हर्षवर्धन चैन से सोना है तो जाग जाओ! एक टीवी शो से मशहूर हुआ यह वाक्य लोग अक्सर इस्तेमाल करते हैं। हालांकि फिटनेस से जुड़ी कंपनियां और एक्सपर्ट्स आजकल इस पंचलाइन से सहमत नहीं दिख रहे हैं। स्लीप सॉल्यूशन स्टार्टअप वेकफिट ने हाल में 'स्लीप इंटर्नशिप' शुरू की है, जिसमें हिस्सा लेने वालों को 100 दिनों तक नौ घंटे प्रति दिन सोने के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे। कम नींद खतरनाक कैंपेन से जुड़ी कंपनी स्प्रिंग मार्केटिंग के फाउंडर और क्रिएटिव पार्टनर अरुण अय्यर ने बताया, 'आश्चर्य की बात है कि हमने कभी सोने के महत्व पर ध्यान नहीं दिया। हमने अकसर सुना है कि कैसे कई मशहूर लोग केवल कुछ घंटों की नींद लेते हैं, ताकि जॉब पर अधिक ध्यान देकर ज्यादा आउटपुट दे सकें। मुझे नहीं लगता कि यह सही तरीका है। हमें लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि नींद को अनदेखा कर हम खतरनाक बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।' सबसे कम नींद लेते हैं भारतीय फिटनेस सॉल्यूशन कंपनी फिटबिट की रिसर्च के मुताबिक, भारतीय लोग औसतन सात घंटे एक मिनट सोते हैं जो विश्व में सबसे कम है। फिटबिट के ब्रिटिश यूजर इससे औसतन 48 मिनट अधिक और अमेरिकी यूजर औसतन 32 मिनट ज्यादा नींद लेते हैं। क्यों कम सोते हैं भारतीय? कामकाज का मुश्किल माहौल, खानपान की खराब आदतें, मानसिक तनाव, संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं के कारण भारतीय कम सो पाते हैं। एक अच्छी बात यह है कि शहरी लोग पिछले कुछ वर्षों में फिटनेस को लेकर सजग हुए हैं। इससे जिम, सुपर फूड, ऑर्गेनिक बेवरेज आदि का नया मार्केट तैयार होने के साथ लोगों की सोने की आदतों में भी सुधार हो रहा है। 'लेट्स सेलिब्रेट स्लीप' कैंपेन IKEA के कंट्री मार्केटिंग मैनेजर अमिताभ पांडे ने बताया, 'उपभोक्ताओं ने सराहना की है कि IKEA सोने के महत्व पर चर्चा कर रही है। वर्षों से इस विषय को नजरअंदाज किया गया है। हमारे कैंपेन 'लेट्स सेलिब्रेट स्लीप' को शहरी ग्राहकों के लिहाज से सबसे सटीक कैंपेन माना गया है। अगर हम बेनिफिट को प्रेरणात्मक तरीके से पेश करते हैं और किफायती और आसान समाधान मुहैया कराते हैं, तो लोग थोड़ा अधिक खर्च करने के लिए तैयार हो जाते हैं।' सार्वजनिक समस्या बन गई है कम नींद हाल में एक और कैंपेन #TakeBackSleep की शुरुआत टेक्सटाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी बॉम्बे डाइंग और द टाइम्स ऑफ इंडिया ने मिलकर की थी। इसे राष्ट्रीय स्तर पर चलाया गया। नींद के महत्व को लेकर अचानक बढ़ी चर्चा के बीच मानसिक स्वास्थ्य का विषय भी उभर कर आता है। इसका एक अहम हिस्सा आराम करना होता है। माइंडडॉटफिट के लीड सायकायट्रिस्ट डॉ श्याम भट ने बताया, 'नींद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का बड़ा हिस्सा है और यह एक सार्वजनिक समस्या बन गई है। कम सोने से कई बीमारियां कम सोने से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल से जुड़ी बीमारियों के साथ डिप्रेशन और तनाव जैसी मानसिक परेशानियां हो जाती हैं। हम थेरपी, मस्तिष्क योग और ध्यान की मदद से मेंटल हेल्थ सॉल्यूशन दे रहे हैं। हम ये सुविधाएं क्लिनिक के बजाय अपने योग स्टूडियो में देते हैं ताकि लोगों को मरीज जैसा न महसूस हो।'
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