
नई दिल्ली मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 42 स्थानों की छलांग के साथ सूची में भारत की सबसे ऊंची रैंकिंग वाली कंपनी बन गई है। अभी तक इस सूची में सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) फॉर्च्यून 500 इंडिया सूची में पहले स्थान पर थी। पहली बार यह सूची 2010 में जारी हुई थी। ग्लोबल 500 में 106वें नंबर पर फॉर्च्यून ने कहा, ‘इस साल रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्लोबल 500 की सूची में 106वें स्थान पर है। इसने आईओसी को पीछे छोड़ा है जो 117वें पायदान पर है।’ वर्ष 2019 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी 32.1 प्रतिशत बढ़कर 82.3 अरब डॉलर पर पहुंच गई, जो 2018 में 62.3 अरब डॉलर थी। वहीं दूसरी ओर आईओसी की आमदनी इस दौरान 17.7 प्रतिशत बढ़कर 65.9 अरब डॉलर से 77.6 अरब डॉलर हो गई। सालाना 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी RIL की आमदनी फॉर्च्यून ने कहा कि पिछले दस साल के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी में सालाना 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। 2010 में यह 41.1 अरब डॉलर थी। वहीं इस अवधि में आईओसी की आमदनी सालाना आधार पर 3.64 प्रतिशत बढ़ी है। 2010 में यह 54.3 अरब डॉलर थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईओसी के अलावा इस सूची में शामिल अन्य भारतीय कंपनियां हैं- ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), टाटा मोटर्स, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) और राजेश एक्सपोर्ट्स। ग्लोबल 500 में और कौन-सी भारतीय कंपनियां ओएनजीसी इस सूची में 37 पायदान की छलांग के साथ 160वें स्थान पर है। एसबीआई 20 स्थान खिसककर 236वें स्थान पर पहुंच गई है। टाटा मोटर्स 33 स्थानों के नुकसान के साथ 265वें स्थान पर है। बीपीसीएल 39 पायदान चढ़कर 275वें स्थान पर पहुंची है। वहीं राजेश एक्सपोर्ट्स 90 स्थान खिसककर 495वें पायदान पर है। पहले नंबर पर US की वॉलमार्ट अमेरिका की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट फॉर्च्यून 500 सूची में शीर्ष पर बनी हुई है। वहीं चीन की सरकारी तेल एवं गैस कंपनी सिनोपेक ग्रुप एक स्थान की छलांग के साथ दूसरे पायदान पर है। नीदरलैंड की कंपनी डच शेल तीसरे और चाइना नेशनल पेट्रोलियम ऐंड स्टेट ग्रिड चौथे स्थान पर है। सऊदी अरब की पेट्रोलियम क्षेत्र की दिग्गज सऊदी अरामको पहले बार शीर्ष दस में पहुंची है। यह छठे स्थान पर है। वहीं बीपी, एक्सॉन मोबिल, फॉक्सवैगन और टोयोटा मोटर क्रमश: सातवें, आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर हैं।
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