चाचा, भतीजे के बीच बंटेगा 15 हजार करोड़ का वेव ग्रुप

अरुण कुमार, नई दिल्ली 15 हजार करोड़ रुपये के वेव ग्रुप का दिवंगत के बेटे मनप्रीत सिंह चड्ढा और उनके छोटे भाई राजिंदर (राजू) चड्ढा के बीच बंटवारा होगा। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है। वेव ग्रुप में बंटवारे की योजना लॉ फर्म AZB ऐंड एसोसिएट्स की सलाह पर तैयार की गई है। इसके मुताबिक, ग्रुप का 64 पर्सेंट हिस्सा मनप्रीत सिंह चड्ढा को मिलेगा। उनके पास ग्रुप के रियल एस्टेट कारोबार का जिम्मा होगा। उन्हें ग्रुप की ज्यादातर चीनी मिलें, मॉल और बेवरेज प्लांट्स भी मिलेंगे। ग्रुप का 36 पर्सेंट बिजनस राजू चड्ढा को मिलेगा। सूत्र ने बताया कि इसमें शराब कारोबार शामिल है। राजू चड्ढा को शराब डिस्ट्रीब्यूशन, डिस्टिलरी और ब्रुवरीज बिजनस मिलेगा। उन्हें नोएडा सेक्टर 18 स्थित 41 मंजिला इमारत ‘वेव वन’ भी मिलेगी, जिसमें 20 लाख वर्ग फुट का बिल्ट-अप एरिया है। वेव ग्रुप में बंटवारे की योजना से जुड़े एक शख्स ने बताया, 'शराब कारोबार में उत्तर प्रदेश और पंजाब में बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क शामिल है। इसमें दो डिस्टिलरी और एक ब्रुवरी शामिल है। इन पर राजू चड्ढा का नियंत्रण रहेगा।' फिल्म प्रॉडक्शन और वितरण कारोबार भी उन्हें ही मिलेगा। इस खबर को लेकर पूछे गए सवालों का वेव ग्रुप के प्रवक्ता ने जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'यह परिवार का अंदरूनी मामला है।' वहीं, राजू चड्ढा के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। दोस्ताना माहौल में इस बारे में फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया, 'दोनों पक्ष इसके लिए समझौते पर दस्तखत भी कर चुके हैं।' 1963 में शराब वितरण कंपनी के तौर कुलवंत सिंह चड्ढा ने इस कारोबार की शुरुआत की थी। पोंटी चड्ढा के दौर में वेव ग्रुप का बिजनस अलग-अलग क्षेत्रों में फैला। 2013 में उनकी मौत के बाद मनप्रीत और राजू मिलकर बिजनस चला रहे थे। मनप्रीत को दिसंबर 2012 में पिता की मौत के बाद ग्रुप का वाइस चेयरमैन और राजू चड्ढा को चेयरमैन बनाया गया था। वेव ग्रुप का कारोबार शुगर मैन्युफैक्चरिंग, डिस्टिलरी और ब्रुवरी, इंफ्राटेक (रियल एस्टेट), बेवरेजेज, एजुकेशन और एंटरटेनमेंट क्षेत्रों में फैला हुआ है। इनमें सबसे बड़ा कारोबार रियल एस्टेट है। ऊपर जिन सूत्रों का जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने बताया, 'जमीन सहित रियल एस्टेट बिजनस की कुल वैल्यू 9,000 करोड़ रुपये है।' ग्रुप के पास उत्तर प्रदेश में सात चीनी मिलें हैं। पंजाब के अमृतसर में ग्रुप का बेवरेज प्लांट है, जो कोका कोला इंडिया की 9 फ्रेंचाइजी में से एक है। लुधियाना और जम्मू को छोड़कर सारे मॉल मनप्रीत को मिलेंगे। राजू को पंजाब में एक चीनी मिल और पेपर मिलें मिलेंगी। राज्य में एबी शुगर लिमिटेड के नाम से उसकी एक डिस्टिलरी यूनिट है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी कंपनी का एक डिस्टिलरी और ब्रुवरी प्लांट है, जिसे वेव डिस्टिलरीज ऐंड ब्रुवरीज ऑपरेट करती है। कंपनी ने इसकी 80 पर्सेंट कैपेसिटी के लिए देश की सबसे बड़ी बीयर कंपनी यूनाइटेड ब्रुवरीज के साथ समझौता किया हुआ है। यूनाइटेड ब्रुवरीज के पास किंगफिशर ब्रांड का मालिकाना हक है।


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