शिल्पी सिन्हा, मुंबई इंडस्ट्री में फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की लिमिट मौजूदा 49 पर्सेंट से बढ़ाकर 74 पर्सेंट करने के लिए सरकार कंपनी पर इंडियन प्रमोटर के कंट्रोल को अनिवार्य बनाने वाला नियम खत्म कर सकती है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने ईटी को बताया कि इस सेक्टर में FDI लिमिट बढ़ाने के मुद्दे पर इंश्योरेंस रेगुलेटर, इंश्योरेंस कंपनियों और कंसल्टेंट्स के साथ सरकार की कई बैठकें हो चुकी हैं। मेटलाइफ और जेनराली सहित कई ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनियों ने 2015 में इंडियन कंट्रोल का नियम लागू होने के बाद से यहां के बिजनस में अपना स्टेक नहीं बढ़ाया है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अफसर ने कहा, 'सरकार फाइनैंस बिल के जरिए इंश्योरेंस ऐक्ट से कंट्रोल और ओनरशिप क्लॉज को हटाते हुए संबंधित प्रावधान में संशोधन करेगी। उसने FDI लिमिट को बढ़ाकर 74 पर्सेंट करने के प्रस्ताव वाला कैबिनेट नोट तैयार करने का फैसला किया है।' मामले की करीबी जानकारी रखने वाले सूत्र ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में FDI लिमिट बढ़ाने पर सावधानी से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'इसमें 'भारतीय मालिकाना हक और नियंत्रण' वाली जटिलता है। सरकार इसे सुलझाने पर विचार कर रही है।' सरकार, रेगुलेटर और इंडस्ट्री की बैठकों में शामिल होने वाले दूसरे सूत्र ने कहा कि रॉयल्टी, डिविडेंड, बैलेंस शीट की रिंग फेंसिंग और बोर्ड कंपोजिशन से जुड़े रेगुलेशंस की भी समीक्षा हो सकती है। इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई लिमिट 49% से शुरू करते हुए 74% तक ले जाने की इजाजत देने का प्रस्ताव है लेकिन विदेशी बीमा कंपनियों ने इस लिमिट को शुरू से ही 74% करने का सुझाव दिया है। सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में FDI लिमिट को 26% से बढ़ाकर 49% के लेवल तक मार्च 2015 में लेकर आई थी। इससे विदेशी प्रमोटर इंश्योरेंस जॉइंट वेंचर में स्टेक बढ़ाने को प्रेरित हुए और कंपनियों के लिए IPO लाने का रास्ता खुल गया। घरेलू स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों में HDFC लाइफ, SBI लाइफ और ICICI प्रूडेंशल जबकि लिस्टेड जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में ICICI लोंबार्ड, GIC Re और न्यू इंडिया अश्योरेंस शामिल हैं। देश में अभी 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां और 34 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं। 2015 में FDI लिमिट नॉर्म्स में बदलाव होने से पहले इंश्योरेंस ऐक्ट में डोमेस्टिक ओनरशिप और कंट्रोल को जरूरी बनाने वाला प्रावधान नहीं था। इसलिए ऑफशोर स्ट्रैटिजिक पार्टनर्स के लिए ऑपरेशनल और फाइनैंशल पॉलिसी से जुड़े फैसलों पर वीटो का अधिकार रखने सहित अच्छा-खासा नियंत्रण हासिल करना मुमकिन था। सरकार ने सितंबर में इंश्योरेंस इंटरमीडियरी में FDI लिमिट बढ़ाकर 100% कर दी थी।
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