एयर इंडिया के पास अक्टूबर के बाद सैलरी देने का भी पैसा नहीं

मिहिर मिश्रा, नई दिल्ली की वित्तीय मुश्किलें बढ़ रही हैं। ऐसे में अक्टूबर के बाद कंपनी सैलरी भी नहीं दे पाएगी। यह जानकारी दो बड़े सरकारी अधिकारियों ने दी है। इनमें से एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'सरकार ने एयर इंडिया को 7,000 करोड़ की रकम पर सॉवरन गारंटी दी थी और कंपनी के पास 2,500 करोड़ रुपये बचे हैं, जिसका इस्तेमाल वह जल्द ही कर लेगी।' मई की सैलरी 10 दिन लेट एक अन्य अधिकारी ने बताया कि तेल कंपनियों, एयरपोर्ट ऑपरेटरों और अन्य वेंडर्स का बकाया चुकाने और कुछ महीनों की सैलरी देने में ये पैसे खर्च हो जाएंगे। एयर इंडिया हर महीने सैलरी पर 300 करोड़ रुपये खर्च करती है और वह महीनों से इसका भुगतान देरी से कर रही है। एक अन्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, 'यहां तक कि कंपनी ने मई की सैलरी भी 10 दिन की देरी से दी थी।' BSNL जैसी हालत एयर इंडिया अकेली सरकारी कंपनी नहीं है, जिसे एंप्लॉयीज को सैलरी देने में परेशानी हो रही है। खबरों के मुताबिक, बीएसएनएल लिमिटेड भी सैलरी देने की स्थिति में नहीं है। ऊपर जिन अफसरों का जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने कहा कि सरकार को एयरलाइन कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति की जानकारी है। हालांकि, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने आगामी बजट में कंपनी के लिए कोई मांग नहीं रखी है, जो 5 जुलाई को पेश किया जाना है। बजट से उम्मीद एक बड़े अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, 'हमने अंतरिम बजट में जो मांग रखी थी, वही इस बार भी रखी गई हैं। हम एयर इंडिया के अलग से कुछ नहीं मांग रहे हैं।' लोकसभा चुनाव से पहले आए अंतरिम बजट में एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को पिछले वित्त वर्ष में 3,900 करोड़ रुपये दिए गए थे और इस वित्त वर्ष में उसे 29,000 करोड़ दिए जाएंगे। इस कंपनी को एयर इंडिया का 58,000 करोड़ का कर्ज ट्रांसफर किया गया है। चुकाना है 9,000 करोड़ का कर्ज इस बीच, एयर इंडिया को भी इस वित्त वर्ष से 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान शुरू करना है, लेकिन उसकी हैसियत ऐसी नहीं दिख रही है। कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी है, लेकिन उसके स्वीकार किए जाने की संभावना कम है। सरकार इस कंपनी में 100 पर्सेंट हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है। आधा कर्ज अगले साल टालने की कोशिश इस साल कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश में है। ऊपर जिन अफसरों का जिक्र है, उनमें से एक ने कहा, 'हम कुल कर्ज में से आधे का भुगतान अगले साल तक टालने की कोशिश कर रहे हैं। यह वर्किंग कैपिटल लोन है। हालांकि, बाकी कर्ज के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वह पैसा एयरक्राफ्ट की एवज में लिया गया है।'


from Latest Business News in Hindi - बिज़नेस खबर, बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times http://bit.ly/2XfG4e7
Previous Post
Next Post
Related Posts