मुंबई अर्थव्यवस्था में चुनौती बरकरार है। चुनौतीपूर्ण हालात के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बुधवार को बैंकों से कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां उनके समक्ष कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं, इसलिए बैंकों को पूरी मुस्तैदी के साथ इनका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार हो रहा है। बैंकरों के साथ दास की बैठक बुधवार को बैंकों के प्रमुखों के साथ मुलाकात की। उन्होंने बैंकरों से कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार आ रहा है और स्थिति मजबूत हो रही है। इस बैठक में स्ट्रेस्ड असेट्स को लेकर चर्चा हुई। दास ने बैंक प्रमुखों से कहा कि वह इन मामलों का निपटारा करने के लिए आपस में बेहतर तालमेल स्थापित करें। विकास दर 4.5 फीसदी पर पहुंची दिसंबर के पहले हफ्ते में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में इस बार सर्वसम्मति से रीपो रेट नहीं घटाने का फैसला लिया गया। दास ने बैंक प्रमुखों से कहा कि वह रेट कट का भरपूर फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं। दूसरी तिमाही में विकास की दर घटकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले छह सालों का न्यूनतम स्तर है। लाखों करोड़ का बैड लोन बैंकिंग सेक्टर पर करीब 10 लाख करोड़ के बैड लोन का बोझ है। करीब 4 लाख करोड़ का लोन तो टेलिकॉम कंपनियों पर है। इन कंपनियों की हालत ठीक नहीं है और यही हाल दूसरे सेक्टर की कंपनियों की भी है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण बैंकों पर ज्यादा लोन बांटने का दबाव भी है। ऐसे में बैंकों को हर कदम पर सावधानी बरतनी पड़ रही है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times http://bit.ly/2YCw5lu