्ताह नये सिरे से अमल में लाया है। यह नीति ऑनलाइन कसिनो अथवा खेल में सट्टेबाजी की सुविधा देने वाले ऐप को प्रतिबंधित करता है। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के साथ ही डेवलपरों को टिकाऊ व्यवसाय बनाने के लिये मंच व साधन मुहैया कराने के लिये अपनी नीतियों को सोच-विचारकर लागू करते हैं। बार बार नीतियों का उल्लंघन करने की स्थिति में हम इससे गंभीर कदम भी उठा सकते हैं, जिनमें गूगल प्ले डेवलपर खाते को निलंबित करना भी शामिल है। हमारी नीतियां सभी डेवलपरों पर लागू होती हैं।’’ 'ऐप प्ले स्टोर की नीतियां भेदभाव वाली' पेटीएम ने कहा कि ऐप प्ले स्टोर की नीतियां भेदभाव वाली हैं और परोक्ष तौर पर बाजार में गूगल का एकाधिकार स्थापित करने के लिये बनायी गयी हैं। उसने कहा कि उसे इस भेदभावपूर्ण नीति का अनुसरण करने के लिये बाध्य किया गया। भुगतान कंपनी ने कहा कि गूगल पे ने खुद ही तेज शॉट्स मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि एक लाख रुपये तक का निश्चित ईनाम पाने के लिये रन बनायें। गूगल पे ने भी इसे क्रिकेट सत्र की शुरुआत के समय पेश किया है। गूगल ने नहीं सुनी पेटीएम की बात पेटीएम ने यह भी आरोप लगाया कि उसे गूगल ने अपनी आपत्तियों का जवाब देने या विचार सामने रखने का कोई अवसर नहीं दिया। पेटीएम ने अपने ब्लॉग में कहा, "हम मानते हैं कि हमारा प्रचार अभियान दिशानिर्देशों के भीतर था और हमने कोई उल्लंघन नहीं किया था। यह किसी भी तरह से जुए से संबंधित नहीं था।" पेटीएम ने कहा कि उसकी गेमिंग अनुषंगी पेटीएम फर्स्ट गेम्स सहूलियत के साथ गूगल के स्वामित्व वाले मंच यूट्यूब पर भुगतान कर अपना प्रचार चला रही है, लेकिन गूगल की नीतियों के अनुसार वही विज्ञापन पेटीएम ऐप पर चलाने की इजाजत नहीं है।


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